ETV Bharat / state

महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल बना अखाड़ा, जानिए हंगामे और फाइट की वजह

Mahasamund Medical College Hospital: महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल शुक्रवार को अखाड़े में तब्दील हो गया. अस्पताल में इलाज के दौरान एक शख्स की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है. हालांकि अस्पताल के सह अधीक्षक ने आरोप को गलत करार दिया है. Protest after death in Mahasamund

Mahasamund Medical College Hospital
महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 12, 2024, 6:13 PM IST

महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल बना अखाड़ा

महासमुंद: महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा. मृतक की पत्नी ने डॉक्टरों पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है. हालांकि अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों ने आरोप को बेबुनियाद करार दिया है.

ये है पूरा मामला: दरअसल, ये पूरा मामला महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है. यहां पेशे से शिक्षक प्रभात गुप्ता नाम के शख्स को उसकी पत्नी इलाज के लिए शुक्रवार सुबह मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आई. प्रभात को इमरजेंसी यूनिट में भर्ती कराया गया. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के पूछने पर मरीज की पत्नी ने पेट में साधारण दवा देने की बाद कही. इस पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने वो दवा लाकर दिखाने को कहा. इसके बाद हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने मरीज को एक इंजेक्शन लगाया और पास के कमरे में जाकर बैठ गए. इसके बाद मरीज की हालत और भी बिगड़ गई. इसके बाद डॉक्टरों ने चेक किया और कहा कि प्रभात की मौत हो चुकी है.

पत्नी ने लगाया लापरवाही का आरोप: प्रभात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. वहीं, मृतक की पत्नी काजल गुप्ता ने इलाज में लापरवाही की बात कही. साथ ही कहा कि डॉक्टर इलाज न करके हमें घुमा रहे थे.

अस्पताल ने आरोप को बताया निराधार: इधर, अस्पताल के सह अधीक्षक बसंत माहेश्वरी ने कहा कि, "कोई लापरवाही नहीं बरती गई है, परिजनों का आरोप निराधार है. जब मरीज को यहां भर्ती कराया गया, तो उसकी हालत बेहद खराब थी. उसके ह्रदय की गति बहुत तेजी से चल रही थी. मृतक के परिजनों ने जो मरीज की हिस्ट्री बताई है, उनके अनुसार उन्हें एक माह से पीलिया था. वो पिछले एक माह से केवल पेय पदार्थ ही ले रहे थे. इस दौरान वे स्वयं इलाज कर रहे थे. उनका लीवर भी डैमेज था.भर्ती किए जाने के बाद ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों ने तुरंत ही उनका इलाज शुरू किया था. मरीज को बचाने का भरसक प्रयास किया गया."

अस्पताल की मानें तो मरीज की मौत सामान्य मौत है. वहीं, परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजन प्रभात की मौत के बाद अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा करते नजर आए.

भिलाई स्टील प्लांट में हड़ताल का नोटिस, सेल प्रबंधन के खिलाफ फूटा कर्मियों का गुस्सा
बेमेतरा में स्कूली बच्चों को लेकर जा रही पिकअप वैन पलटी, 25 बच्चे घायल
राममंदिर निर्माण के लिए ननिहाल से गया मजबूत लोहा, बीएसपी के फौलाद से खड़ा हुआ ढांचा

महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल बना अखाड़ा

महासमुंद: महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा. मृतक की पत्नी ने डॉक्टरों पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है. हालांकि अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों ने आरोप को बेबुनियाद करार दिया है.

ये है पूरा मामला: दरअसल, ये पूरा मामला महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है. यहां पेशे से शिक्षक प्रभात गुप्ता नाम के शख्स को उसकी पत्नी इलाज के लिए शुक्रवार सुबह मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आई. प्रभात को इमरजेंसी यूनिट में भर्ती कराया गया. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के पूछने पर मरीज की पत्नी ने पेट में साधारण दवा देने की बाद कही. इस पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने वो दवा लाकर दिखाने को कहा. इसके बाद हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने मरीज को एक इंजेक्शन लगाया और पास के कमरे में जाकर बैठ गए. इसके बाद मरीज की हालत और भी बिगड़ गई. इसके बाद डॉक्टरों ने चेक किया और कहा कि प्रभात की मौत हो चुकी है.

पत्नी ने लगाया लापरवाही का आरोप: प्रभात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. वहीं, मृतक की पत्नी काजल गुप्ता ने इलाज में लापरवाही की बात कही. साथ ही कहा कि डॉक्टर इलाज न करके हमें घुमा रहे थे.

अस्पताल ने आरोप को बताया निराधार: इधर, अस्पताल के सह अधीक्षक बसंत माहेश्वरी ने कहा कि, "कोई लापरवाही नहीं बरती गई है, परिजनों का आरोप निराधार है. जब मरीज को यहां भर्ती कराया गया, तो उसकी हालत बेहद खराब थी. उसके ह्रदय की गति बहुत तेजी से चल रही थी. मृतक के परिजनों ने जो मरीज की हिस्ट्री बताई है, उनके अनुसार उन्हें एक माह से पीलिया था. वो पिछले एक माह से केवल पेय पदार्थ ही ले रहे थे. इस दौरान वे स्वयं इलाज कर रहे थे. उनका लीवर भी डैमेज था.भर्ती किए जाने के बाद ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों ने तुरंत ही उनका इलाज शुरू किया था. मरीज को बचाने का भरसक प्रयास किया गया."

अस्पताल की मानें तो मरीज की मौत सामान्य मौत है. वहीं, परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजन प्रभात की मौत के बाद अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा करते नजर आए.

भिलाई स्टील प्लांट में हड़ताल का नोटिस, सेल प्रबंधन के खिलाफ फूटा कर्मियों का गुस्सा
बेमेतरा में स्कूली बच्चों को लेकर जा रही पिकअप वैन पलटी, 25 बच्चे घायल
राममंदिर निर्माण के लिए ननिहाल से गया मजबूत लोहा, बीएसपी के फौलाद से खड़ा हुआ ढांचा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.