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महासमुंद: ठेका पद्धति को लेकर हड़ताल पर बैठे धान संग्रहण केंद्रों के कर्मचारी - धान संग्रहण केंद्रों के श्रमिकों का हड़ताल

महासमुंद में धान संग्रहण केंद्रों में काम करने वाले अर्धकुशल और अकुशल कर्मचारियों ने प्राइवेट ठेकेदारों के अंदर काम करने से इंकार कर दिया है. इसके विरोध में सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे धान संग्रहण केंद्रों में काम बंद पड़ा है.

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हड़ताल पर बैठे धान संग्रहण केंद्रों के कर्मचारी
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Published : Aug 11, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Aug 11, 2020, 2:51 PM IST

महासमुंद: जिले के धान संग्रहण केंद्रों में काम करने वाले अर्धकुशल और अकुशल कर्मचारी ठेका पद्धति के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से धान संग्रहण केंद्रों में काम बंद पड़ा है.

हड़ताल पर बैठे धान संग्रहण केंद्रों के कर्मचारी

जिले में 5 धान संग्रहण केंद्र महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली है. इन सभी धान संग्रहण केंद्रों में करीब 20 सालों से 325 अर्धकुशल और अकुशल श्रमिक धान लोडिंग और अनलोडिंग का काम करते आ रहे हैं. इन कर्मचारियों में फड़ चौकीदार और मुंशी भी शामिल है.

पढ़ें- SPECIAL: किसानों के लिए नहर बना अभिशाप, खींच रहा खेतों का पानी

इन अर्धकुशल और अकुशल श्रमिकों को उम्मीद थी कि वे मार्कफेड के परमानेंट कर्मचारी हो जाएंगे, लेकिन मार्कफेड ने ऐसा नहीं करके उन्हें इस साल से राजनांदगांव में एक ठेके पर मर्ज कर दिया है. जिसका विरोध करते हुए श्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गे हैं. श्रमिक प्राइवेट ठेकेदारों के अंदर काम करने से इंकार कर रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी नियमों का हवाला दे रहे हैं.

महासमुंद: जिले के धान संग्रहण केंद्रों में काम करने वाले अर्धकुशल और अकुशल कर्मचारी ठेका पद्धति के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से धान संग्रहण केंद्रों में काम बंद पड़ा है.

हड़ताल पर बैठे धान संग्रहण केंद्रों के कर्मचारी

जिले में 5 धान संग्रहण केंद्र महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली है. इन सभी धान संग्रहण केंद्रों में करीब 20 सालों से 325 अर्धकुशल और अकुशल श्रमिक धान लोडिंग और अनलोडिंग का काम करते आ रहे हैं. इन कर्मचारियों में फड़ चौकीदार और मुंशी भी शामिल है.

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इन अर्धकुशल और अकुशल श्रमिकों को उम्मीद थी कि वे मार्कफेड के परमानेंट कर्मचारी हो जाएंगे, लेकिन मार्कफेड ने ऐसा नहीं करके उन्हें इस साल से राजनांदगांव में एक ठेके पर मर्ज कर दिया है. जिसका विरोध करते हुए श्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गे हैं. श्रमिक प्राइवेट ठेकेदारों के अंदर काम करने से इंकार कर रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी नियमों का हवाला दे रहे हैं.

Last Updated : Aug 11, 2020, 2:51 PM IST
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