ETV Bharat / state

Korba News: कारगर साबित हो रहा मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना, इन बीमारियों का होता है इलाज

मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना ग्रामीण क्षेत्रों में काफी कारगर साबित हो रहा है. इस योजना के तहत ग्रामीण अपना इलाज और जांच फ्री में करवा लेते हैं. समस्या गंभीर होने पर लोगों को बड़े अस्पताल रेफर किया जाता है.

Sargabundia village of Korba district
कोरबा जिले के सरगबुंदिया गांव
author img

By

Published : Jun 7, 2023, 10:07 AM IST

Updated : Jun 7, 2023, 11:01 AM IST

मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना

कोरबा: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक हाट बाजारों में जाकर स्वास्थ्य कर्मी आम लोगों का इलाज करते हैं. छोटी-मोटी मौसमी बीमारियों से लेकर टीबी तक के जांच की सुविधा ग्रामीणों को मिलती है. नि:शुल्क दवाओं का वितरण भी किया जाता है. सरकार इस योजना के तहत दावा करती है कि ये योजना ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के लिए बेहद कारगर है. इसका लाभ अधिकतर ग्रामीण उठा रहे हैं.

क्या कहते हैं स्वास्थ्यकर्मी: भले ही सरकार ये दावा कर रही हो कि जमीनी स्तर पर लोगों को मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना का लाभ मिल रहा है. हालांकि स्वास्थ्यकर्मियों का मानना है कि इस योजना का उतना प्रचार नहीं हुआ है. इसलिए कई लोग यहां जांच को पहुंच नहीं पाते हैं. अधिकतर लोगों को इस बारे में पता भी नहीं है. कुछ लोगों को तो मानना है कि केवल बीपी और शुगर की जांच के साथ मामूली इलाज ही इसमें होता है. जबकि इस योजना के तहत और भी कई सुविधाएं लोगों को सरकार की ओर से मुहैया कराई जाती है.

जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते उन तक पहुंचने का उद्देश्य: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम कोरबा जिले के सरगबुंदिया गांव पहुंची. यहां साप्ताहिक बाजार के पास उप स्वास्थ्य केंद्र में हाट बाजार योजना का कैंप लगा था. कैंप में आरएमए पूर्णानंद सोनी अपनी टीम के साथ मौजूद थे. उनका कहना है कि जो लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते उन तक पहुंचना हमारा लक्ष्य होता है.

"सरकार की मंशा है कि जो लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. उनके पास पहुंचा जाए. हाट बाजार जाकर उन्हें मूलभूत स्वास्थ सुविधाओं का लाभ दिया जाए. लोग सप्ताहिक बाजार तो आते ही हैं. इसी दौरान उनका इलाज हो जाता है." -पूर्णानंद सोनी, चिकित्सक

World Health Day 2023 : कांग्रेस राज में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था
WHO ने की छत्तीसगढ़ हाट बाजार क्लीनिक योजना की तारीफ
Benefits Of Onion: कई तरह की बीमारियों से बचाता है प्याज, जानिए इसके फायदे

15 मिनट में मिलता है रिपोर्ट: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत मलेरिया की जांच की जाती है. हीमोग्लोबिन जांच की जाती है. इसके लिए खास किट मौजूद होता है. हेपेटाइटिस, यूरिन की जांच भी होती है. किट के माध्यम से जांच होने के कारण 15 मिनट में ही रिपोर्ट भी दे दिया जाता है. कई बीमारियों को यहां जांच होता है. अधिक परेशानी होने पर बेहतर इलाज के लिए मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. इसके लिए डॉक्टर फॉर्म फिलअप कर देते हैं. हर कैंप में लगभग 100 मरीज पहुंचते हैं. खास बात तो ये है कि बरसात के दिनों में यहां मरीजों की संख्या बढ़ जाती है.

क्या कहते हैं ग्रामीण: सरगबुंदिया के हाट बाजार कैंप में इलाज को पहुंचे ग्रामीण कहती हैं कि "मैं यहां दवा लेने आई हूं. हर हफ्ते कैंप लगता है. मैं नियमित तौर पर यहां आती हूं. मुझे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है. इस कैंप में ब्लड प्रेशर की जांच भी हो जाती है. नि:शुल्क दवाई भी मिल जाती है. बच्चों के लिए सिरप और दवाई भी मिल जाती है." वहीं एक अन्य ग्रामीण कहते हैं कि " हम गांव में रहते हैं. इसलिए सर्दी-बुखार के लिए अस्पताल जाने में दिक्कत होती है. यहां दवाई हमें आसानी से यहां मिल जाती है. यह हाट बाजार वाली योजना काफी अच्छी है."

कुल 10 प्रकार के होते हैं जांच: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत 10 तरह की जांच की जाती है. इनमें मलेरिया, डेंगू, एंथ्रोपोमेट्री, हीमोग्लोबिन, सॉल्युबिलिटी, बीपी, शुगर, एचआईवी, बीडीआरआई, प्रेगनेंसी, विजिबिलिटी, कुष्ठ, सामान्य चर्म रोग, टीबी, सिकलिंग और हेपेटाइटिस की जांच की भी सुविधा है. कई तरह के जांच ऐसे भी हैं, जिनके बारे में लोगों को अब भी उतनी जानकारी नहीं है.

मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना

कोरबा: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक हाट बाजारों में जाकर स्वास्थ्य कर्मी आम लोगों का इलाज करते हैं. छोटी-मोटी मौसमी बीमारियों से लेकर टीबी तक के जांच की सुविधा ग्रामीणों को मिलती है. नि:शुल्क दवाओं का वितरण भी किया जाता है. सरकार इस योजना के तहत दावा करती है कि ये योजना ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के लिए बेहद कारगर है. इसका लाभ अधिकतर ग्रामीण उठा रहे हैं.

क्या कहते हैं स्वास्थ्यकर्मी: भले ही सरकार ये दावा कर रही हो कि जमीनी स्तर पर लोगों को मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना का लाभ मिल रहा है. हालांकि स्वास्थ्यकर्मियों का मानना है कि इस योजना का उतना प्रचार नहीं हुआ है. इसलिए कई लोग यहां जांच को पहुंच नहीं पाते हैं. अधिकतर लोगों को इस बारे में पता भी नहीं है. कुछ लोगों को तो मानना है कि केवल बीपी और शुगर की जांच के साथ मामूली इलाज ही इसमें होता है. जबकि इस योजना के तहत और भी कई सुविधाएं लोगों को सरकार की ओर से मुहैया कराई जाती है.

जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते उन तक पहुंचने का उद्देश्य: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम कोरबा जिले के सरगबुंदिया गांव पहुंची. यहां साप्ताहिक बाजार के पास उप स्वास्थ्य केंद्र में हाट बाजार योजना का कैंप लगा था. कैंप में आरएमए पूर्णानंद सोनी अपनी टीम के साथ मौजूद थे. उनका कहना है कि जो लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते उन तक पहुंचना हमारा लक्ष्य होता है.

"सरकार की मंशा है कि जो लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. उनके पास पहुंचा जाए. हाट बाजार जाकर उन्हें मूलभूत स्वास्थ सुविधाओं का लाभ दिया जाए. लोग सप्ताहिक बाजार तो आते ही हैं. इसी दौरान उनका इलाज हो जाता है." -पूर्णानंद सोनी, चिकित्सक

World Health Day 2023 : कांग्रेस राज में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था
WHO ने की छत्तीसगढ़ हाट बाजार क्लीनिक योजना की तारीफ
Benefits Of Onion: कई तरह की बीमारियों से बचाता है प्याज, जानिए इसके फायदे

15 मिनट में मिलता है रिपोर्ट: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत मलेरिया की जांच की जाती है. हीमोग्लोबिन जांच की जाती है. इसके लिए खास किट मौजूद होता है. हेपेटाइटिस, यूरिन की जांच भी होती है. किट के माध्यम से जांच होने के कारण 15 मिनट में ही रिपोर्ट भी दे दिया जाता है. कई बीमारियों को यहां जांच होता है. अधिक परेशानी होने पर बेहतर इलाज के लिए मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. इसके लिए डॉक्टर फॉर्म फिलअप कर देते हैं. हर कैंप में लगभग 100 मरीज पहुंचते हैं. खास बात तो ये है कि बरसात के दिनों में यहां मरीजों की संख्या बढ़ जाती है.

क्या कहते हैं ग्रामीण: सरगबुंदिया के हाट बाजार कैंप में इलाज को पहुंचे ग्रामीण कहती हैं कि "मैं यहां दवा लेने आई हूं. हर हफ्ते कैंप लगता है. मैं नियमित तौर पर यहां आती हूं. मुझे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है. इस कैंप में ब्लड प्रेशर की जांच भी हो जाती है. नि:शुल्क दवाई भी मिल जाती है. बच्चों के लिए सिरप और दवाई भी मिल जाती है." वहीं एक अन्य ग्रामीण कहते हैं कि " हम गांव में रहते हैं. इसलिए सर्दी-बुखार के लिए अस्पताल जाने में दिक्कत होती है. यहां दवाई हमें आसानी से यहां मिल जाती है. यह हाट बाजार वाली योजना काफी अच्छी है."

कुल 10 प्रकार के होते हैं जांच: मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत 10 तरह की जांच की जाती है. इनमें मलेरिया, डेंगू, एंथ्रोपोमेट्री, हीमोग्लोबिन, सॉल्युबिलिटी, बीपी, शुगर, एचआईवी, बीडीआरआई, प्रेगनेंसी, विजिबिलिटी, कुष्ठ, सामान्य चर्म रोग, टीबी, सिकलिंग और हेपेटाइटिस की जांच की भी सुविधा है. कई तरह के जांच ऐसे भी हैं, जिनके बारे में लोगों को अब भी उतनी जानकारी नहीं है.

Last Updated : Jun 7, 2023, 11:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.