कोरिया : वनपरिक्षेत्र सोनहत में ग्राम अमहर से चंदहा तक की पांच किमी सड़क विवादों में घिरती जा रही है. इस सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा खोला है.ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण से पहले ही 60 फीसदी से ज्यादा की राशि निकाल ली गई है.जैसे ही इस मामले ने तूल पकड़ना शुरु किया.वैसे ही वन विभाग ने आनन फानन में सड़क निर्माण का काम शुरु किया.लेकिन इस निर्माण कार्य में जिस तरह से अनियमितता बरती जा रही है,उसने एक बार फिर ग्रामीणों को गुस्से में डालने का काम किया है.
ठेकेदार पर धमकाने का आरोप : ग्रामीणों की माने तो जब उन्होंने सड़क निर्माण में हो रही अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाई तो ठेकेदार और विभाग के कर्मचारी उन्हें धमकाने लगे.ग्रामीणों के मुताबिक WBM सड़क निर्माण में काम उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए.लेकिन अमहर से लेकर चंदहा तक जो सड़क बनाई जा रही है.उसमें जंगल से ही मिट्टी और पत्थर निकालकर सड़क बनाई जा रही है.
सड़क निर्माण में घोर लापरवाही : वन विभाग सारे नियम को दरकिनार कर जंगल में खुदाई कर पत्थर और मिट्टी को जेसीबी की सहायता से फैलाकर सड़क बना रहा है. सड़क पर ना रोड रोलर चलाया जा रहा है और ना ही कंपैक्टर. सड़क निर्माण के दौरान साइट पर इंजीनियर भी मौजूद नहीं रहते.वहीं जिस ठेकेदार के अंडर ये काम हो रहा है वो भी मौके पर नहीं रहता है. जेसीबी चला रहे कर्मचारी से जब काम की जानकारी ली गई और ठेकेदार के बारे में पूछा गया तो उसने भी भंवरलाल का नाम लिया.वहीं वनविभाग के अंडर में काम कर रहे कर्मचारी की माने तो वो स्थानीय नहीं है.राजस्थान से आकर सड़क निर्माण का काम कर रहे हैं.
आपको बता दें कि ये वही भंवरलाल हैं, जिसकी पैठ वन विभाग के निचले स्तर से लेकर मंत्रालय तक बनी हुई है. कई बार इसका नाम वन विभाग के एसडीओ अखिलेश मिश्रा के साथ भी जुड़े होने की चर्चा सामने आई है.