कोरिया/ चिरमिरी :कोयला नगरी में शुमार नगर निगम चिरमिरी कोरिया जिले का इकलौता नगर निगम है. चिरमिरी शहर इस क्षेत्र में पाए जाने वाले कोयले के भंडार से समृद्ध है. इसी वजह से यह SECL यानि साउथ ईस्टर्न कोल लिमिटेड के अंतर्गत आता है. कोल फील्ड और औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से यहां की बसाहट भी घनी है. कोयले के पर्याप्त खदानों के कारण चिरमिरी की प्रदेश में अलग पहचान है. चिरमिरी कोयला उद्योग के 13 प्रशासनिक क्षेत्रों में से एक है.
एक नजर चिरमिरी नगर निगम से जुड़े खास तथ्यों पर
- चिरमिरी नगर निगम में 40 वार्ड हैं
- साल 2005 में चिरमिरी को नगर निगम का दर्जा मिला
- चिरमिरी की कुल जनसंख्या 85317 है
- जिसमें कुल 56311 मतदाता हैं
- कुल वोटरों की संख्या 56,311 है
- चिरमिरी कोयला उद्योग के 13 प्रशासनिक क्षेत्रों में शामिल
- इस नगर निगम पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है
- कांग्रेस से के.डमरू रेड्डी यहां के महापौर है
चिरमिरी नगर निगम में समस्याओं का अंबार
चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र की जनता की माने तो यहां 5 वर्षों में काम तो हुआ है, लेकिन जो समस्याएं खत्म होनी चाहिए थी वो आज भी जस की तस है. बेरोजागारी, बिजली कटौती और साफ सफाई की समस्या अब तक जस की तस है. चिरमिरी की समस्याएं जो सबसे ज्यादा लोगों को परेशान कर रही है वह हैं
- पीने के पानी की किल्लत
- बेतहाशा बिजली की कटौती
- जर्जर और बदहाल सड़कें
- कोयले के खदानों का बंद होना
- बेरोजगारी और पलायन
- साफ सफाई की कमी
- लगातार बढ़ता प्रदूषण
बीजेपी ने महापौर पर बोला हमला
विपक्ष भी इन सारी समस्याओं को लेकर महापौर पर हमला बोल रहा है. बीजेपी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रही है. तो वहीं महापौर अपनी तमाम उपलब्धियां गिना रही है. चिरमिरी नगर निगम में एक ओर जनता अपनी समस्या गिना रही है तो वहीं बीजेपी सत्ता पक्ष पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. कुल मिलाकार इस बार चिरमिरी नगर निगम का दंगल दिलचस्प हो चुका है. ऐसे में देखना होगा कि यहां कि जनता इस बार किसे मौका देती है.