दुर्ग : पूरे देश समेत छत्तीसगढ़ में महिलाओं से जुड़े अपराध चिंता का विषय है. बात यदि दुर्ग जिले की करें तो साल 2024 में महिला थाना में कुल 1351 शिकायतें पुलिस को मिली. जिसमें सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा के थे. वहीं 828 ऐसे प्रकरण भी रहे. जिसमें दोनों पक्षों की समझाइश के बाद दंपत्ति के बीच उपजे विवाद को सुलझा लिया गया. यानी थाने में ही दोनों पक्षों में हालांकि 2024 में कुल शिकायतों में गिरावट देखी गई.
घरेलू हिंसा के मामले ज्यादा : NCW के आंकड़ों के अनुसार 2024 में घरेलू हिंसा एक प्रमुख चिंता का विषय बनी रही. कुल 1351 शिकायतों में से ज्यादा मामले घरेलू हिंसा से संबंधित थीं.जो कुल शिकायतों का लगभग एक-चौथाई है. जो ये दर्शाता है कि घर की चार दीवारी के भीतर महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक गंभीर समस्या बनी हुई है.
ASP (ICW) पद्मश्री तंवर ने बताया कि महिला थाना में 1351 प्रकरण आए थे. इसमें 828 से ज्यादा ऐसे प्रकरण रहे. जिसमें दंपति के बीच छुटमुट विवाद था इसे काउंसलिंग के माध्यम से आपसी सुलह करा दी गई. लेकिन 48 मामलों में विवाद की स्थिति बनी रहने की वजह से एफआईआर दर्ज की गई.
महिला थाने में आने वाले परिवाद को आपसी सुलह से निपटाने की कोशिश की जाती है.इसमें काउंसलर्स का अहम रोल होता है- पद्मश्री तंवर,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ICW
काउंसलर महिला थाना आफता खान ने बताया कि महिला थाने में रोजाना 15 से 20 प्रकरण आते हैं. इसमें पारिवारिक शिकायतें रहती है. ज्यादातर महिलाओं की शिकायत रहती है कि उनका पति शराब पीकर उसके साथ मारपीट करता है.
कई मामलों में दहेज की मांग को लेकर विवाहिता को तंग करने की शिकायत भी आती है. इसके अलावा छोटी-छोटी बातों पर आपसी मनमुटाव की बातें है. परिवार परमर्श केंद्र की काउंसलर होने के नाते हमारा पहला उद्देश्य घर जोड़ने का रहता है.आपसी समझाइश के बाद मामले में सुलह करने की कोशिश की जाती है - आफता खान, काउंसलर महिला थाना
आपको बता दें इन प्रकरणों में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े अन्य अपराध जैसे छेड़छाड़ अथवा यौन उत्पीड़न के 25 प्रकरण, दुष्कर्म के 132, शीलभंग के 102 और पति एवं उसके रिश्तेदारों प्रताड़ना के 49 शिकायतें भी शामिल हैं.
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