ETV Bharat / state

महासमुंद महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने कार्रवाई के बाद तोड़ा अनशन

महासमुंद में जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोंदले ने विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर घर पर ही अनशन शुरू कर दिया था. केस की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित की गई थी. मामले में कार्रवाई के बाद सुधाकर बोंदले ने अनशन खत्म कर दिया है.

Officer Sudhakar Bondale mahasamund
महासमुंद महिला एवं बाल विकास अधिकारी
author img

By

Published : May 17, 2021, 9:29 PM IST

Updated : May 17, 2021, 11:13 PM IST

महासमुंद: महिला एवं बाल विकास विभाग के चर्चित मामले में कार्रवाई के बाद और अधिकारी ने अनशन तोड़ दिया है. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईट योजना में अनियमितता की शिकायत को लेकर धरना देने वाले महासमुंद के महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले के अनशन से सरकार बैकफुट पर आ गई. अफसर की गिरफ्तारी के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने विभागीय संचालक जनमेजय महोबे की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय टीम गठित की थी. इस टीम को जांच का जिम्मा सौंपा गया. जांच से पहले ही महासमुंद में प्रगति महिला स्व सहायता समूह और एकता महिला स्व सहायता समूह के दो पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. महिला समूह के पर्यवेक्षक शशि जायसवाल और दीपमाला तारक पर गाज गिरी है.

महासमुंद महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने कार्रवाई के बाद तोड़ा अनशन

महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या मिश्रा ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने बताया कि प्रगति महिला स्व सहायता समूह और एकता महिला स्व सहायता समूह के दो पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. जिन पर्यवेक्षकों पर गाज गिरी है उनमें शशि जायसवाल और दीप माला तारक शामिल हैं.

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अफसर के अनशन से हिली सरकार, महिला बाल विकास विभाग ने बनाई जांच समिति

सुधाकर ने कहा वे जांच से संतुष्ट

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना मामले में वर्ष 2019-20 और 2020-21 में वितरण किए गए सामानों में अनियमितता की आशंका के कारण भुगतान पर रोक लगा दी गई है. जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिन्हा से विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया है. उसके बाद जांच टीम हितग्राहियों से मिल कर दिए गए सामानों की जांच करेगी. महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक ने सुधाकर बोंदले को लस्सी पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया. वहीं सुधाकर बोदले ने मीडिया से कहा कि वे जांच से संतुष्ट हैं.

महासमुंद: महिला एवं बाल विकास विभाग के चर्चित मामले में कार्रवाई के बाद और अधिकारी ने अनशन तोड़ दिया है. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईट योजना में अनियमितता की शिकायत को लेकर धरना देने वाले महासमुंद के महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले के अनशन से सरकार बैकफुट पर आ गई. अफसर की गिरफ्तारी के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने विभागीय संचालक जनमेजय महोबे की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय टीम गठित की थी. इस टीम को जांच का जिम्मा सौंपा गया. जांच से पहले ही महासमुंद में प्रगति महिला स्व सहायता समूह और एकता महिला स्व सहायता समूह के दो पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. महिला समूह के पर्यवेक्षक शशि जायसवाल और दीपमाला तारक पर गाज गिरी है.

महासमुंद महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने कार्रवाई के बाद तोड़ा अनशन

महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या मिश्रा ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने बताया कि प्रगति महिला स्व सहायता समूह और एकता महिला स्व सहायता समूह के दो पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. जिन पर्यवेक्षकों पर गाज गिरी है उनमें शशि जायसवाल और दीप माला तारक शामिल हैं.

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अफसर के अनशन से हिली सरकार, महिला बाल विकास विभाग ने बनाई जांच समिति

सुधाकर ने कहा वे जांच से संतुष्ट

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना मामले में वर्ष 2019-20 और 2020-21 में वितरण किए गए सामानों में अनियमितता की आशंका के कारण भुगतान पर रोक लगा दी गई है. जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिन्हा से विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया है. उसके बाद जांच टीम हितग्राहियों से मिल कर दिए गए सामानों की जांच करेगी. महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक ने सुधाकर बोंदले को लस्सी पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया. वहीं सुधाकर बोदले ने मीडिया से कहा कि वे जांच से संतुष्ट हैं.

Last Updated : May 17, 2021, 11:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.