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कोरबा में मिला बेहद दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव, वन विभाग ने शुरू की पड़ताल

कोरबा के वन परिक्षेत्र में बेहद दुर्लभ प्रजाति (very rare species) का ऊदबिलाव (udbilao) मिला है. यह वन जीव विलुप्त (extinct) हो रहे प्रजातियों की श्रेणी में शामिल है. इसे दूसरी बार भारत में पाया गया है. इससे पहले यह मध्य प्रदेश के सतपूड़ा टाइगर रिजर्व एरिया (Tiger reserve area) में पाया गया था. इस वन्य जीव के मिलने से वन विभाग (Forest department) के कर्मचारियों में काफी खुशी देखी जा रही है. वन विभाग इसके बारे में और जानकारी जुटाने में जुट गया है.

udbilao
दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव
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Published : Jun 17, 2021, 7:26 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 7:09 AM IST

कोरबाः इस जिले के विषय में यह आम राय है कि यहां प्रदूषण (Pollution) बहुत ज्यादा होता है, लेकिन इसके साथ ही साथ कोरबा के संपन्न जैव विविधता वाले जंगलों की भी चर्चा होती है. छत्तीसगढ़ जैव विविधता (Chhattisgarh Bio diversity) से भरे करीब 55 फीसदी वन क्षेत्र वाला राज्य है. अब जिले में यूरेशियन ओटर (Eurasian Otter) यानी ऊदबिलाव (udbilao) मिला है. मध्य प्रदेश के बाद कोरबा में जलीव जीवन शैली वाला यह प्राणी भारत के उत्तरी ठंडे पहाड़ी इलाके और दक्षिण के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. मध्य भारत में दूसरी बार कोरबा में इसे पाया गया है.

कोरबा में मिला बेहद दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव

विलुप्त प्रजातियों की श्रेणी में शामिल है ऊदबिलाव

इसके पहले जून 2016 में मध्य प्रदेश के सतपूड़ा टाइगर रिजर्व एरिया (Satpura Tiger Reserve Area) में ऊदबिलाव मिला था. यूरेशियन ओटर झील, नदियों जैसे स्थानों पर रहते हैं. गर्मियां के दिनों के ये हिमालय में 3669 मीटर तक चढ़ जाते हैं. यह जीव लड़ाई के दौरान बिल्ली की तरह आवाज निकालने में भी सक्षम होते हैं. ये मुख्य रूप से यूरेशिया में (पश्चिम में आयरलैंड से लेकर पूर्वी रूस एवं चीन तक) पाए जाते हैं. इसके अलावा ये उत्तरी अफ्रीका (मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया) और मध्य पूर्व (इज़राइल, जॉर्डन, इराक और ईरान) में भी पाए जाते हैं. ऊदबिलाव के अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) की रेड लिस्ट में निकट संकट (Near Threatened) श्रेणी में रखा गया है, और इसे CITES की परिशिष्ट I (Appendix I) में रखा गया है. जबकि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची II में रखा गया है.

अंबिकापुर में घनी आबादी के बीच पहुंचा ऐसा जीव जिसे देखकर डरे लोग

फिलहाल वन विभाग कर रहा पड़ताल

ऊदबिलाव (udbilao) के मिलने की सूचना किसी तरह वन विभाग तक पहुंची है. फिलहाल वन विभाग इस दिशा में पड़ताल कर रहा है कि इस प्रजाति के ऊदबिलाव के परिवार के और कितने सदस्य आसपास मौजूद हैं. वर्तमान में जो ऊदबिलाव मिला है, उसकी उम्र 1 माह बताई जा रही है. इसकी तबीयत भी फिलहाल ठीक नहीं है. वन विभाग इस संबंध में और भी विस्तृत जानकारी एकत्र करने में जुटा हुआ है.

कोरबाः इस जिले के विषय में यह आम राय है कि यहां प्रदूषण (Pollution) बहुत ज्यादा होता है, लेकिन इसके साथ ही साथ कोरबा के संपन्न जैव विविधता वाले जंगलों की भी चर्चा होती है. छत्तीसगढ़ जैव विविधता (Chhattisgarh Bio diversity) से भरे करीब 55 फीसदी वन क्षेत्र वाला राज्य है. अब जिले में यूरेशियन ओटर (Eurasian Otter) यानी ऊदबिलाव (udbilao) मिला है. मध्य प्रदेश के बाद कोरबा में जलीव जीवन शैली वाला यह प्राणी भारत के उत्तरी ठंडे पहाड़ी इलाके और दक्षिण के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. मध्य भारत में दूसरी बार कोरबा में इसे पाया गया है.

कोरबा में मिला बेहद दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव

विलुप्त प्रजातियों की श्रेणी में शामिल है ऊदबिलाव

इसके पहले जून 2016 में मध्य प्रदेश के सतपूड़ा टाइगर रिजर्व एरिया (Satpura Tiger Reserve Area) में ऊदबिलाव मिला था. यूरेशियन ओटर झील, नदियों जैसे स्थानों पर रहते हैं. गर्मियां के दिनों के ये हिमालय में 3669 मीटर तक चढ़ जाते हैं. यह जीव लड़ाई के दौरान बिल्ली की तरह आवाज निकालने में भी सक्षम होते हैं. ये मुख्य रूप से यूरेशिया में (पश्चिम में आयरलैंड से लेकर पूर्वी रूस एवं चीन तक) पाए जाते हैं. इसके अलावा ये उत्तरी अफ्रीका (मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया) और मध्य पूर्व (इज़राइल, जॉर्डन, इराक और ईरान) में भी पाए जाते हैं. ऊदबिलाव के अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) की रेड लिस्ट में निकट संकट (Near Threatened) श्रेणी में रखा गया है, और इसे CITES की परिशिष्ट I (Appendix I) में रखा गया है. जबकि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची II में रखा गया है.

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फिलहाल वन विभाग कर रहा पड़ताल

ऊदबिलाव (udbilao) के मिलने की सूचना किसी तरह वन विभाग तक पहुंची है. फिलहाल वन विभाग इस दिशा में पड़ताल कर रहा है कि इस प्रजाति के ऊदबिलाव के परिवार के और कितने सदस्य आसपास मौजूद हैं. वर्तमान में जो ऊदबिलाव मिला है, उसकी उम्र 1 माह बताई जा रही है. इसकी तबीयत भी फिलहाल ठीक नहीं है. वन विभाग इस संबंध में और भी विस्तृत जानकारी एकत्र करने में जुटा हुआ है.

Last Updated : Jun 18, 2021, 7:09 AM IST
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