कोरबा : चैतुरगढ़ पहाड़ी अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शीतलता के लिए पूरे देश में जाना जाता है. यही वजह है कि इस पहाड़ी को छत्तीसगढ़ का कश्मीर भी कहा जाता है.लेकिन एक और चीज इस स्थान को पहचान दिलाती है. ये स्थान है मां महिषासुर मर्दनी का मंदिर.नवरात्रि के अवसर पर माता के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.माता की महिमा ऐसी है कि पड़ोसी राज्यों से भी भक्त अपनी मुराद पूरी होने पर इस पहाड़ी पर इकट्ठा होते हैं. चैतुरगढ़ की पहाड़ी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं. यह रोमांच पैदा करती है.कई प्रकार के जंगली जानवर और पक्षी यहां आते हैं. मंदिर ट्रस्ट ने पर्यटकों के लिए यहां कुछ कमरे भी बनाए हैं.
मंदिर समिति ने किया इंतजाम : पाली लाफागढ़ में इस साल मां महिषासुर मर्दनी मां महामाया चैतुरगढ़ में चैत्र नवरात्रि पर्व पर भक्तजनों का तांता लगा हुआ है. माता के दर्शन के लिए बच्चे बूढ़े ऊंचे पहाड़ पर मौजूद माता के दर्शन करने आ रहे हैं. समिति रोजाना श्रद्धालुओं को भंडारा करा रही है.वहीं कई भक्तों ने मनोकामना पूरी होने के लिए ज्योति कलश की स्थापना भी की है.
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कैसा है मंदिर : महिषासुर मर्दनी की मूर्ति 18 हाथों की है और गर्भगृह में स्थापित है. मंदिर से 3 किमी दूर शंकर गुफा है. यह गुफा एक सुरंग की तरह है. 25 फीट लंबा है. सच्चे मन से जाने वाले ही गुफा के अंदर जा सकते हैं. क्योंकि इसका रास्ता व्यास में बहुत कम है. पहाड़ी के ऊंचाई 5 वर्ग मीटर का एक समतल क्षेत्र है. जहां पांच तालाब हैं. इनमें से तीन तालाब में पानी भरा रहता है.