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Muharram festival in Koriya: कोरिया में शांति से मना मोहर्रम पर्व

कोरिया में दो साल बाद शांतिपूर्ण तरीके से मोहर्रम मनाया गया. लोगों में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखने को (Muharram festival celebrated peacefully in Koriya) मिला.

Muharram festival celebrated peacefully in Koriya
कोरिया में शांति से मना मोहर्रम पर्व
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Published : Aug 10, 2022, 2:17 PM IST

कोरिया: कोरिया जिला के चरचा कालरी में उर्दू तारीख के 10वीं के दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दोपहर में दुआएं आशूरा, फातिहा किया और अमन चैन की दुआ (Muharram festival celebrated peacefully in Koriya ) मांगी. उसके बाद खिलाड़ियों ने मैदान में अपना करतब दिखाया. वहीं, चरचा के इमामबाड़ा में इमाम हुसैन के चाहने वालों का हुजूम उमड़ा. इससे पहले दो साल कोरोना महामारी के कारण शहर में सम्पूर्ण रूप से मोहर्रम के मौके पर प्रोग्राम नहीं हो सका (Muharram festival celebrated in Koriya )था.

पारंपरिक अस्त्र का करतब: बता दें कि चरचा कालरी में मुहर्रम के अवसर पर इमाम हुसैन के चाहने वालों ने पारंपरिक अस्त्र शस्त्र के साथ हैरतअंगेज करतब दिखाया. बड़ी संख्या में लोग खेल देखने पहुंचे और खिलाड़ियों का हौसला अफजाई के लिए या अली या हुसैन के नारे लगाये. इस मौके पर छोटे-छोटे बच्चे भी युवाओं को पीछे छोड़ अपने हुनर का जलवा बिखेर कर लोगों को चकित कर दिये. मोहर्रम के मौके पर क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थीं.

यह भी पढ़ें: कोरिया में हाजियों का हुआ जोरदार स्वागत

मोहर्रम पाक महीना: इस दौरान विधायक अम्बिका सिंहदेव ने कहा कि "यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा. दो साल बाद हम सब फिर से एक जगह मोहर्रम के मौके पर इकट्ठा हो सके, इसके लिए ईश्वर का सभी शुक्रियाअदा कर रहे हैं." वहीं, मोहर्रम कमेटी के शराफत अली और मो. अकरम ने बताया कि मोहर्रम को इस्लामी साल का पहला महीना माना गया है, जिसे हिजरी भी कहते हैं. यह त्यौहार त्याग और बलिदान का है. हिजरी सन की शुरुआत भी इसी महीने से होती है. मोहर्रम को इस्लाम की चार पवित्र महीनों में शामिल किया गया है. यह पर्व हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के शहादत की याद में हर साल मनाया जाता है.

कोरिया: कोरिया जिला के चरचा कालरी में उर्दू तारीख के 10वीं के दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दोपहर में दुआएं आशूरा, फातिहा किया और अमन चैन की दुआ (Muharram festival celebrated peacefully in Koriya ) मांगी. उसके बाद खिलाड़ियों ने मैदान में अपना करतब दिखाया. वहीं, चरचा के इमामबाड़ा में इमाम हुसैन के चाहने वालों का हुजूम उमड़ा. इससे पहले दो साल कोरोना महामारी के कारण शहर में सम्पूर्ण रूप से मोहर्रम के मौके पर प्रोग्राम नहीं हो सका (Muharram festival celebrated in Koriya )था.

पारंपरिक अस्त्र का करतब: बता दें कि चरचा कालरी में मुहर्रम के अवसर पर इमाम हुसैन के चाहने वालों ने पारंपरिक अस्त्र शस्त्र के साथ हैरतअंगेज करतब दिखाया. बड़ी संख्या में लोग खेल देखने पहुंचे और खिलाड़ियों का हौसला अफजाई के लिए या अली या हुसैन के नारे लगाये. इस मौके पर छोटे-छोटे बच्चे भी युवाओं को पीछे छोड़ अपने हुनर का जलवा बिखेर कर लोगों को चकित कर दिये. मोहर्रम के मौके पर क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थीं.

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मोहर्रम पाक महीना: इस दौरान विधायक अम्बिका सिंहदेव ने कहा कि "यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा. दो साल बाद हम सब फिर से एक जगह मोहर्रम के मौके पर इकट्ठा हो सके, इसके लिए ईश्वर का सभी शुक्रियाअदा कर रहे हैं." वहीं, मोहर्रम कमेटी के शराफत अली और मो. अकरम ने बताया कि मोहर्रम को इस्लामी साल का पहला महीना माना गया है, जिसे हिजरी भी कहते हैं. यह त्यौहार त्याग और बलिदान का है. हिजरी सन की शुरुआत भी इसी महीने से होती है. मोहर्रम को इस्लाम की चार पवित्र महीनों में शामिल किया गया है. यह पर्व हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के शहादत की याद में हर साल मनाया जाता है.

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