कोरबा: सरकार एक ओर लोगों को वृक्ष लगाने की सलाह देती है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए वर्षों पुराने पेड़ों को काटकर फेंक दिया जा रहा है. बुड़बुड़-छिंदपारा के लोगों को यहां से पर्याप्त जलाऊ लकड़ी मिलने के साथ ही शुद्ध हवा और वातावरण मिल रहा था. लेकिन ठेकेदारों के फरमानों ने जंगल का सफाया कर दिया.
बिना इजाजत जंगल साफ
दरअसल SECL ओपन कास्ट सरईपाली-बुड़बुड़ में बिना परमिशन के ही वृक्षों को काटकर जंगल का सफाया कर दिया गया है. सरईपाली ओपन कास्ट खदान बुड़बुड़ में खुलने वाले खदान का काम जारी है. जहां ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए बुड़बुड़-छिंदपारा के बीच लगे हुए साल सराई के बड़े-बड़े वृक्षों को बिना अनुमति के काटकर जंगल का सफाया किया जा रहा है.
SECL को लाभ पहुंचाने 2304 पेड़ों की बली
मामले में जब वन समिति अध्यक्ष अमर लाल नायक से बातचीत की गई तो उन्होंने इस पर विरोध जताते हुए बताया कि कई वर्षों से ग्रामीणों के द्वारा बुड़बुड़ क्षेत्र के आस-पास बसे घने वृक्षों की वन समिति के द्वारा रखवाली की जा रही है. इससे उनको जंगल से जरुरत की चीजें मिल सके, लेकिन फॉरेस्ट विभाग द्वारा SECL को लाभ पहुंचाने के लिए हजारों पेड़ों को काटकर साफ कर दिया. फॉरेस्ट विभाग ने लगभग 2304 पेड़ काटकर गिरा दिया. इसको लेकर वन समिति में खासा आक्रोश है.