कोरिया: भरतपुर के सुदूर वनांचल के गांवों की हालत बेहद खराब है. सुदूर वनांचल इलाके के कई गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. यहां आने जाने के लिए न तो सड़कें हैं और न ही नदी पर पुल बना है. इतना ही नहीं गावों में बिजली तक नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों को ब्लॉक मुख्यालय तक आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि चुनाव के समय में केवल वोट मांगने आते हैं. उसके बाद पलटकर नहीं देखते. भरतपुर जनपद पंचायत के सात गांव कोरमो, ढ़ाप, कुदरा, दुलारी, खोहरा, ठरगी और लावाहोरी के लोग विकास की बाट जोह रही है. इन गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को सड़क पुल और बिजली की सुविधा नहीं मिल पाई है. इससे लोग वर्षों से परेशान हैं.
बरसात के दिनों में बढ़ जाती है समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि वह जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. इसके बाद वह जंगल की कच्ची सड़क से किसी तरह मुख्य मार्ग घघरा पहुंचते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी गांव आकर काम हो जाने की बात कहकर चले जाते हैं. नेता चुनाव के समय वोट मांगने के बाद दुबारा पलटकर नहीं आते. लोगों का कहना है कि गांवों को जोड़ने वाली रापा नदी पर पुल नहीं है. इससे लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं.
जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों और सामानों को लेकर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. इतना ही नहीं दुपहिया वाहन को भी किसी तरह पार कर रहे हैं. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.