कोरबा: दुनिया के सबसे लंबे विषधर सांप 'किंग कोबरा' के घर को संवारने की तैयारी वन विभाग ने शुरू कर दी है. (king cobra snake ) किंग कोबरा के जानकार उसे बेहद खूबसूरत बताते हैं. अपनी बनावट और आकर्षक छवि के कारण इसे नागराज भी कहा जाता है. पिछले 2 साल के दौरान कोरबा जिले के गांव बताती, लेमरू और पसरखेत के क्षेत्रों में नागराज का स्थायी निवास है. नागराज ने इसे अपना घर बना लिया है. हाल ही में इसी क्षेत्र से वन विभाग की स्नेक रेस्क्यू टीम ने 15 फीट लंबे किंग कोबरा को सुरक्षित निकालकर जंगल में आजाद किया था. (rescue of king cobra )
किंग कोबरा की विरासत का मौजूद होना कोरबा के जंगलों में समृद्ध जैव विविधता का प्रमाण है. (Rich biodiversity in forests of Korba) पूरी दुनिया में सबसे लंबे जहरीले सांप की मौजूदगी से वन विभाग भी बेहद उत्साहित है. दूसरी तरफ हैरानी भी है कि एकाएक कोरबा जैसे जिले में किंग कोबरा की मौजूदगी इतनी कैसे बढ़ गई. अब राज्य स्तर पर नागराज के घर को सहेजने की कवायद शुरू कर दी गई है. किंग कोबरा भारत में वन्य जीव कानून के तहत संरक्षित प्राणियों में भी शुमार है.(King cobra protected under wildlife law )
संरक्षित इलाके के लिए सर्वे की तैयारी
नागराज का घर संवारने के लिए बताती, पसरखेत और लेमरू जैसे गांव को मिलाकर एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी. वन विभाग के अधिकारी सर्वे करेंगे. जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि किंग कोबरा इन गांव के आसपास के कितने क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं. वह कितनी दूर तक देख सकते हैं. (Korba forest department ) जंगल के कितने क्षेत्रफल को किंग कोबरा के निवास के तौर पर विकसित कर उसे संरक्षित किया जाए. फिलहाल यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि किंग कोबरा के निवास को विकसित करने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन एक बात तय है कि इस क्षेत्र में इस खूबसूरत जीव को सहेजने की आवश्यकता है.
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रेस्क्यू किया गया था 15 फीट का किंग कोबर
वन विभाग की रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी ने गांव बताती से 15 फीट के किंग कोबरा को रेस्क्यू किया था. सांप एक ग्रामीण के घर में छिपा था. किंग कोबरा की अधिकतम लंबाई 18 से 20 फीट तक होती है. लगभग इसी के आसपास लंबाई का एक किंग कोबरा रेस्क्यू कर जंगल में आजाद किया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि इतनी ही लंबाई के और भी कई किंग कोबरा किस क्षेत्र में मौजूद हैं.
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थोड़ा सा जहर भी काफी है जान लेने के लिए
किंग कोबरा दुनिया के सबसे अधिक जहरीले सांप होते हैं. जितने जहरीले होते हैं देखने में भी उतने ही आकर्षक होते हैं. जहर कितना खतरनाक होता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किंग कोबरा का 1 मिलीग्राम जहर भी किसी भी व्यक्ति की जान लेने के लिए पर्याप्त है. किसी को काटते वक्त यदि किंग कोबरा ने ज्यादा जहर शरीर में पहुंचा दिया तो मौत निश्चित है. जहरीला होने के बावजूद किंग कोबरा कोल्ड ब्लडेड होते हैं. (king cobra cold blooded) जब इन्हें कोई खतरा महसूस होता है, तभी यह किसी पर हमला करते हैं.
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दक्षिण पूर्व एशिया में बहुलता
किंग कोबरा भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं. पूर्वी एशिया के दक्षिणी क्षेत्र, बांग्लादेश, भूटान, बर्मा कंबोडिया, चीन, भारत इंडोनेशिया लाओस, नेपाल चीन, थाईलैंड, सिंगापुर जैसे देशों में किंग कोबरा पाए जाते हैं. इन्हें दुर्लभ भी माना जाता है. किंग कोबरा कई स्थानों में विलुप्ति के कगार पर भी हैं. इनके ज़हर के कारण तस्करी और शिकार के मामले सामने आते हैं. यह भी इनकी संख्या घटने का एक बड़ा कारण है. लेकिन कोरबा में इसका मिलना एक अच्छा संकेत भी है. इसे वन विभाग काम करने के बेहतर विकल्प के तौर पर देख रहा है.
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भारत में किंग कोबरा को लेकर धार्मिक मान्यताएं
भारत में एक मान्यता यह भी है कि हिंदुओं के आराध्य भगवान शिव के गले में जो सांप लिपटा हुआ है वह किंग कोबरा ही है. इस वजह से इसकी पूजा भी होती है. इसे मारना अशुभ माना जाता है. किंग कोबरा को असाधारण स्मृति शक्ति के तौर पर भी माना जाता है. एक मिथक के अनुसार किंग कोबरा के हत्यारे की तस्वीर उसकी आंखों में छप जाती है और फिर किंग कोबरा का साथी बदला भी लेता है. इसलिए यह भी कहा जाता है कि जब भी किंग कोबरा को मारा जाए तो उसका सर कुचल कर आंखों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाए. हांलाकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. सालों पहले से चली आ रही पौराणिक कहानियों के तौर पर मात्र ऐसा कहा जाता है. (Religious beliefs about King Cobra in India)