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झगराखांड नगर पंचायत: बिजली-पानी के लिए तरस रहे हैं यहां के लोग - नगर पंचायत

झगराखंड के लोग बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान हैं. नगर एसईसीएल के तहत आने के कारण यहां लोगों को पट्टा भी नहीं मिलता है. जिसके कारण लोगों के पास रहने के साथ खेती या अन्य व्यवसाय के लिए जमीन नहीं है. जमीन नहीं होने के कारण यहां स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी भी काफी है.

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Published : Oct 23, 2019, 11:23 PM IST

कोरिया: जिले की झगराखंड एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के तहत आता है. झगराखंड को 1978 में नगर पंचायत का दर्जा मिला. नगर पंचायत गठन के 42 साल बाद भी शहर के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. झगराखंड कोरिया जिले की सबसे छोटी नगर पंचायत है, बावजूद इसके यहां विकास का कोई काम नहीं हुआ है.

बिजली-पानी के लिए तरस रहे हैं यहां के लोग

झगराखंड नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 7500 बताई जाती है. इसमें 5430 मतदाता हैं. शहर में 2729 महिला मतदाता और 2702 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. साफ-सफाई के साथ शहर की सड़कें बदहाल है. लोग बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान हैं. नगर एसईसीएल के तहत आने के कारण यहां लोगों को पट्टा भी नहीं मिलता है. जिसके कारण लोगों के पास रहने के साथ खेती या अन्य व्यवसाय के लिए जमीन नहीं है. जमीन नहीं होने के कारण यहां स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी भी काफी है.

खदान बंद होने के कारण नगर पंचायत की हालत और बद से बदतर हो गई है. खदान बंद होने के कारण रिवेन्यू में भी काफी कमी आई है. इसके कारण विकास का काम भी लगभग बंद हो गया है. नगर के लोग स्थाई पट्टा, बिजली, पानी और सड़क के लिए हर दिन जद्दोजहद कर रहे हैं.

कोरिया: जिले की झगराखंड एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के तहत आता है. झगराखंड को 1978 में नगर पंचायत का दर्जा मिला. नगर पंचायत गठन के 42 साल बाद भी शहर के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. झगराखंड कोरिया जिले की सबसे छोटी नगर पंचायत है, बावजूद इसके यहां विकास का कोई काम नहीं हुआ है.

बिजली-पानी के लिए तरस रहे हैं यहां के लोग

झगराखंड नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 7500 बताई जाती है. इसमें 5430 मतदाता हैं. शहर में 2729 महिला मतदाता और 2702 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. साफ-सफाई के साथ शहर की सड़कें बदहाल है. लोग बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान हैं. नगर एसईसीएल के तहत आने के कारण यहां लोगों को पट्टा भी नहीं मिलता है. जिसके कारण लोगों के पास रहने के साथ खेती या अन्य व्यवसाय के लिए जमीन नहीं है. जमीन नहीं होने के कारण यहां स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी भी काफी है.

खदान बंद होने के कारण नगर पंचायत की हालत और बद से बदतर हो गई है. खदान बंद होने के कारण रिवेन्यू में भी काफी कमी आई है. इसके कारण विकास का काम भी लगभग बंद हो गया है. नगर के लोग स्थाई पट्टा, बिजली, पानी और सड़क के लिए हर दिन जद्दोजहद कर रहे हैं.

Intro:नगरपंचायत झगराखण्ड की बात करे तो यह secl हसदेव क्षेत्र के अंतर्गत आता है और कुल जनसंख्या लगभग 7500 है, कुल वोटरों की संख्या 5430 है । जिस पर महिला वोटर की संख्या 2729 और पुरुष वोटर की संख्या 2702 है । नगर पंचायत 1978 में बना था । 42 साल पुरानी नगर पंचायत होने के बाद भी विकास के नाम पर कुछ नही है । कोरिया में यह सबसे छोटी नगर पंचायत उसके बावजूद यंहा सड़क , बिजली और पानी जैसे मूलभूत सुविधाएं नही है । रोजगार नही होने के कारण लोग गरीब होते जा रहे है । साथ ही पलायन भी कर रहे है । secl लीच होने के कारण यंहा जमीन का पट्टा भी नही मिल पा रहा है । खदान बंद होने के कारण नगर पंचायत की हालत बद से बदहाल हो गई है और इस ओर कोई भी जनप्रतिनिधि ध्यान नही दे रहा है ।


Body:अगर बात करें समस्याओं की तो कालरी क्षेत्र होने के बाद भी यहां की सबसे बड़ी समस्या 1.स्वास्थ्य केंद्र का ना होना, 2.पानी की सप्लाई तीन से चार दिन के गैप में होना, 3.बिजली कटौती की समस्या, 4.जर्जर सड़क, 5.आवासीय पट्टा न मिलना,


Conclusion:जो नगरीय चुनाव का मुख्य मुद्दा हो सकता है
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