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कोरबा : टिकट नहीं मिला तो बना लिया खुदकुशी का प्लान, पुलिस ने बचाई जान

बीजेपी से पार्षद का टिकट नहीं मिलने पर एक कार्यकर्ता ने खुदकुशी करने की कोशिश की, लेकिन समय रहते पुलिस ने उसे बचा लिया.

युवा मोर्चा के कार्यकर्ता
युवा मोर्चा के कार्यकर्ता
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Published : Dec 5, 2019, 11:42 AM IST

Updated : Dec 5, 2019, 12:22 PM IST

कोरबा : नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद का टिकट नहीं मिलने पर भाजपा नेता धीरेन्द्र मानिकपुरी ने आत्महत्या करने की ठान ली. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कोई भी अप्रिय घटना नहीं होने दी.

टिकट नहीं मिला तो बना लिया खुदकुशी का प्लान

मामला बांकीमोंगरा का है, जहां रहने वाले धीरेंद्र मानिकपुरी युवा मोर्चा का कार्यकर्ता था. इस बार उसने वार्ड से पार्षद पद के टिकट के लिए दावेदारी की थी. धीरेंद्र ने इसके लिए पार्टी को आवेदन भी दिया था, लेकिन बीजेपी ने टिकट किसी और को दे दिया. इसी बात से दुखी होकर धीरेंद्र ने बुधवार शाम खुदको अपने कमरे में बंद कर लिया. परिवार वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद धीरेंद्र को कमरे बाहर निकाल लिया.

बताया जा रहा है की धीरेंद्र ने फांसी लगाने की तैयारी कर रखी थी. उसने बाकायदा सुसाइड नोट भी लिख रखा था. हालांकि वह नोट पुलिस के हाथ लगता इससे पहले ही उसने उसे फाड़ दिया. परिजनों ने बताया कि धीरेंद्र लंबे समय से पार्टी से जुड़ा हुआ है और उसने इस बार टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उसे टिकट नहीं दिया, जिससे वो काफी परेशान था.

2 दिन की नाराजगी
वहीं इस मामले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी का कहना है कि, 'धीरेंद्र हताश जरूर था, लेकिन आत्महत्या करने जैसी कोई बात नहीं है. उसने मुझे फोन किया था, मैंने उसे समझाया भी था. टिकट वितरण के बाद से इस तरह की नाराजगी लगातार हमें झेलनी पड़ रही है, लेकिन यह नाराजगी 2 दिनों की ही रहती है फिर सब ठीक हो जाता है'.

कोरबा : नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद का टिकट नहीं मिलने पर भाजपा नेता धीरेन्द्र मानिकपुरी ने आत्महत्या करने की ठान ली. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कोई भी अप्रिय घटना नहीं होने दी.

टिकट नहीं मिला तो बना लिया खुदकुशी का प्लान

मामला बांकीमोंगरा का है, जहां रहने वाले धीरेंद्र मानिकपुरी युवा मोर्चा का कार्यकर्ता था. इस बार उसने वार्ड से पार्षद पद के टिकट के लिए दावेदारी की थी. धीरेंद्र ने इसके लिए पार्टी को आवेदन भी दिया था, लेकिन बीजेपी ने टिकट किसी और को दे दिया. इसी बात से दुखी होकर धीरेंद्र ने बुधवार शाम खुदको अपने कमरे में बंद कर लिया. परिवार वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद धीरेंद्र को कमरे बाहर निकाल लिया.

बताया जा रहा है की धीरेंद्र ने फांसी लगाने की तैयारी कर रखी थी. उसने बाकायदा सुसाइड नोट भी लिख रखा था. हालांकि वह नोट पुलिस के हाथ लगता इससे पहले ही उसने उसे फाड़ दिया. परिजनों ने बताया कि धीरेंद्र लंबे समय से पार्टी से जुड़ा हुआ है और उसने इस बार टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उसे टिकट नहीं दिया, जिससे वो काफी परेशान था.

2 दिन की नाराजगी
वहीं इस मामले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी का कहना है कि, 'धीरेंद्र हताश जरूर था, लेकिन आत्महत्या करने जैसी कोई बात नहीं है. उसने मुझे फोन किया था, मैंने उसे समझाया भी था. टिकट वितरण के बाद से इस तरह की नाराजगी लगातार हमें झेलनी पड़ रही है, लेकिन यह नाराजगी 2 दिनों की ही रहती है फिर सब ठीक हो जाता है'.

Intro:कोरबा। नगरी निकाय चुनाव में पार्षद पद के टिकट वितरण से नाराज भाजपा युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। वह इस कदर डिप्रेशन में जा चुका था कि उसने आत्महत्या का प्रयास किया। अच्छी बात यह है कि परिवार वालों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दे दी, और इसके पहले कि वह कोई आत्मघाती कदम उठाता पुलिस ने उसकी जान बचा ली।
Body:मौजूदा मामला जिले के बांकीमोंगरा का है। यहां से भाजपा युवा मोर्चा के लिए बतौर कार्यकर्ता काम करने वाले धीरेंद्र मानिकपुरी ने एक वार्ड से पार्षद पद के टिकट के लिए दावेदारी की थी। धीरेंद्र ने इसके लिए विधिवत आवेदन भी पार्टी को दिया था। लेकिन बीजेपी ने टिकट किसी और को दे दिया बस इसी बात से क्षुब्ध होकर धीरेंद्र ने बुधवार की शाम खुद को अपने घर के कमरे में बंद कर लिया। जिससे परिवार वाले घबरा गए और पुलिस को इसकी सूचना दी गई।

जैसे ही इस बात की सूचना पुलिस को मिली वह सीधे भाजपा नेता धीरेन्द्र मानिकपुरी के घर पहुंची और फिर कड़ी मशक्कत के बाद उसे सकुशल बाहर निकला।
बताया जा रहा है की धीरेन्द्र ने संभवतः फांसी लगाने की तैयारी कर रखी थी। उसने बाकायदा सुसाइड नोट भी लिख रखा था। हालांकि वह नोट पुलिस के हाथ लगता इससे पहले ही उसने उसे फाड़ दिया।Conclusion:धीरेन्द्र के परिजनो का कहना है कि वे लम्बे वक़्त से पार्टी से जुड़े हुए है। कार्यकर्ता और पदाधिकारी दोनों ही तौर पर पार्टी और जनता की सेवा करते आ रहे हैं. इस बार उन्होंने अपने वार्ड से टिकट की मांग भाजपा से की थी बावजूद उनके समर्पण, सेवा और त्याग को दरकिनार कर पार्टी के ही एक बागी को टिकट दे दिया गया है। इसी बात से धीरेंद्र टिकट वितरण के बाद से काफी निराशा के दौर से गुजर रहे हैं।
बाहरहाल फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की वैधानिक कार्रवाई कर रही है।

2 दिन की नाराजगी
इस विषय में जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी का कहना है कि धीरेंद्र हताश जरूर था, लेकिन आत्महत्या करने जैसी कोई बात नहीं है। उसने मुझे फोन किया था, मैंने उसे समझाया भी था।टिकट वितरण के बाद से इस तरह की नाराजगी लगातार हमें झेलनी पड़ रही है। लेकिन यह नाराजगी 2 दिनों की ही रहती है फिर सब ठीक हो जाता है। लोग पार्टी के लिए काम करना शुरू कर देते हैं

बाइट। अशोक चावलानी, जिला अध्यक्ष भाजपा
Last Updated : Dec 5, 2019, 12:22 PM IST
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