महासमुंद: महिला एवं बाल विकास विभाग के चर्चित मामले में कार्रवाई के बाद और अधिकारी ने अनशन तोड़ दिया है. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईट योजना में अनियमितता की शिकायत को लेकर धरना देने वाले महासमुंद के महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले के अनशन से सरकार बैकफुट पर आ गई. अफसर की गिरफ्तारी के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने विभागीय संचालक जनमेजय महोबे की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय टीम गठित की थी. इस टीम को जांच का जिम्मा सौंपा गया. जांच से पहले ही महासमुंद में प्रगति महिला स्व सहायता समूह और एकता महिला स्व सहायता समूह के दो पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. महिला समूह के पर्यवेक्षक शशि जायसवाल और दीपमाला तारक पर गाज गिरी है.
महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या मिश्रा ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने बताया कि प्रगति महिला स्व सहायता समूह और एकता महिला स्व सहायता समूह के दो पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. जिन पर्यवेक्षकों पर गाज गिरी है उनमें शशि जायसवाल और दीप माला तारक शामिल हैं.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अफसर के अनशन से हिली सरकार, महिला बाल विकास विभाग ने बनाई जांच समिति
सुधाकर ने कहा वे जांच से संतुष्ट
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना मामले में वर्ष 2019-20 और 2020-21 में वितरण किए गए सामानों में अनियमितता की आशंका के कारण भुगतान पर रोक लगा दी गई है. जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिन्हा से विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया है. उसके बाद जांच टीम हितग्राहियों से मिल कर दिए गए सामानों की जांच करेगी. महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक ने सुधाकर बोंदले को लस्सी पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया. वहीं सुधाकर बोदले ने मीडिया से कहा कि वे जांच से संतुष्ट हैं.