कोरिया: शासन की तरफ से चलाई जा रही 'रेडी टू ईट' योजना ना केवल गर्भवती महिलाओं, बच्चों, किशोरियों को पोषण दे रही है बल्कि इस योजना से जुड़कर महिला समूहों को रोजगार भी मिल रहा है. जिससे ये महिलाएं जीवन-यापन कर रही है.
'स्व सहायतासमूहों के माध्यम से जुड़ रही महिलाएं'
योजना के तहत स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जुड़कर गेंहू, चना, सोयाबीन, मूंगफली के मिश्रण से रेडी टू ईट तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में बांट रही है. 'रेडी टू ईट' भी कई नामों से हितग्राहीवार तैयार किया जा रहा है. बच्चों के लिए शिशु शक्ति आहार, किशोरियों के लिए किशोरी शक्ति आहार एवं शिशुवती गर्भवती माताओं के लिए महतारी शक्ति आहार के नाम से रेडी टू ईट तैयार कर रहे हैं. 10 महिलाओं का एक समूह काम कर रहा है.
पोषण दूर होने के साथ महिलाओं को मिल रहा रोजगार
प्रदेश के सुदूर दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण की अधिक दर को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं व स्वसहायता की महिलाएं दोहरी जिम्मेदारी साथ-साथ निभा रही हैं.
स्व-सहायता समूहों के माध्यम से गेंहू, चना, सोयाबीन, मूंगफली के मिश्रण से रेडी टू ईट तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरण किया जा रहा है. जिससे पोषण दूर होने के साथ ही महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.
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