कोरबा: कोरबा के कुसमुंडा कोयला साइडिंग में रेल प्रबंधन ने लोको पायलटों के विश्राम के लिए रनिंग रूम का निर्माण किया है. अब लोको पायलट इस रनिंग रूम का विरोध कर रहे हैं. जिसके लिए उन्होंने कोरबा रेलवे स्टेशन में जमकर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुसमुंडा के रनिंग रूम में सुविधाएं नहीं है. घर पास होते हुए भी उन्हें महज 10 किलोमीटर दूर रुकने को मजबूर किया जाता है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है. अब इस बात को लेकर लोको पायलट और रेल प्रबंधन आमने सामने हैं. Loco pilots protest against Korba Kusmunda running room
लगभग 100 लोको पायलटों ने दिया धरना : कुसमुंडा रनिंग रूम का विरोध करते हुए कोरबा में लोको पायलट ने क्रू लॉबी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. कुसमुंडा में रनिंग रूम बनाए जाने को लेकर लोको पायलटों ने आपत्ति दर्ज कराई है. प्रदर्शन के दौरान लोको पायलट ने किसी भी कर्मचारी को भीतर घुसने नहीं दिया. वह लगभग 100 की तादात में रेलवे स्टेशन में मौजूद थे. कोरबा में 600 लोको पायलट की पदस्थापना है. बाकी लोको पायलट काम पर लगे हुए हैं. लोको पायलटों का ये आंदोलन तकरीबन 2 घंटे तक चला.
एआररएम के सामने ही जमकर नारेबाजी: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कोरबा रेलवे स्टेशन परिसर में क्रू लॉबी कार्यालय के सामने यह प्रदर्शन लोको पायलट की ओर से किया गया. प्रदर्शन के दौरान क्षेत्रीय रेल प्रबंधक(एआरएम) प्रभात कुमार मौके पर मौजूद थे. उनके सामने ही लगभग 100 लोको पायलट ने रेल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनके प्रदर्शन से रेल परिचालन पर असर पड़ने की बात की जा रही थी. हालांकि प्रबंधक ने ऐसे किसी भी बात की संभावना से इनकार कर दिया है. उनके प्रदर्शन के बीच स्टेशन मास्टर और आरपीएफ के प्रभारी यहां पहुंचे. रेल प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि रनिंग स्टाफ रूम की व्यवस्था कुसमुंडा में भी की गई है. लोको पायलट वहां नहीं जाना चाहते और इसी बात को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं.
परिचालन शुरू करने के लगे नारे : रेल लोको पायलट के प्रदर्शन के दौरान स्टेशन परिसर में तनाव जैसी स्थिति पैदा हो गई. इस दौरान रेलगाड़ियों को चालू करो जैसे नारे भी गूंजते रहे. इससे पहले भी ज्यादा समय तक ड्यूटी लिए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर लोको पायलट विरोध कर चुके हैं. इस तरह के प्रदर्शन से यह जताने की कोशिश की जा रही है कि लोको पायलट का समूह काफी संगठित है.
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वर्तमान में 35 रैक कोयला हो रहा डिस्पैच: वर्तमान में कोरबा से औसतन 35 रैक कोयला प्रतिदिन डिस्पैच किया जा रहा है. जबकि अकेले कुसमुंडा कोयला खदान में मौजूद कोयला साइडिंग से प्रतिदिन 13 से 14 कोयला डिस्पैच हो रहा है. जिसके कारण यहां दिनभर लोको पायलट की आवश्यकता होती है. रनिंग रूम में रुककर लोको पायलट कुछ देर तक विश्राम करते हैं और अपने रेल के आने की प्रतीक्षा करते हैं. कोरबा से कोयला डिस्पैच बड़ी तादात में पूरे देश में किया जाता है. जिसके कारण यहां दिन के 24 घंटे लोको पायलट व्यस्त रहते हैं. ओवरटाइम के साथ ही वह अपना शिफ्ट शुरू होने पर कोयला लोड मालगाड़ियों का परिचालन करते हैं.