कोरबा: दीपावली पर्व पर शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां दीये जगमगाते हुए न दिखे. मिट्टी के दिए चलन में है, लेकिन कोरबा की महिला स्व-सहायता समूह ने एक कदम और आगे बढ़ कर इको फ्रेंडली दीये तैयार किये हैं. जिसे गोंद मिली हुई मुल्तानी मिट्टी और गोबर से बनाया गया है. दीपावली के दिन यह दीये घर तो रोशन करेंगे ही उपयोग के बाद पूरी तरह से डीकंपोज होकर मिट्टी में मिल जाएंगे और खाद का काम करेंगे. जिससे मिट्टी की उर्वता शक्ति भी बढ़ेगी.
इको फ्रेंडली दीये बिहान योजना के तहत काम करने वाली कोरबा जनपद के ग्राम कठबिटला की महिलाओं ने तैयार किया है. जिसे कलेक्ट्रेट परिसर में भी स्टॉल लगाकर बेचा जा रहा है. महिला स्व-सहायता समूह पटाखा दुकान के पास भी दीये बेचने का व्यवसाय कर रहे हैं.
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3 रुपये प्रति दिये दर बिक रहा
समूह की महिलाओं ने बताया कि 'इको फ्रेंडली दीये तैयार करने में प्रति दीया लागत 2 से 3 रुपये की आती है. जिसे वे 3 रुपये प्रति दीये की दर से बेच रहे हैं. जिन लोगों को इन दियों की जानकारी है. वे खुशी-खुशी इन दीयों को खरीदारी कर घर ले जा रहे हैं'.