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Danger Lumpy Virus In Koriya :लंपी वायरस की चपेट में मवेशी, पशु चिकित्सा विभाग अलर्ट - क्या हैं लंपी वायरस के लक्षण

Danger Of Lumpy Virus In Koriya कोरिया जिले में लंपी वायरस का कहर देखने को मिल रहा है. जिले में लंपी का वायरस तेजी से फैल रहा है.पशु चिकित्सकों के मुताबिक जिले में 80 फीसदी पशु बीमारी से ठीक हो चुके हैं.लेकिन गौसेवकों की माने तो जितने दावे किए जा रहे हैं उतना काम जमीनी स्तर पर नहीं होता है.

Danger Of Lumpy Virus In Koriya
लंपी वायरस की चपेट में मवेशी
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Published : Aug 17, 2023, 7:56 PM IST

कोरिया : छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में एक बार फिर लंपी वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है. मवेशियों में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा है. कोरिया जिले में भी गौवंश में लंपी वायरल के लक्षण देखने को मिले हैं.जो क्षेत्र में तेजी से पांव पसार रहा है.विशेषज्ञों की माने तो लंपी वायरस एक से दूसरे मवेशी में तेजी से फैलता है.कई जगहों पर लंपी बीमारी फैलने के बाद कंट्रोल भी किया गया है.

क्या है लंपी वायरस ? :लंपी वायरस यानी गांठदार त्वचा रोग मवेशियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है. जो एक तरह की स्किन डिसीज है. बीमारी त्वचा में गांठ बनने से शुरू होती है. गांठें घाव बनने लगती हैं. इसे मेडिकल लैंग्वेज में एलएसडीवी भी कहा जाता है. यह पॉक्सवीरीडे फैमिली के एक वायरस के कारण होता है. इसे नीथलिंग वायरस भी कहा जाता है. यह रोग त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली पर बुखार, लिम्फ नोड्स और कई नोड्यूल के रूप में हो सकता है.


क्या हैं लंपी वायरस के लक्षण ? : इस वायरस से ग्रसित पशु को बुखार आना,आंखों में पानी बहना, लार बहना, शरीर पर गांठें, वजन घटना, भूख नहीं लगना, घाव बनना,दूध में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

कैसे फैलती है बीमारी ? : लंपी वायरस मच्छर, मक्खी, परजीवी कीट, गंदा पानी, दूषित भोजन, संक्रमित पशुओं के लार के संपर्क में आने से फैलता है. बैकुंठपुर पशु चिकित्सालय में एवीएफओ अमर सिंह श्याम ने बताया कि क्षेत्र में 70 से 80% गोवंश को लंपी वायरस से ठीक किया गया है. डॉक्टरों की टीम डोर टू डोर जाकर बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता के साथ ट्रीटमेंट दे रही है.

''रोगी पशु को एंटीबायोटिक और बुखार की खुराक दी जाती है.बीमारी से ग्रसित पशुओं को अन्य पशुओं के संपर्क से दूर रखना चाहिए. मक्खी मच्छर से दूर रखना चाहिए.घाव को बढ़ने पर तुरंत ड्रेसिंग कराना चाहिए.घाव नॉर्मल स्पॉट जैसा होता है सड़ता नहीं है. दूध में कमी आ सकती है. बीमारी के कारण दूध नुकसानदायक नहीं होता,क्योंकि दूध उबालकर इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया मर जाते हैं.'' अमर सिंह श्याम,एवीएफओ

घुमंतू पशुओं में तेजी से फैलती है बीमारी : गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष अनुराग दुबे ने बताया कि लंपी वायरस अत्यधिक खतरनाक है और तीव्र गति से फैल रहा है. इसके लिए पशु चिकित्सा अधिकारी और नगर पालिका परिषद को मिलकर कार्य करना चाहिए. घुमंतू पशुओं में तेजी से रोग फैलता है.इसलिए उन्हें पकड़कर हाईस्कूल ग्राउंड या फिर अन्य सुरक्षित जगहों पर ले जाकर इलाज करना चाहिए. ताकि बीमारी ज्यादा ना फैले.

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आपको बता दें कि गुजरात, महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश होकर यह छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले तक फैल चुका है. जिससे मवेशी मर रहे हैं. यदि मवेशियों में समय पर टीकाकरण हो जाए तो इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है.

कोरिया : छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में एक बार फिर लंपी वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है. मवेशियों में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा है. कोरिया जिले में भी गौवंश में लंपी वायरल के लक्षण देखने को मिले हैं.जो क्षेत्र में तेजी से पांव पसार रहा है.विशेषज्ञों की माने तो लंपी वायरस एक से दूसरे मवेशी में तेजी से फैलता है.कई जगहों पर लंपी बीमारी फैलने के बाद कंट्रोल भी किया गया है.

क्या है लंपी वायरस ? :लंपी वायरस यानी गांठदार त्वचा रोग मवेशियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है. जो एक तरह की स्किन डिसीज है. बीमारी त्वचा में गांठ बनने से शुरू होती है. गांठें घाव बनने लगती हैं. इसे मेडिकल लैंग्वेज में एलएसडीवी भी कहा जाता है. यह पॉक्सवीरीडे फैमिली के एक वायरस के कारण होता है. इसे नीथलिंग वायरस भी कहा जाता है. यह रोग त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली पर बुखार, लिम्फ नोड्स और कई नोड्यूल के रूप में हो सकता है.


क्या हैं लंपी वायरस के लक्षण ? : इस वायरस से ग्रसित पशु को बुखार आना,आंखों में पानी बहना, लार बहना, शरीर पर गांठें, वजन घटना, भूख नहीं लगना, घाव बनना,दूध में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

कैसे फैलती है बीमारी ? : लंपी वायरस मच्छर, मक्खी, परजीवी कीट, गंदा पानी, दूषित भोजन, संक्रमित पशुओं के लार के संपर्क में आने से फैलता है. बैकुंठपुर पशु चिकित्सालय में एवीएफओ अमर सिंह श्याम ने बताया कि क्षेत्र में 70 से 80% गोवंश को लंपी वायरस से ठीक किया गया है. डॉक्टरों की टीम डोर टू डोर जाकर बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता के साथ ट्रीटमेंट दे रही है.

''रोगी पशु को एंटीबायोटिक और बुखार की खुराक दी जाती है.बीमारी से ग्रसित पशुओं को अन्य पशुओं के संपर्क से दूर रखना चाहिए. मक्खी मच्छर से दूर रखना चाहिए.घाव को बढ़ने पर तुरंत ड्रेसिंग कराना चाहिए.घाव नॉर्मल स्पॉट जैसा होता है सड़ता नहीं है. दूध में कमी आ सकती है. बीमारी के कारण दूध नुकसानदायक नहीं होता,क्योंकि दूध उबालकर इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया मर जाते हैं.'' अमर सिंह श्याम,एवीएफओ

घुमंतू पशुओं में तेजी से फैलती है बीमारी : गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष अनुराग दुबे ने बताया कि लंपी वायरस अत्यधिक खतरनाक है और तीव्र गति से फैल रहा है. इसके लिए पशु चिकित्सा अधिकारी और नगर पालिका परिषद को मिलकर कार्य करना चाहिए. घुमंतू पशुओं में तेजी से रोग फैलता है.इसलिए उन्हें पकड़कर हाईस्कूल ग्राउंड या फिर अन्य सुरक्षित जगहों पर ले जाकर इलाज करना चाहिए. ताकि बीमारी ज्यादा ना फैले.

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