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कोरबा में खुला प्रदेश का 25वां कृषि महाविद्यालय, किसानों को होगा बड़ा फायदा

कटघोरा के बेसिक पूर्व माध्यमिक शाला भवन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्य के 25वें कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया. कृषि कॉलेज से जिले के किसानों को बहुत फायदा होगा.

कोरबा को कृषि महाविद्यालय की सौगात
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Published : Nov 9, 2019, 3:29 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 4:59 PM IST

कोरबा: जिले में बहुप्रतीक्षित कृषि महाविद्यालय की मांग आज पूरी हो गई है. कटघोरा के बेसिक पूर्व माध्यमिक शाला भवन में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने राज्य के 25वें कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया. यह जिले का पहला कृषि महाविद्यालय होगा, जहां अनुसंधान की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी. भवन और स्टाफ की व्यवस्था फिलहाल नहीं हो सकी है. इसके लिए लखनपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में जमीन चिन्हित की जा चुकी है. सेटअप और राशि भी शासन से मिल चुकी है. फिलहाल स्कूल भवन में कृषि महाविद्यालय को संचालित किया जाएगा, जहां कुल सीटों की संख्या 24 है, जिसे आगामी सत्र से 60 किया जाएगा.

कोरबा को कृषि महाविद्यालय की सौगात

कटघोरा में कृषि महाविद्यालय के शुभारंभ पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को भी आना था, लेकिन किसी कारणवश ये तीनों मंत्री नहीं आ सके और डॉ. चरणदास महंत ने कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया. इस अवसर पर सांसद ज्योत्सना महंत, पूर्व विधायक बोधराम कंवर, उनके विधायक पुत्र पुरुषोत्तम कंवर और मोहित केरकेट्टा भी उपस्थित रहे.

छत्तीसगढ़ धान का कटोरा ही नहीं जन्मभूमि भी है : महंत

मंच से संबोधित करते हुए डॉ. महंत ने कहा कि 'प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अनुसंधान किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ धान का कटोरा ही नहीं बल्कि धान की जन्मभूमि भी है. पूरे विश्व में धान की जो साढ़े 12 हजार किस्में पाई जाती हैं. उनमे 10 हजार धान की किस्मों की पैदावार अकेले छत्तीसगढ़ में होती है. उन्होंने कहा कि साल '2014 में केंद्र की कांग्रेस सरकार के दौरान ही लखनपुर में कृषि अनुसंधान केंद्र की शुरुआत हुई थी. जिसकी वजह से ही कोरबा में कृषि कॉलेज खोलने का सपना साकार हुआ है. यह किसी की मांग से नहीं हुआ है बल्कि हमारे पूर्व वरिष्ठ विधायक और मार्गदर्शक बोधराम कंवर की कड़ी मेहनत से यह संभव हुआ है.

कृषि महाविद्यालय के सेटअप को मिली स्वीकृति
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसके पाटिल ने बताया कि 'कृषि महाविद्यालय और छात्रावास निर्माण के लिए फंड मिल चुका है. फिलहाल संविदा के आधार पर शिक्षकों की भर्ती की गई है. जल्द ही नियमित भर्ती की जाएगी. अगले सत्र से सीटों की संख्या भी 24 से बढ़कर 60 हो जाएगी. यह राज्य का 25वां कृषि महाविद्यालय होगा. यहां कौशल विकास के लिए प्रयोगशालाओं का संचालन भी किया जाएगा, जिससे की कृषि क्षेत्र में उद्यमियों को तैयार किया जा सके'.

कृषि महाविद्यालय कटघोरा के डीन डॉ. एसएल स्वामी भी समारोह में मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि 'हमारा प्रयास होगा कि महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके, जिससे कि कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन का बेहतर उपयोग हो सके'.

कोरबा: जिले में बहुप्रतीक्षित कृषि महाविद्यालय की मांग आज पूरी हो गई है. कटघोरा के बेसिक पूर्व माध्यमिक शाला भवन में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने राज्य के 25वें कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया. यह जिले का पहला कृषि महाविद्यालय होगा, जहां अनुसंधान की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी. भवन और स्टाफ की व्यवस्था फिलहाल नहीं हो सकी है. इसके लिए लखनपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में जमीन चिन्हित की जा चुकी है. सेटअप और राशि भी शासन से मिल चुकी है. फिलहाल स्कूल भवन में कृषि महाविद्यालय को संचालित किया जाएगा, जहां कुल सीटों की संख्या 24 है, जिसे आगामी सत्र से 60 किया जाएगा.

कोरबा को कृषि महाविद्यालय की सौगात

कटघोरा में कृषि महाविद्यालय के शुभारंभ पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को भी आना था, लेकिन किसी कारणवश ये तीनों मंत्री नहीं आ सके और डॉ. चरणदास महंत ने कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया. इस अवसर पर सांसद ज्योत्सना महंत, पूर्व विधायक बोधराम कंवर, उनके विधायक पुत्र पुरुषोत्तम कंवर और मोहित केरकेट्टा भी उपस्थित रहे.

छत्तीसगढ़ धान का कटोरा ही नहीं जन्मभूमि भी है : महंत

मंच से संबोधित करते हुए डॉ. महंत ने कहा कि 'प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अनुसंधान किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ धान का कटोरा ही नहीं बल्कि धान की जन्मभूमि भी है. पूरे विश्व में धान की जो साढ़े 12 हजार किस्में पाई जाती हैं. उनमे 10 हजार धान की किस्मों की पैदावार अकेले छत्तीसगढ़ में होती है. उन्होंने कहा कि साल '2014 में केंद्र की कांग्रेस सरकार के दौरान ही लखनपुर में कृषि अनुसंधान केंद्र की शुरुआत हुई थी. जिसकी वजह से ही कोरबा में कृषि कॉलेज खोलने का सपना साकार हुआ है. यह किसी की मांग से नहीं हुआ है बल्कि हमारे पूर्व वरिष्ठ विधायक और मार्गदर्शक बोधराम कंवर की कड़ी मेहनत से यह संभव हुआ है.

कृषि महाविद्यालय के सेटअप को मिली स्वीकृति
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसके पाटिल ने बताया कि 'कृषि महाविद्यालय और छात्रावास निर्माण के लिए फंड मिल चुका है. फिलहाल संविदा के आधार पर शिक्षकों की भर्ती की गई है. जल्द ही नियमित भर्ती की जाएगी. अगले सत्र से सीटों की संख्या भी 24 से बढ़कर 60 हो जाएगी. यह राज्य का 25वां कृषि महाविद्यालय होगा. यहां कौशल विकास के लिए प्रयोगशालाओं का संचालन भी किया जाएगा, जिससे की कृषि क्षेत्र में उद्यमियों को तैयार किया जा सके'.

कृषि महाविद्यालय कटघोरा के डीन डॉ. एसएल स्वामी भी समारोह में मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि 'हमारा प्रयास होगा कि महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके, जिससे कि कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन का बेहतर उपयोग हो सके'.

Intro:कोरबा। दशकों पुरानी बहुप्रतीक्षित कृषि महाविद्यालय की मांग आज पूरी हो गई। कटघोरा के बेसिक पूर्व माध्यमिक शाला भवन में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने राज्य के 25वें कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया। यह जिले का पहला कृषि महाविद्यालय होगा। जहां अनुसंधान की सुविधा भी उपलब्ध होगी। भवन व स्टाफ की व्यवस्था फिलहाल नहीं हो सकी है। इसके लिए लखनपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में जमीन चिन्हित की जा चुकी है। सेटअप व राशि भी शासन से मिल चुकी है। फिलहाल इसे स्कूल भवन में कृषि महाविद्यालय को संचालित किया जाएगा। जहां कुल सीटों की संख्या फिलहाल 24 है, जिसे आगामी सत्र से 60 किया जाएगा।


Body:कटघोरा में कृषि महाविद्यालय के शुभारंभ के अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल व जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को भी आना था। किसी कारणवश यह तीनों मंत्री नहीं आ सके और डॉ चरणदास महंत ने कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद ज्योत्सना महंत पूर्व विधायक बोधराम कंवर उनके विधायक पुत्र पुरुषोत्तम कंवर व मोहित केरकेट्टा समारोह में उपस्थित रहे।
मंच से संबोधित करते हुए डॉ महंत ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अनुसंधान किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा ही नहीं बल्कि धान की जन्मभूमि है। पूरे विश्व में धान की जो साढ़े 12 हजार किस्मेंपाई जाती हैं। उसमें से 10 हजार अकेले छत्तीसगढ़ में पैदा हुई हैं।
आगे यह भी कहा कि 2014 में कांग्रेस की सरकार में ही लखनपुर में कृषि अनुसंधान केंद्र की शुरुआत हुई थी। जिसके कारण ही आज जिले में कृषि महाविद्यालय खोलने का सपना साकार हुआ है। यह किसी की मांग से नहीं हुआ है बल्कि हमारे पूर्व वरिष्ठ विधायक व मार्गदर्शक बोधराम कंवर की कड़ी मेहनत से यह संभव हुआ है। बोधराम के साथ ही यह हम सबका सपना था कि कोरबा में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जाए। डॉ महंत ने आगे किसानों के लिए कृषि महाविद्यालय को बेहद लाभदायक बताया। उन्होंने यह भी कहा कि जो धान की किस्में खो गई है, उनके प्लाज्मा को भी कृषि क्षेत्र में काम कर रहे विश्वविद्यालय ने सहेज कर रखा है। कम पानी में उगाई जा सकने वाली धान व अन्य तरह के धान के क्षेत्र में नियमित तौर पर अनुसंधान चल रहे हैं बहुत बढ़िया काम हो रहा है।


Conclusion:सेटअप भी किया गया स्वीकृत
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसके पाटिल भी कटघोरा पहुंचे थे। जिन्होंने बताया कि कृषि महाविद्यालय और छात्रावास निर्माण के लिए फंड मिल चुका है। फिलहाल संविदा आधार पर शिक्षकों की भर्ती की गई है। जल्द ही नियमित भर्ती की जाएगी अगले सत्र से सीटों की संख्या भी 24 से 60 हो जाएगी। यह राज्य का 25 वा कृषि महाविद्यालय होगा। यहां कौशल विकास के लिए प्रयोगशालाओं का संचालन भी किया जाएगा जिससे कि कृषि क्षेत्र में उद्यमियों को भी तैयार किया जा सके।
कृषि महाविद्यालय कटघोरा के डीन डॉ एसएल स्वामी भी समारोह में मौजूद थे। जिन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। जिससे कि कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन का बेहतर उपयोग हो सके। क्षेत्र के जलवायु के आधार पर अनुसंधान किए जाएंगे जिसका फायदा क्षेत्र के किसानों को भी मिलेगा।

बाइट
डॉ चरणदास महंत
डॉ एसएल स्वामी, डीन कृषि महाविद्यालय कटघोरा काली कोट में
एसके पाटिल, कुलपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर हाफ जैकेट पहने हुए
विजुअल मंच से संबोधन
Last Updated : Nov 9, 2019, 4:59 PM IST
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