रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीते कई सालों में कांग्रेस से नेताओं को निष्काषित किया गया. इसमें अजीत जोगी, अमित जोगी और रेणु जोगी जैसे नेता भी हैं. इन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली. 18 दिसंबर को जोगी कांग्रेस की मुखिया रेणु जोगी ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखकर जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय की मंशा जाहिर की थी. इसके अलावा कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में पार्टी से निष्कासित नेताओं को वापस लाने के लिए एक समिति का गठन किया है. इस समिति के गठन के बाद सियासी गहमा गहमी का दौर तेज हो गया है.
कांग्रेस की समिति में कौन कौन?: निष्कासित नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के लिए कांग्रेस ने जो समिति बनाई है. उसमें कांग्रेस के सात नेताओं को शामिल किया गया है. इनमें नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी शामिल है. इस कमेटी की पहली बैठक 27 दिसंबर को होने वाली है.संभावना जताई जा रही है की बैठक में निष्कासित नेताओं की वापसी सहित जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय किए जाने पर भी चर्चा हो सकती है. हालांकि निष्कासित नेताओं की वापसी, अन्य पार्टियों के विलय का अंतिम निर्णय कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और पार्टी हाई कमान का होगा.
बीजेपी ने कांग्रेस पर बोला हमला: कांग्रेस के इस समिति को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर अटैक किया है. छत्तीसगढ़ बीजेपी के मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने कहा है कि कांग्रेस इतनी पीछे चली गई है कि वह पार्टी से निकाले गए नेताओं को फिर से अपने दल में शामिल कराने की सोच रही है. अनुशासनहीनता के कारण और पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण इन नेताओं को निकाला गया.
जिन लोगों ने कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को गाली दिए ,बड़े-बड़े आरोप लगाए और उसके बाद अनुशासनशीलता के चलते उन्हें निष्कासित किया गया. इसे अभी ज्यादा समय भी नहीं हुए हैं और इतनी जल्दी उनको वापस लाने की नौबत आ रही है. इससे यह साबित होता है कि मौजूदा कांग्रेस संगठन किसी काम का नहीं रह गया है. जो निष्कासित लोग हैं ,वहीं कांग्रेस का बेड़ा पार करने का प्रयास करेंगे. यह संकेत है कि कांग्रेस विलुप्ति की कगार पर है- अमित चिमनानी, बीजेपी मीडिया प्रमुख, छत्तीसगढ़
कांग्रेस गुण दोष पर लेगी फैसला: इस मसले पर कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जो निष्कासन लोग पार्टी में आना चाहते हैं, उन्होंने आवेदन किया है, अभी तक 30 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. उनके आवेदनों पर गुण दोष के आधार पर विचार किया जाएगा . उसके लिए समिति बनाई गई है. वह समिति इस पर विचार करेगी और उसके बाद पार्टी निर्णय लेगी की निष्कासन रद्द करना है या नहीं. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा की निष्कासित नेताओं के पार्टी में वापस लाने से कहीं पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ना टूटे.
बीजेपी ने तो लोकसभा चुनाव में हमारे पार्टी के दरबार तक को प्रलोभन देकर अपनी पार्टी में शामिल कराया था. भाजपा पहली ऐसी पार्टी है जिसने दूसरे दल से आने के लिए महामंत्री का प्रभार दिया था. कांग्रेस कार्यालय के बाहर घूमने वाले लोगों को बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल कराया था- सुशील आनंद शुक्ला, कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़
इस निर्णय से कांग्रेस को फायदा और नुकसान दोनों है. जहां एक और निष्कासित नेताओं की वापसी से कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर वर्तमान के कार्यकर्ता इस निर्णय से नाराज हो सकते हैं और साथ ही पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता को भी बल मिल सकता है- रामअवतार तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार
टीएस सिंहदेव ने किया विरोध: वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कांग्रेस में इस मुद्दे पर हो रहे मंथन के बीच कहा है कि इस मसले पर टीएस सिंहदेव ने पहले ही विरोध जता दिया है. उन्होंने कहा है कि जिन नेताओं ने विश्वासघात किया ,पार्टी को कमजोर किया है, जिनको पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाला गया है. ऐसे नेताओं को वापस लेने से पार्टी को नुकसान हो सकता है. इससे पार्टी में अनुशासनहीनता भी बढ़ेगी.
कांग्रेस में घर वापसी के लिए कतार में कौन कौन?: कांग्रेस में घर वापसी के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नेता बृहस्पति सिंह ने आवेदन किया है. उन्होंने पार्टी को माफीनामा भी भेजा है. इसके अलावा जोगी कांग्रेस की पूरी पार्टी कांग्रेस में विलय को लेकर उत्सुक है. ऐसे में अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी क्या फैसला लेती है.