महासमुंद: नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जिले के स्वाध्याय केन्द्र में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच की ओर से एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. विचार गोष्ठी में प्रमुख वक्ता के तौर पर आरंग के पूर्व भाजपा विधायक मारकंडे चंद और महासमुंद के पूर्व निर्दलीय विधायक डॉक्टर विमल चोपड़ा मौजूद रहे.
वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 'नागरिकता संशोधन कानून राष्ट्रहित का कानून है. यह कानून क्यों जरूरी है और इसे क्यों लाया गया है और इस कानून को किस दृष्टिकोण से देखना चाहिए. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्धेश्य से इस विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था.
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बता दें नागरिकता संशोधन अधिनियम कोई नया कानून नहीं है. ये पुराना 1955 का कानून है. इसमें कुछ संशोधन किया गया है. संशोधन में पहले 11 साल का समय पूरा करने वाले शरणार्थी को नागरिकता दी जाती थी. उसका समय सीमा घटाकर 6 साल कर दिया गया है. दूसरा संशोधन शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर किया गया है. शरणार्थीयों को नागरिकता दी जायेगी लेकिन घुसपैठियों को नागरिकता नहीं दी जाएगी.