महासमुंद: नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के तहत महासमुंद जिले में 25 अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है. बाल वैज्ञानिकों की प्रतिभा निखारने में अटल टिंकरिंग लैब की अहम भूमिका है. अटल टिंकरिंग लैब योजना से छात्रों में रचनात्मकता बढ़ रही है.
कई बच्चों के मन में बचपन से ही कुछ नया करने की चाहत रहती है, लेकिन सही मंच नहीं मिलने कारण उनकी इच्छा अधूरी रह जाती है. ऐसे ही होनहार बच्चों के सपनों को पंख लगाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने देश के चुनिंदा स्कूलों की प्रयोगशालाओं को अनुसंधान के लायक बनाने के लिए वहां पर अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए हैं.
25 मॉडल प्रदर्शित किए गए
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बेलसोंडा में कार्यशाला का आयोजन किया गया. जहां प्रिंसिपल और टीचर्स को अटल टिंकरिंग लैब की बारीकियों से रू-ब-रू कराया जा रहा है. इस कार्यशाला में छात्रों की ओर से 25 मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं.
महासमुंद: अटल टिंकरिंग लैब, जहां तैयार हो रहे हैं जूनियर वैज्ञानिक
छात्रों ने बनाए आकर्षक मॉडल
कार्यशाला में छात्रों के बनाए स्मार्ट हेलमेट, वॉटर लीकेज इन सिस्टम, स्मार्ट डस्टबिन आदि मॉडल बनाकर प्रदर्शनी में लगाया गया है. अटल टिंकरिंग कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी जगदीश सिन्हा ने बताया कि नवाचारों से रू-ब-रू कराने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया.
विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए योजना
अटल टिंकरिंग लैब कार्यशाला में शामिल स्टूडेंट का कहना है कि अटल टिंकरिंग लैब से साइंस को लेकर उनकी साइंटिफिक अप्रोच और अधिक डेवलप हुई है. उनकी सोचने-समझने का तरीका बदला है. छात्रों का कहना है कि मॉडल के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए टीचर की मदद से मॉडल तैयार किए गए हैं.
बाल वैज्ञानिकों को मिल रहा मंच
कार्यशाला में शिक्षकों ने भी अटल लैब की बारीकियां समझीं. टीचरों ने इसे छात्रों के लिए वरदान बताया है. छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाना, उन्हें जागरूक करना और नया आविष्कार करना ही इस योजना का मिशन है. अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से बाल वैज्ञानिकों को मंच दिया जा रहा है.