कोरबा: 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया का त्यौहार है. इस दिन को शादी के लिए काफी शुभ माना जाता है. इस दिन, ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह की घटनाएं ज्यादा होती हैं. ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन महिला एवं बाल विकास विभाग ने मैदानी अमले को अलर्ट कर दिया है. इस दिन इस तरह की किसी भी सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. मौजूदा साल में अब तक महिला बाल विकास ने मैदानी अमले के साथ मिलकर 7 बाल विवाह रोके हैं.
हर साल आते हैं मामले: कोरबा जिले को बाल विवाह के लिहाज से संवेदनशील माना जा सकता है. जिले में 2021-22 में 20, साल 2022-23 में 14, तो 2023-24 में अब तक 7 बाल विवाह के मामले सामने आए हैं. सभी को महिला बाल विकास विभाग ने स्थानीय पुलिस और पंचायत की सहायता से सफलतापूर्वक रोक दिया है. लेकिन इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जानकारी और जागरूकता की कमी में बाल विवाह के मामले लगातार सामने आते रहते हैं.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अलर्ट रहने के आदेश: क्षेत्रफल के लिहाज से कोरबा जिला छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जिलों में शामिल है. कोरबा जिले में 2200 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. इन सभी में को 83 सेक्टर में विभाजित किया गया है. जहां एक सेक्टर अधिकारी की मौजूदगी रहती है. यह सभी सेक्टर 10 सुपरवाइजर के अंदर आते हैं. सभी को बाल विवाह के किसी भी सूचना पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
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हाल ही में कार्यशाला का भी आयोजन: जिला बाल संरक्षण अधिकारी दया दास महंत ने बताया कि "बाल विवाह रोकने के लिए हाल ही में राज्य स्तर से कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लेने की बात कही गई थी. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्थानीय पुलिस, पंचायत विभाग के साथ ही डायल 1098 चाइल्ड लाइन के द्वारा बाल विवाह के मामलों में कार्रवाई की जाती है. सूचना मिलने पर हम तत्काल कार्रवाई करते हैं. इस वर्ष भी अक्षय तृतीया को ध्यान में रखते हुए हमने अलर्ट जारी किया है. सूचना मिलते ही हम तत्काल वैधानिक कार्रवाई करेंगे."