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500 रुपये प्रति ट्रक उगाही के आरोप में ट्रैफिक DSP की जांच 7 दिन में नहीं हो पाई पूरी

कोरबा (Korba) जिले में अवैध उगाही (Illegal extortion) करने वाले डीएसपी (DSP) के खिलाफ जांच की मांग की गई थी. लेकिन हफ्तेभर बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है. ट्रक मालिकों (Truck owners) से 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड कर ट्रैफिक DSP शिवचरण सिंह (Traffic DSP Shivcharan Singh) अवैध उगाही करते थे.

Serious allegation of illegal extortion on traffic DSP
ट्रैफिक डीएसपी पर अवैध उगाही का गंभीर आरोप
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Published : Oct 18, 2021, 12:09 PM IST

कोरबाः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा (Korba) जिले से अवैध उगाही (Illegal extortion) करने वाले डीएसपी(DSP) के खिलाफ जांच की मांग की गई थी. हालांकि 7 दिन बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है. ट्रक मालिकों (Truck owners) से 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड कर ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह (Traffic DSP Shivcharan Singh)अवैध उगाही करते थे. डीएसपी (DSP) के विरुद्ध में जांच निर्धारित अवधि में पूरी नहीं हो सकी है. 4 अक्टूबर की देर शाम एसपी भोजराम पटेल (SP Bhojram Patel) ने एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा (Additional SP Abhishek Verma) को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 7 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. हालांकि निर्धारित समय के लगभग एक हफ्ते बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है.

जांच में देरी पर अधिकारियों ने दिया व्यस्तता का हवाला

त्यौहारी सीजन की व्यस्तता का दिया हवाला

त्योहारी सीजन के अलावा जिले में धरना प्रदर्शन और कानून व्यवस्था संभालने की परिस्थितियां बनी रही. साथ ही केंद्रीय कोयला मंत्री का दौरा भी जिले में हुआ.जिसके कारण पुलिस महकमे के उच्च अधिकारी काफी उलझे हुए रहे. त्यौहारी सीजन के कारण समय का भी अभाव रहा, जिसकी वजह से जांच पूरी नहीं हो पाई है. हालांकि पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही जांच पूरी कर प्रतिवेदन SP को पेश कर दिया जाएगा.

निजी कंपनी के वर्कशॉप से मिला चौकीदार का शव, धारदार हथियार से की गई है हत्या

ये है पूरा मामला

बीते 1 अक्टूबर की रात ट्रैफिक डीएसपी ने अपनी टीम के साथ उरगा फाटक के पास कुछ ट्रकों को रुकवाया था. इनमें से एक को छोड़कर बाकी ट्रकों को बिना चालान काटे की जाने दिया गया. लेकिन कोयला लदी ट्रकों से जुड़े परमिशन वाले पत्र बिल्टी को अपने पास रख लिया, जबकि एक ट्रक को शनिवार की सुबह और रविवार को भी नहीं छोड़ा गया. ट्रक को पुलिस लाइन में खड़ा करके रखा गया था. रविवार तक इस ट्रक को नहीं छोड़ा और कहा कि ओरिजिनल दस्तावेज लाकर ट्रक ले जाएं. ऐसे में अब सवाल यह है कि जब सभी ट्रक नो एंट्री में प्रवेश कर गए थे, तो सिर्फ एक ट्रक को क्यों रोका गया.

ट्रक संचालकों ने लगाया आरोप

इस मामले में ट्रक संचालित करने वाले ट्रांसपोर्टर और ट्रकों के सुपरवाइजर मोहम्मद आरिफ ने आरोप लगाया था कि ट्रैफिक डीएसपी ने जानबूझकर ट्रकों को रुकवाया और 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड की. आगे सुपरवाइजर ने बताया कि हमारे मालिक के पास 70 से 75 ट्रक है, उसके अनुसार महीने में 40 हजार रुपये महीना देना पड़ेगा.

7 दिनों के अंदर जांच के दिए गए थे निर्देश

ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार (Traffic DSP Shivcharan Singh Parihar) पर उगाही के गंभीर आरोप लगे हैं. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाय था. जिसके बाद 4 अक्टूबर की देर शाम एसपी भोजराम पटेल ने जांच के आदेश दिए थे. साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा को इस पूरे प्रकरण के लिए जांच अधिकारी बनाते हुए 7 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन पेश करने को कहा गया था. इस बीच शिकायत करने वाले ट्रक मालिक पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से लगाए गए प्रकरण में कोर्ट ने 20 हजार का जुर्माना भी लगाया था.

अक्टूबर को ही मियाद पूरी

एसपी ने एडिशनल एसपी को जांच अधिकारी बनाते हुए 7 दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा था. जिसकी मियाद 12 अक्टूबर को ही पूरी हो चुकी है. पुलिस का कहना है कि त्योहारी सीजन होने के कारण सभी लोगों के बयान दर्ज नहीं हो सके हैं. इस मामले में दीपका गेवरा क्षेत्र के सभी ट्रांसपोर्टरों ने लामबंद होकर एसपी से लिखित शिकायत की थी. शिकायत में यह भी कहा था कि ट्रैफिक डीएसपी व्हाट्सएप कॉलिंग कर उनसे 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड करते हैं.

कोरबाः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा (Korba) जिले से अवैध उगाही (Illegal extortion) करने वाले डीएसपी(DSP) के खिलाफ जांच की मांग की गई थी. हालांकि 7 दिन बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है. ट्रक मालिकों (Truck owners) से 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड कर ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह (Traffic DSP Shivcharan Singh)अवैध उगाही करते थे. डीएसपी (DSP) के विरुद्ध में जांच निर्धारित अवधि में पूरी नहीं हो सकी है. 4 अक्टूबर की देर शाम एसपी भोजराम पटेल (SP Bhojram Patel) ने एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा (Additional SP Abhishek Verma) को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 7 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. हालांकि निर्धारित समय के लगभग एक हफ्ते बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है.

जांच में देरी पर अधिकारियों ने दिया व्यस्तता का हवाला

त्यौहारी सीजन की व्यस्तता का दिया हवाला

त्योहारी सीजन के अलावा जिले में धरना प्रदर्शन और कानून व्यवस्था संभालने की परिस्थितियां बनी रही. साथ ही केंद्रीय कोयला मंत्री का दौरा भी जिले में हुआ.जिसके कारण पुलिस महकमे के उच्च अधिकारी काफी उलझे हुए रहे. त्यौहारी सीजन के कारण समय का भी अभाव रहा, जिसकी वजह से जांच पूरी नहीं हो पाई है. हालांकि पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही जांच पूरी कर प्रतिवेदन SP को पेश कर दिया जाएगा.

निजी कंपनी के वर्कशॉप से मिला चौकीदार का शव, धारदार हथियार से की गई है हत्या

ये है पूरा मामला

बीते 1 अक्टूबर की रात ट्रैफिक डीएसपी ने अपनी टीम के साथ उरगा फाटक के पास कुछ ट्रकों को रुकवाया था. इनमें से एक को छोड़कर बाकी ट्रकों को बिना चालान काटे की जाने दिया गया. लेकिन कोयला लदी ट्रकों से जुड़े परमिशन वाले पत्र बिल्टी को अपने पास रख लिया, जबकि एक ट्रक को शनिवार की सुबह और रविवार को भी नहीं छोड़ा गया. ट्रक को पुलिस लाइन में खड़ा करके रखा गया था. रविवार तक इस ट्रक को नहीं छोड़ा और कहा कि ओरिजिनल दस्तावेज लाकर ट्रक ले जाएं. ऐसे में अब सवाल यह है कि जब सभी ट्रक नो एंट्री में प्रवेश कर गए थे, तो सिर्फ एक ट्रक को क्यों रोका गया.

ट्रक संचालकों ने लगाया आरोप

इस मामले में ट्रक संचालित करने वाले ट्रांसपोर्टर और ट्रकों के सुपरवाइजर मोहम्मद आरिफ ने आरोप लगाया था कि ट्रैफिक डीएसपी ने जानबूझकर ट्रकों को रुकवाया और 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड की. आगे सुपरवाइजर ने बताया कि हमारे मालिक के पास 70 से 75 ट्रक है, उसके अनुसार महीने में 40 हजार रुपये महीना देना पड़ेगा.

7 दिनों के अंदर जांच के दिए गए थे निर्देश

ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार (Traffic DSP Shivcharan Singh Parihar) पर उगाही के गंभीर आरोप लगे हैं. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाय था. जिसके बाद 4 अक्टूबर की देर शाम एसपी भोजराम पटेल ने जांच के आदेश दिए थे. साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा को इस पूरे प्रकरण के लिए जांच अधिकारी बनाते हुए 7 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन पेश करने को कहा गया था. इस बीच शिकायत करने वाले ट्रक मालिक पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से लगाए गए प्रकरण में कोर्ट ने 20 हजार का जुर्माना भी लगाया था.

अक्टूबर को ही मियाद पूरी

एसपी ने एडिशनल एसपी को जांच अधिकारी बनाते हुए 7 दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा था. जिसकी मियाद 12 अक्टूबर को ही पूरी हो चुकी है. पुलिस का कहना है कि त्योहारी सीजन होने के कारण सभी लोगों के बयान दर्ज नहीं हो सके हैं. इस मामले में दीपका गेवरा क्षेत्र के सभी ट्रांसपोर्टरों ने लामबंद होकर एसपी से लिखित शिकायत की थी. शिकायत में यह भी कहा था कि ट्रैफिक डीएसपी व्हाट्सएप कॉलिंग कर उनसे 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड करते हैं.

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