कोरबा : जिले के पाली क्षेत्र में पुलिस ने 2017 में हुई ठगी के मामले को सुलझाते हुए गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है. ठगी करने वाले लोगों ने परिवार वालों को उनके पास मौजूद सोने-चांदी के जेवरात में भूत होना बताकर डराया और तंत्र-मंत्र से सब ठीक कर देने की बात कहकर कीमती सामान लेकर भाग निकले थे.
पाली थाना प्रभारी निरीक्षक लीलाधर राठौर ने बताया कि घटना साल 2017 की है. सरगुजा जिले के बिशुनपुर बाबापारा के रहने वाले संपत गिरी (26 वर्ष), बुच्चन गिरी (34 वर्ष), करूमु गिरी (50 वर्ष), मती गिरी (30 वर्ष) और सुमित्रा बाई (48 वर्ष) पाली थाना क्षेत्र के ग्राम केराझरिया की रहने वाली फूलवती रोहिदास के घर आए थे. ठगी करने वाला यह गिरोह पाली के चैतुरगढ़ में आयोजित मेले में शामिल होने आया था. रात का बहाना बनाकर फूलवती के घर में शरण ले ली थी.
भूत-प्रेत और झाड़-फूंक की बात कहकर ठगे कीमती जेवर और पैसे
इस दौरान आरोपियों ने फूलवती की पाली हुई मुर्गी को कुछ खिला दिया. कुछ देर बाद मुर्गी ऐंठने लगी तब आरोपियों ने झाड़-फूंक कर इस तरह की तकलीफ का इलाज करने की बात कही. फूलवती इनके झांसे में आ गई. फायदा उठाकर आरोपियों ने फूलवती के पास मौजूद सोने-चांदी के जेवरों में भूत-प्रेत होने का डर दिखाया और 54 हजार 500 रुपए के कीमती जेवरातों को कब्जे में ले लिया. जेवरों को वापस मांगने पर मुर्गी की तरह ऐंठ-ऐंठकर मर जाने का डर दिखाया. इसके बाद झाड़-फूंक के एवज में 10 हजार रुपए भी ठग लिए.
ठगी करने वाले सभी आरोपी फूलवती के घर पर 3 दिन तक रहे और झूठ का पूजा-पाठ करते रहे. तीसरे दिन आरोपियों ने कहा कि वे लोग चैतुरगढ़ जा रहे हैं. वहां से वापस आते ही फूलवती और उसके परिवार की सारी परेशानियों को ठीक कर देंगे. इतना सब कहने के बाद आरोपी वहां से भाग निकले.
ठगी का एहसास होने के बाद थाने में किया गया रिपोर्ट
ठगी का एहसास होने के बाद फूलवती ने पाली थाना में घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज किया. जिसके बाद पुलिस लगातार आरोपियों की तालाश में लगी हुई थी. 2020 में अब जाकर पुलिस को सफलता हासिल हुई, मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपियों के गांव में दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
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इस मामले में संलिप्त आरोपियों की धर-पकड़ में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस के पास आरोपियों का कोई नाम-पता नहीं था, सिर्फ उपनाम गिरी ही जानते थे. जिसके आधार पर सुराग तलाशते-तलाशते जिले के सीमांत गांवों में पतासाजी करते-करते ग्राम बिशुनपुर पहुंचे. पुलिस ने 3 दिन तक ग्राम बिशुनपुर में कैम्प लगाया और अपने मुखबिर सक्रिय किए. जिससे पता चला कि मुख्य आरोपी संपत गिरी पत्थलगांव गया हुआ है. जिसके लौटने का इंतजार किया गया. घर लौटे आरोपी संपत गिरी की सूचना मुखबिर से मिलते ही उसे दबोच लिया गया और बचे हुए सभी आरोपी भी पकड़ लिए गए.