बस्तर: साल 2024 बीतने को है. इस साल बस्तर के नाम कई बड़ी उपलब्धि रही. जिनमें सबसे ऊपर बस्तर ओलंपिक रहा. इस साल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग में बस्तर ओलंपिक की शुरुआत हुई. इसकी खास बात ये रही कि शहरों और गांवों के खिलाड़ियों के साथ ही सरेंडर नक्सली भी बस्तर ओलंपिक में शामिल हुए.
बस्तर ओलंपिक का उत्साह: एक तरफ बस्तर में नक्सलवाद शांत हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ बस्तर ओलंपिक के जरिए गांव-गांव में खेलकूद का उत्साह और जश्न देखने को मिला. नवंबर के महीने में बस्तर ओलंपिक की शुरुआत हुई. इसके जरिए बस्तर की प्रतिभाओं को निखारने का काम किया गया. बस्तर ओलंपिक के समापन में खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर पहुंचे. आदिवासी खिलाड़ियों के साथ सरेंडर कर चुके माओवादी और नक्सल पीड़ित भी हिस्सा बने और खेल के माध्यम से बस्तर की तस्वीर बदलने की कोशिश की गई.
डेढ़ महीने चला बस्तर ओलंपिक का रोमांच: बस्तर ओलंपिक में 1 नवंबर से 20 नवंबर तक पंचायत व जोन स्तरीय और 21 से 25 नवंबर तक जिला स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई. 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक संभाग स्तर पर ओलंपिक का समापन बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में हुआ. संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में पुरुष खिलाड़ियों की संख्या 1252 व महिला खिलाड़ियों की संख्या 1170 थी. वहीं सरेंडर नक्सली खिलाड़ी 318 व नक्सल हिंसा से ग्रसित 18 खिलाड़ी शामिल रहे. खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बस्तर ओलंपिक में इस बार रिकॉर्ड 1 लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है.
बस्तर ओलंपिक में कई खेलों का आयोजन: यह खेल बस्तर जिले के इंदिरा स्टेडियम, क्रीड़ा परिसर व हॉकी ग्राउंड पंडरीपानी में सम्पन्न हुआ. इसमें अलग अलग खेल शामिल थे. जिसमें फुटबॉल, बॉलीबाल, कराटे, वेट लिफ्टिंग, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो, आर्चरी एथेलेटिक्स जैसे खेलों का आयोजन हुआ.
सरेंडर नक्सली और नक्सल पीड़ितों की भी बनी टीम: बस्तर ओलंपिक में सभी जिलों की 7 टीम के अलावा एक आठवीं टीम थी. जिसका नाम नुआ बाट ( नया रास्ता) था. यह टीम नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा से जुड़े लोगों की थी.इसके अलावा नक्सल पीड़ित भी इसमें शामिल हुए. इन खिलाड़ीृियों ने विकलांग खेल व फुटबॉल, कब्बडी, खोखो जैसे अन्य खेल खेले. आईजी ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि इस प्रकार के खेल से लोगों में मुख्य जनधारा में जुड़ने की रुचि बढ़ेगी और नक्सल उन्नमूलन में इसका लाभ मिलेगा.
बस्तर ओलंपिक के समापन में अमित शाह: बस्तर ओलंपिक के समापन में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि "इस साल से बस्तर ओलंपिक की शुरुआत हुई है. हर साल इसका आयोजन किया जाएगा. जिससे बस्तर के खिलाड़ियों को मंच मिलेगा. शाम ने कहा कि साल 2024 से बस्तर बदल रहा है और साल 2026 आने पर कहेंगे कि बस्तर बदल चुका है."