महासमुंद: हाथियों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. हाथियों के कारण पूरे इलाके में रहने वाले लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं. हाथी कभी भी कहीं भी आ जा रहे हैं, जिससे लोग डर के साए में जिंदगी जी रहे हैं, तो वहीं अन्नदाता भी अपनी फसल बचाने के लिए रात में मशाल लेकर खेत-खलिहान ताकने को मजबूर हैं.
सिरपुर इलाके के लगभग 52 गांवों के लोगों पर हाथी पिछले कई साल से अपना कहर बरपा रहे हैं, जिसमें कुकराडीह, खडसा, मोहकम समेत 52 गांव शामिल हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि हाथी खरीफ की फसल को खेत में ही चौपट कर देते हैं. अगर वहां से बचा, तो खलिहान से साफ कर देते हैं.
4 लोगों की हो चुकी मौत
सरकारी आकड़ों की बात करें, तो 2019 में अभी तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग तो आज भी बिस्तर में जिंदगी काट रहे हैं. फसल बर्बादी की बात करें, तो अब तक 3 हजार 217 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं. जिनको तकरीबन 3 करोड़ 5 लाख 35 हजार 200 रूपये की मुआवजा राशि बांटी जा चुकी है. मामले में अधिकारियों का रटा रटाया जवाब है.
खतरे से कब मिलेगी निजात
बहरहाल 52 गांव में कहर बरपाते हुए हाथी कई लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं. साथ ही न जाने कितने लोग हाथियों के हमले में घायल हो चुके हैं. इससे पिछले कई साल से लोग दहशत के साए में जिंदगी जी रहे, लेकिन इन लोगों को कब इस खतरे से निजात मिलेगी. इसका जवाब न तो सिस्टम के पास है और न ही सरकार के पास है.