आमोरी धारा नाम के इस प्रसिद्ध स्थल में बहने वाली नदी के दोनों ओर विशाल पर्वत हैं, जिनके बीच से एक झरना बहता है. इन दोनों पर्वतों के बीच से आश्चर्यजनक तरीके से हमेशा पानी टपकता रहता है. श्रद्धालु इन्हीं के बीच से होकर पैदल मंदिर जाते हैं, जो गुफा में घुसकर लगभग 40 मीटर अंदर भगवान शिव के दर्शन करते हैं.
यहां बीते कई वर्षों से माघ पूर्णिमा के मौके पर 3 दिनों का मेला भी लगता है. वहीं पंचायत द्वारा यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिन्हें देखने के लिए काफी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. साथ ही यहां की प्राकृतिक सुंदरता के कारण यहां आने वाले लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.