ETV Bharat / state

CAA के समर्थन में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच ने किया गोष्ठी का आयोजन - नागरिकता संशोधन कानून राष्ट्र हित का कानून

राष्ट्रीय सुरक्षा मंच ने नागरिकता संशोधन कानून विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया था. गोष्ठी में CAA को लेकर विचार पेश किए. वहीं उसके संबंध में विशेष जानकारी दी.

Seminar organized on CAA
सीएए पर विचार गोष्ठी आयोजित
author img

By

Published : Jan 21, 2020, 1:48 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 3:37 PM IST

महासमुंद: नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जिले के स्वाध्याय केन्द्र में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच की ओर से एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. विचार गोष्ठी में प्रमुख वक्ता के तौर पर आरंग के पूर्व भाजपा विधायक मारकंडे चंद और महासमुंद के पूर्व निर्दलीय विधायक डॉक्टर विमल चोपड़ा मौजूद रहे.

सीएए पर विचार गोष्ठी आयोजित

वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 'नागरिकता संशोधन कानून राष्ट्रहित का कानून है. यह कानून क्यों जरूरी है और इसे क्यों लाया गया है और इस कानून को किस दृष्टिकोण से देखना चाहिए. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्धेश्य से इस विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था.

पढ़े:Weather Update: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना

बता दें नागरिकता संशोधन अधिनियम कोई नया कानून नहीं है. ये पुराना 1955 का कानून है. इसमें कुछ संशोधन किया गया है. संशोधन में पहले 11 साल का समय पूरा करने वाले शरणार्थी को नागरिकता दी जाती थी. उसका समय सीमा घटाकर 6 साल कर दिया गया है. दूसरा संशोधन शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर किया गया है. शरणार्थीयों को नागरिकता दी जायेगी लेकिन घुसपैठियों को नागरिकता नहीं दी जाएगी.

महासमुंद: नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जिले के स्वाध्याय केन्द्र में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच की ओर से एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. विचार गोष्ठी में प्रमुख वक्ता के तौर पर आरंग के पूर्व भाजपा विधायक मारकंडे चंद और महासमुंद के पूर्व निर्दलीय विधायक डॉक्टर विमल चोपड़ा मौजूद रहे.

सीएए पर विचार गोष्ठी आयोजित

वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 'नागरिकता संशोधन कानून राष्ट्रहित का कानून है. यह कानून क्यों जरूरी है और इसे क्यों लाया गया है और इस कानून को किस दृष्टिकोण से देखना चाहिए. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्धेश्य से इस विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था.

पढ़े:Weather Update: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना

बता दें नागरिकता संशोधन अधिनियम कोई नया कानून नहीं है. ये पुराना 1955 का कानून है. इसमें कुछ संशोधन किया गया है. संशोधन में पहले 11 साल का समय पूरा करने वाले शरणार्थी को नागरिकता दी जाती थी. उसका समय सीमा घटाकर 6 साल कर दिया गया है. दूसरा संशोधन शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर किया गया है. शरणार्थीयों को नागरिकता दी जायेगी लेकिन घुसपैठियों को नागरिकता नहीं दी जाएगी.

Intro:एंकर- नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में महासमुंद जिले के स्वाध्याय केन्द्र में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच के द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । विचार गोष्ठी में प्रमुख वक्ता के रूप में आरंग के पूर्व भाजपा विधायक मारकण्डे चंद व महासमुंद के पूर्व निर्दलीय विधायक डा विमल चोपडा मौजूद थे । वक्ताओ ने अपने विचार व्यक्त करते हुवे कहा कि नागरिकता संशोधन कानून राष्ट्रहित का कानून है । यह कानून क्यो जरूरी है और इसे क्यो लाया गया है एवं इस कानून को किस दृष्टिकोण से देखना चाहिए । इसे लेकर लोगो को जागरूक करने के उद्धेश्य से इस विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है । नागरिकता संशोधन अधिनियम कोई नया कानून नही है । ये पुराना 1955 का कानून है । इसमे कुछ संशोधन किया गया है । संशोधन में पहले जो 11 वर्ष का कालखण्ड पूर्ण करने वाले शरणार्थी को नागरिकता दी जाती थी उसका कालखण्ड घटाकर 6 वर्ष कर दिया गया है और दूसरा संशोधन शरणार्थीयों और घुसपैठियों में अंतर किया गया है । शरणार्थीयों को नागरिकता दी जायेगी एवं घुसपैठियों को नागरिकता नही दी जायेगी । ये विचार गोष्ठी लगभग दो घंटे चली ।
Body:बाइट 01- मारकण्डे चंद - पूर्व विधायक आरंग पहचान - काला वाला हाफ कोट और सफेद शर्ट

बाइट 02- डा विमल चोपडा - पूर्व विधायक महासमुंद पहचान - नीला वाला हाफ कोट और सफेद शर्ट

हाकिम नासिर महासमुंद छत्तीसगढ़ मो 9826555052Conclusion:
Last Updated : Jan 21, 2020, 3:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.