महासमुंद: शहर की श्रीराम वाटिका कॉलोनी (Shriram Vatika Colony) में करीब 50 परिवार रहते हैं. बीते 15 साल से ये सभी मूलभूत सुविधाओं की कमी (lack of basic facilities) से परेशान हैं. इनके घरों में न तो बिजली विभाग का मीटर (electricity department meter) लगा है और न ही स्थायी बिजली की सुविधा (power supply) मिल पाई है. ये सभी परिवार अस्थायी बिजली कनेक्शन (electricity connection) के भरोसे अपना जीवन जीने को मजबूर हैं.
गर्मी और बारिश के दिनों में इनकी परेशानी और भी बढ़ जाती है. अस्थायी बिजली कनेक्शन (electricity connection) की वजह से यहां के निवासी लगातार लो वोल्टेज सहित बिजली कटौती का दंश आज भी झेल रहे हैं. सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन यहां के लोगों को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. खासकर बिजली बिल हाफ योजना. इसकी वजह से यहां के लोगों को कोरोना काल में 5 हजार रुपये से 6 हजार रुपये प्रति महीने का बिल देना पड़ रहा है. जिससे इन्हें आर्थिक परेशानियों से भी दो-चार होना पड़ रहा है.
बरसात में हादसा होने का डर
स्थायी कनेक्शन और ट्रांसफॉर्मर न होने के कारण इस कॉलोनी में आए दिन लाइट बंद रहती है. लोग गर्मी से परेशान रहते हैं, वहीं बरसात के दिनों में कॉलोनी में पानी भरा होता है. जिससे कभी भी यहां हादसा होने का डर बना रहता है. कई बार यहां के लोगों और जनप्रतिनिधियों ने सरकार से गुहार लगाई है, लेकिन इनकी आवाज किसी ने नहीं सुनी.
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मिला अवैध कॉलोनी का दर्जा
श्रीराम वाटिका के निवासियों ने साल 2005-2006 में जैन बिल्डकॉन बिल्डर से यहां जमीन ली थी. यहां के स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जैन बिल्डर ने उन्हें धोखे में रखकर नगर और ग्राम निवेश से लेआउट की स्वीकृति के बिना जमीन बेच दी. जब लोग श्रीराम वाटिका कॉलोनी (Shriram Vatika Colony) में बसने आए, तब उन्हें इस बात की जानकारी लगी. नतीजा ये निकला कि श्री राम वाटिका कॉलोनी को नगर और निवेश गांव और नगरपालिका की सूची में अवैध कॉलोनी का दर्जा मिला है.
महिलाओं को हो रही परेशानी
श्रीराम वाटिका में रहने वाले गृहिणियों का कहना है कि बिजली बिल का भार इतना है कि उनके घर का बजट बिगड़ रहा है. रात में तो हालत तब और बुरी हो जाती है, जब कहीं आने-जाने के लिए यहां की महिलाओं को अंधेरे में ही घर से बाहर निकलना पड़ता है. कॉलोनी की महिलाओं ने नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर से मिलकर ट्रांसफार्मर और बिजली पोल के लिए एक मांग पत्र सौंपा है. जिस पर अध्यक्ष ने महिलाओं को 20 दिन में समस्या का समाधान करने का भरोसा जताया है. अब देखना होगा कि श्रीराम वाटिका के निवासियों की समस्या का समाधान कब तक हो पाता है. क्या नगर पालिका अध्यक्ष अपने किए वादे के मुताबिक, श्रीराम वाटिका के रहवासियों की मदद करते हैं या फिर यह एक वादा बनकर रह जाता है.