कोरिया: विकासखंड भरतपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत जुइली में बड़े पैमाने पर मनरेगा कार्यों का संचालन किया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है. लॉकडाउन में मनरेगा कार्यों के दौरान सामाजिक दूरी का पालन किया जाना है. लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. जिले में र्प्याप्त मात्रा में कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है. ताकि श्रमिकों को कार्य उपलब्ध कराया जा सके.
स्थानीय स्तर पर कार्य के दौरान मास्क पहनने और सैनिटाइजर का उपयोग करने के लिए सचिवों और रोजगार सहायकों को निर्देशित किया जाना था. लेकिन कार्यस्थल पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं थी. लॉकडाउन के दौरान मनरेगा कार्यों का संचालन सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कार्यस्थल पर मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग करते हुए नहीं दिख रहे हैं. मनरेगा कार्य स्थलों पर मास्क और साबुन को अनिवार्य कर दिया गया है. मजदूरों को काम समाप्त होने के बाद साबुन से हाथ धोने की सलाह भी दी जा रही है. लेकिन कार्यस्थल में मास्क साबुन नहीं है. सरपंच इस बारे में पूछा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया.
लॉकडाउन में मनरेगा के कार्य का संचालन क्यों?
कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. जिससे लोग अपने घरों में रहें और एक-दूसरे के संपर्क में ना आये. निर्माण कार्य के लिए प्रशासन ने दिशा-निर्देश जारी किया है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में संचालित मनरेगा योजना के अलग-अलग कार्यों में दर्जनों मजदूरों से काम क्यों लिया जा रहा है. जबकि जिले में कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है.