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महासमुंद: बाढ़ की विभीषिका झेल रहे 64 गांवों में हालात बिगड़ने से पहले कैंप लगाने के निर्देश

प्रशासन ने एक बार फिर सभी 64 गांवों को चिन्हांकित कर इन गांवों में राहत चिकित्सा शिविर की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. बाढ़ से पहले कलेक्टोरेट और तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है.

रेस्क्यू करते जवान
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Published : Jul 8, 2019, 1:32 PM IST

महासमुंद: महानदी के किनारे बसे 64 गांव ऐसे हैं, जहां हमेशा बाढ़ की संभावना बनी रहती है. हालांकि प्रशासन हर साल इन गावों के लोगों को बाढ़ से बचाने की तैयारी करता है, लेकिन बाढ़ का पानी हर साल इनकी परेशानियों को बढ़ा देता है.

रेस्क्यू् करते जवान

इस साल प्रशासन ने एक बार फिर सभी 64 गांवों को चिन्हांकित कर इन गांवों में राहत चिकित्सा शिविर की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. बाढ़ से पहले कलेक्टोरेट और तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है. चिन्हांकित गांवों में मितानिन के साथ दवाइयों की व्यवस्था की है. इसके अलावा हालात बिगड़ने पर बाढ़ राहत शिविर भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

बोटर बोट से किया गया मॉक ड्रिल
बीते दिनों अधिकारियों की मौजूदगी में अछोला गांव के पास महानदी में होमगार्ड के जवानों ने मॉक ड्रील किया. मॉक ड्रिल के दौरान जिला होमगार्ड के जवानों ने पानी में रेस्क्यू किया. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन के पास तमाम आवश्यक सामग्री मौजूद है. अपर कलेक्टर ने कहा कि मॉक ड्रिल में बाढ़ आपदा के आने के बाद कैसे बचाव किया जाए उसका अभ्यास किया जाता है. उन्होंने बताया कि मॉक ड्रील से जवानों का मनोबल बढ़ता है.

महासमुंद: महानदी के किनारे बसे 64 गांव ऐसे हैं, जहां हमेशा बाढ़ की संभावना बनी रहती है. हालांकि प्रशासन हर साल इन गावों के लोगों को बाढ़ से बचाने की तैयारी करता है, लेकिन बाढ़ का पानी हर साल इनकी परेशानियों को बढ़ा देता है.

रेस्क्यू् करते जवान

इस साल प्रशासन ने एक बार फिर सभी 64 गांवों को चिन्हांकित कर इन गांवों में राहत चिकित्सा शिविर की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. बाढ़ से पहले कलेक्टोरेट और तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है. चिन्हांकित गांवों में मितानिन के साथ दवाइयों की व्यवस्था की है. इसके अलावा हालात बिगड़ने पर बाढ़ राहत शिविर भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

बोटर बोट से किया गया मॉक ड्रिल
बीते दिनों अधिकारियों की मौजूदगी में अछोला गांव के पास महानदी में होमगार्ड के जवानों ने मॉक ड्रील किया. मॉक ड्रिल के दौरान जिला होमगार्ड के जवानों ने पानी में रेस्क्यू किया. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन के पास तमाम आवश्यक सामग्री मौजूद है. अपर कलेक्टर ने कहा कि मॉक ड्रिल में बाढ़ आपदा के आने के बाद कैसे बचाव किया जाए उसका अभ्यास किया जाता है. उन्होंने बताया कि मॉक ड्रील से जवानों का मनोबल बढ़ता है.

Intro:एंकर - महासमुंद जिले के 64 गांव ऐसे हैं जो महा नदी के किनारे बसे हुए हैं । जहां बरसात में बाढ़ आने की संभावना बनी रहती है। इसी के मद्दे नजर जिला प्रशासन ने आपदा से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी है।


Body:जिला प्रशासन ने जिले के चिन्हांकित 64 ग्रामों में राहत चिकित्सा शिविर की व्यवस्था एवं निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कलेक्टोरेट व तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। चिन्हाकित ग्रामों में मितानिन के साथ दवाइयों की व्यवस्था की है। बाढ़ राहत शिविर का चिन्हाकंन किया गया है। तैयरोको की भी व्यवस्था कर ली गई है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन की मौजूदगी में आज ग्राम अछोला से गुजरने वाली महानदी में जिला होमगार्ड के जवानों द्वारा एक बोटर बोट एक नाव के जरिए माक ड्रिल किया गया। माक ड्रिल के दौरान जिला होमगार्ड के जवानों ने पानी में फंसे जवानों को कैसे सहायता प्रदान कर उसको सुरक्षित पानी में फंसे लोगों को कैसे सहायता प्रदान कर उनको सुरक्षित पानी से रेस्क्यू करते हैं। उसका अभ्यास किया गया इस मॉक ड्रिल के दौरान जिला प्रशासन के सभी जिला स्तर के अधिकारी पुलिस के आला अधिकारियों के साथ जिला होमगार्ड के जवान मौजूद थे।


Conclusion:आपको बता दें कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन के पास एक बोर्ड एक नाम लाइव जैकेट सहित सभी व व आवश्यक सामग्री मौजूद है। माक ड्रिल के संदर्भ में अपर कलेक्टर का कहना है कि यहां माक ड्रिल बाढ़ आपदा के आने के बाद कैसे बचाव किया जाए। उसका अभ्यास है जिससे जवानों का मनोबल बढ़ता है।

बाइट 1- शरीफ मोहम्मद अपर कलेक्टर महासमुंद

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
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