महासमुंद : तू डर मत, तू रूक मत, तू है निर्भीक, तू है निडर. तुझमें है दुर्गा तुझमें है काली फिर तुझे किस बात का है डर. निर्भया केस ने भले ही पूरे भारत को झगझोर कर रख दिया हो, लेकिन अब महिला उस डर को पीछे छोड़कर पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं. साथ ही औरों को भी इस डर से लड़ने के लिए डिफेंस की ट्रेनिग दे कर प्रेरित कर रही हैं.
महासमुंद जिले की अन्नू भोई और रोशना डेविड ने संकल्प लिया कि वे जिले की ज्यादातर युवतियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी. दोनों महिलाओं की मेहनत रंग लाई और दोनों महिलाओं ने मिलकर 3 साल में 41 हजार युवती और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है. जहां आत्मरक्षा के गुण सीखने वाली महिलाएं आत्मरक्षा के गुण सीख कर आत्मनिर्भर हो रही हैं, वहीं दोनों महिलाएं महासमुंद जिले का नाम भी देशभर में रोशन कर रही हैं.
कैसे शुरू हुआ ये सफर
⦁ महासमुंद जिले के पुलिस विभाग में पदस्थ महिला आरक्षक अन्नू भोई ने 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद से यह प्रण लिया कि वे महिलाओं को आत्मरक्षा के गुण सिखा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगी.
⦁ कराटे में ब्लैक बेल्ट पाने वाली अन्नू भोई ने सामाजिक कार्यकर्ता रोशना डेविड से मदद मांगी और दोनों महिलाओं ने मिलकर जुलाई 2016 में युवा महिलाओं को कराटे के माध्यम से आत्मरक्षा के गुण सिखाना शुरू किया.
⦁ शुरुआती दौर में थोड़ी दिक्कतें जरूर आई पर दोनों महिलाओं ने हिम्मत नहीं हारी और बेलसोंडा के कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल से अपनी शुरुआत की, जहां पर 100 लड़कियों को कराटे की ट्रेनिंग दी गई.
⦁ जनवरी 2019 तक अन्नू भोई और रोशना डेविड ने 200 स्कूल कॉलेजों की 40170 युवा महिलाओं को कराटे का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा का गुण सिखाया.
⦁ तक अन्नू भोई और रोशना डेविड ने निशुल्क 40170 महिलाओं को आत्मरक्षा का गुण सिखाकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया.
इन अवार्डों से अन्नू भोई और रोशना डेविड हुई सम्मानित
⦁ सद्भावना महिला सम्मान.
⦁ छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बालमित्र का सम्मान.
⦁ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत प्रशस्ति पत्र.
⦁ छत्तीसगढ़ शासन की ओर से उत्कृष्ट कार्य के लिए महिला सेल्फ डिफेंस कार्यक्रम के तहत प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया.
दूसरो को भी बना रही साहसी
अन्नू भोई और रोशना डेविड का कहना कि इस को आत्मरक्षा के गुण को सिखाने के बाद जिले में महिला अपराधों में कमी आई है. वहीं आत्मरक्षा के गुण सीखने वाली महिलाएं दूसरी अन्य महिलाओं को भी आत्मरक्षा के गुण सीखा रखी है.
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे नाम
बता दें इन दोनों महिलाओं के नाम एक और खिताब आने वाला है जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. ये रिकॉर्ड 5000 बच्चियों को एक साथ आत्मरक्षा के गुण सिखाने के लिए दिया जाएगा.