कोरबा: जनपद पंचायत करतला के तत्कालीन विवादित CEO जीके मिश्रा को कलेक्टर किरण कौशल ने सस्पेंड कर दिया है. निलंबन का आदेश गुरुवार की देर शाम जारी किया गया था. आदेश में उल्लेख किया है कि जीके मिश्रा ने विधानसभा चुनाव के दौरान गलत तरीके से सरकारी राशि निकाली थी. बताया जा रहा है कि मिश्रा पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप हैं.
रामपुर विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने भी सीईओ जीके मिश्रा के खिलाफ इसी तरह की शिकायतें की थी. मिश्रा की शिकायत करतला क्षेत्र से कई सरपंचों ने की थी, जिसके बाद से ही जनपद पंचायत करतला भ्रष्टाचार और शासकीय राशियों के दुरुपयोग को लेकर सुर्खियों में हैं. कलेक्टर कौशल ने गुरुवार की देर शाम तत्कालीन CEO जीके मिश्रा को पंचायत चुनाव 2020 के दौरान लगे आचार संहिता में निर्माण कार्यों के लिए चेक जारी करने और विधानसभा को आधी-अधूरी और गलत जानकारी देने पर सस्पेंड कर दिया है.
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा के तहत की गई कार्रवाई
CEO जीके मिश्रा के खिलाफ यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम 9 के प्रावधानों के तहत की गई है.
कलेक्टर ने शिकायतों की जांच के दिए थे निर्देश
कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को जांच के निर्देश दिए थे. CEO मिश्रा के खिलाफ तत्कालीन समय में विधानसभा में गलत उत्तर देने और आदर्श आचार संहिता के दौरान शासकीय राशि का दुरुपयोग करने की शिकायतें की गई थी. कलेक्टर ने इन शिकायतों की जांच के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जांच अधिकारी के पद पर नियुक्त किया था. जिला पंचायत सीईओ ने 4 सदस्यीय जांच दल गठित कर पूरे प्रकरण की बारिकी से जांच की थी.
जांच के दौरान पाया गया कि पंचायत चुनाव 2020 के दौरान लागू आदर्श आचार संहिता के वक्त करतला जनपद के तत्कालीन सीईओ जीके मिश्रा ने निर्माण कार्यों की पहली किस्त की राशि के चेक जारी किए थे. यह सभी चेक 10 ग्राम पंचायतों में खनिज न्यास मद से स्वीकृत किए गए 14 विकास कार्यों से संबंधित थे.
जांच के दौरान आरोप पाया गया सही
जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि तत्कालीन CEO जीके मिश्रा ने करतला के एक्सिस बैंक से 24 ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के लिए 86 लाख रुपये से ज्यादा की राशि आहरित की गई. जिसकी पुष्टि बैंक स्टेटमेंट में भी हुई. तत्कालीन CEO ने दो अलग-अलग जवाब दिए थे. पहली बात में उनका कहना था कि करतला जनपद पंचायत की 26 ग्राम पंचायतों में 47 विकास कार्यों के लिए लगभग एक करोड़ 19 लाख रुपये का आहरण ग्राम पंचायत सचिवों के एकल हस्ताक्षर से किया गया था. दूसरी बात में उनका कहना था कि 26 ग्राम पंचायतों के 47 कार्यों के लिए 98 लाख रुपये निकाले गए हैं. इस तरह से मिश्रा ने आहरित राशि की सही जानकारी विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत नहीं करते हुए गलत और आधी-अधूरी जानकारी दी थी.
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इतना ही नहीं मिश्रा ने पंचायत सचिवों के अकेले हस्ताक्षर से राशि निकालने बैंकों को पत्र लिखा था. पंचायत चुनावों के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान करतला जनपद के तत्कालीन सीईओ जीके मिश्रा ने कार्यालय से शासकीय पत्र लिखकर सभी बैंकों को ग्राम पंचायत सचिवों के एकल हस्ताक्षर से राशि आहरित करने के निर्देश दिए थे, जो कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 66 के विपरीत है.
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सीईओ के इस कृत्य के लिए कलेक्टर ने उनके खिलाफ विभागीय जांच करने की मांग राज्य सरकार से की है. कलेक्टर ने उन्हें तत्काल जनपद पंचायत करतला के प्रभार से हटाकर सहायक आयुक्त कार्यालय आदिवासी विकास विभाग कोरबा में अटैच कर दिया था. एकल हस्ताक्षर से पंचायत चुनाव आचार संहिता के दौरान राशि आहरित किए जाने के कारण करतला जनपद के 9 पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया गया है. 14 ग्राम पंचायत सचिवों की दो-दो वेतनवृद्धियां रोकी गई हैं. इसके साथ ही ऐसे सभी पंचायत सचिवों का ट्रांसफर कर दूसरे पंचायतों में पदस्थ कर दिया गया है.