कोरिया: सरकारी कामों में अफसरशाही और लापरवाही कितनी हावी है, इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. कोरिया जिले के झगराखांड नगर पंचायत में इंजीनियरिंग का नायाब नमूना पेश किया गया है. सरकार ने सड़क के लिए टेंडर जारी किया. इंजिनीयर ने एस्टीमेट के साथ नक्शा पास कर दिया और अधिकारियों ने सड़क बनाने का काम ठेकेदार को दे दिया. अब ठेकेदार ने जो सड़क बनाई है, उसे देख आप सिर पकड़ लेंगे.
आप समझ सकते हैं कि निर्माण स्थल पर कितने इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारी गए होंगे, जिन्हें ये नहीं दिखा कि जहां सड़क बनाई जा रही है वहां हैंडपंप है. अगर ऐसे अधिकारी और इंजीनियर वहां गए होंगे तो उनकी योग्यता क्या होगी.
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अध्यक्ष नहीं जानते सड़क कब बनी
दरअसल, झगराखांड नगर पंचायत के वार्ड नंबर 15 में लाखों रुपये की लागत से एक सीसी सड़क का निर्माण किया जाना था. ठेकेदार ने सड़क तो बना दी, लेकिन वहां में पहले से लगे हैंडपंप के बीच ही सड़क बना दी गई. अब बीच सड़क पर हैंडपंप होने से हमेशा सड़क दुर्घटना की आशंका बनी है. रात में कोई तेज रफ्तार गाड़ी अगर बीच सड़क पर लगे हैंडपंप से टकरा जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.
नगर पंचायत अध्यक्ष का क्या है कहना
इस मामले में नगर पंचायत के अध्यक्ष का बयान इससे भी शर्मनाक है. उनका कहना है कि उन्हें न तो रोड के बारे में कोई जानकारी है और न ही रोड की लागत और हैंडपंप के बारे में. अब आप समझ सकते हैं कि ये अध्यक्ष कितने दिन अपने क्षेत्र में गए होंगे.