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Korba latest News: पदोन्नति सूची निरस्त होने के बाद अब काउंसलिंग पर टिकी नजर, प्रक्रिया को लेकर असमंजस

कोरबा शिक्षा विभाग की जारी पदोन्नति सूची में अनियमितता और आपसी सांठगांठ के आरोपों के बाद कोरबा कलेक्टर ने सूची को निरस्त कर दिया था. अब नए सिरे से पारदर्शिता के साथ काउंसिलिंग के माध्यम से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जानी है. काउंसिलिंग के लिए समिति का भी गठन किया गया है. शिक्षक संघ भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सुझाव दे रहे हैं.

counseling of assistant teachers for promotion
सहायक शिक्षकों की होगी काउंसलिंग
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Published : Oct 27, 2022, 4:46 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 8:16 PM IST

कोरबा: डेढ़ से दो दशक के लंबे इंतजार के बाद सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति मिली थी. कोरबा शिक्षा विभाग ने 1145 पदों पर पदोन्नति सूची जारी भी कर दी थी. लेकिन सूची में अनियमितता और आपसी सांठगांठ के आरोपों के बाद कलेक्टर ने इस सूची को ही निरस्त कर दिया. अब नए सिरे से पारदर्शिता के साथ काउंसिसिलिंग के माध्यम से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

कोरबा कलेक्टर ने काउंसिलिंग के लिए समिति का भी गठन किया

कोरबा कलेक्टर ने साफ कहा है कि "शासन के नियमों के अनुसार ही पदोन्नति के पद भरे जाएंगे." अब इसे लेकर विभाग में असमंजस की स्थिति भी है. काउंसिलिंग के लिए समिति का भी गठन किया गया है. शिक्षक संघ भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सुझाव दे रहे हैं.


दिव्यांग और महिला उम्मीदवारों को दी जाएगी प्राथमिकता: पदोन्नति सूची निरस्त होने और काउंसिलिंग की प्रक्रिया के बारे में कलेक्टर संजीव झा ने कहा है कि "कोरबा शिक्षा विभाग ने एक सूची जारी की थी. लेकिन इसके बाद विभिन्न शिक्षक संघों ने इसकी शिकायत की. अनियमितता और शिकायतों के आधार पर ही सूची को निरस्त किया गया है. अब काउंसिलिंग के माध्यम से रिक्त पदों को भरा जाएगा. इसके लिए एक समिति का भी गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष ज्वाइंट कलेक्टर रैंक के अधिकारी होंगे. ओपन काउंसिलिंग कराई जाएगी. जिसमें दिव्यांग और महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता के आधार पर सीट चयन का अवसर दिया जाएगा. प्रयास यही रहेगा कि विद्यालय, संकुल या ब्लॉक स्तर पर ही पदोन्नति प्राप्त करने वाले शिक्षकों को एडजस्ट किया जाए."

कलेक्टर ने यह भी कहा कि "जो सूची निरस्त की गई है. उसमें यदि जानबूझकर किसी को लाभ देने के लिए नियमों से छेड़छाड़ की गई है. तो संबंधितों पर कार्रवाई भी की जाएगी. राज्य शासन के नियमों के अनुरूप ही रिक्त पदों पर पदोन्नति दी जानी है."

यह भी पढ़ें: कोरबा मेडिकल कॉलेज: ऑल इंडिया सीट पर एडमिशन लेने पहुंचे छात्र, 15 से लगेंगी कक्षाएं


सार्वजनिक करने होंगे सभी पद: सूची निरस्त होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था. कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को एक आदेश भी जारी कर दिया है. जिसमें विकास खंडवार दिव्यांग, महिला और 50 वर्ष से अधिक उम्र के उम्मीदवारों की सूची तैयार कर मांगी गयी है.

जिले में सहायक शिक्षक से प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक बनने वाले कुल 1145 पद रिक्त हैं. जिन्हें पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना है. मनपसंद स्थान पर पदस्थापना के लिए ही आपसी सांठगांठ कर खेल किया जाता है. हाल ही में जारी की गई सूची में इसी तरह की अनियमितता की संभावना के मद्देनजर कलेक्टर ने सूची को निरस्त किया था. लेकिन अब जब ओपन काउंसिलिंग होगी, तब सभी 1145 रिक्त स्थानों को सार्वजनिक करना होगा. जिससे प्रक्रिया पारदर्शी होगी.

शिक्षक संघ ने भी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन: काउंसलिंग की प्रक्रिया के ठीक पहले शिक्षक संघों ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. अलग अलग शिक्षक संगठनों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सुझाव दिए हैं. कहा है कि शासन स्तर पर जारी नियमों के तहत ही काउंसलिंग की जानी चाहिए. जिस शिक्षक को पदोन्नति दी जानी है, यदि उसके वर्तमान संस्था में पद रिक्त है. तो उसे वहीं पदस्थ किए जाने का सुझाव भी शिक्षक संगठनों ने कलेक्टर को दिया है.

वरिष्ठता सूची में 2 हजार से अधिक शिक्षक: शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में सहायक शिक्षक कार्यरत हैं. जिला स्तर से जारी वरिष्ठता सूची में 2000 से अधिक शिक्षक पदोन्नति के लिए पात्रता रखते हैं. लेकिन पद प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के लिए सिर्फ 1145 पद ही रिक्त हैं. मनपसंद स्थान नहीं मिलने पर कई शिक्षक पदोन्नति भी नहीं लेते और अपने वर्तमान संस्था में ही काम करते रहते हैं. ऐसे में वरिष्ठता सूची में से कितनी तादाद में शिक्षकों को काउंसिलिंग में बुलाया जाएगा? प्रक्रिया क्या होगी? इसे लेकर अब भी असमंजस बरकरार है. पदोन्नति के लिए पात्र शिक्षक को क्रमोन्नति और यूडीटी के पद पर पदोन्नति कब मिलेगी, फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं है. इसे लेकर भी पदोन्नति के लिए पात्रता रखने वाले शिक्षकों में असंतोष है.

कोरबा: डेढ़ से दो दशक के लंबे इंतजार के बाद सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति मिली थी. कोरबा शिक्षा विभाग ने 1145 पदों पर पदोन्नति सूची जारी भी कर दी थी. लेकिन सूची में अनियमितता और आपसी सांठगांठ के आरोपों के बाद कलेक्टर ने इस सूची को ही निरस्त कर दिया. अब नए सिरे से पारदर्शिता के साथ काउंसिसिलिंग के माध्यम से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

कोरबा कलेक्टर ने काउंसिलिंग के लिए समिति का भी गठन किया

कोरबा कलेक्टर ने साफ कहा है कि "शासन के नियमों के अनुसार ही पदोन्नति के पद भरे जाएंगे." अब इसे लेकर विभाग में असमंजस की स्थिति भी है. काउंसिलिंग के लिए समिति का भी गठन किया गया है. शिक्षक संघ भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सुझाव दे रहे हैं.


दिव्यांग और महिला उम्मीदवारों को दी जाएगी प्राथमिकता: पदोन्नति सूची निरस्त होने और काउंसिलिंग की प्रक्रिया के बारे में कलेक्टर संजीव झा ने कहा है कि "कोरबा शिक्षा विभाग ने एक सूची जारी की थी. लेकिन इसके बाद विभिन्न शिक्षक संघों ने इसकी शिकायत की. अनियमितता और शिकायतों के आधार पर ही सूची को निरस्त किया गया है. अब काउंसिलिंग के माध्यम से रिक्त पदों को भरा जाएगा. इसके लिए एक समिति का भी गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष ज्वाइंट कलेक्टर रैंक के अधिकारी होंगे. ओपन काउंसिलिंग कराई जाएगी. जिसमें दिव्यांग और महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता के आधार पर सीट चयन का अवसर दिया जाएगा. प्रयास यही रहेगा कि विद्यालय, संकुल या ब्लॉक स्तर पर ही पदोन्नति प्राप्त करने वाले शिक्षकों को एडजस्ट किया जाए."

कलेक्टर ने यह भी कहा कि "जो सूची निरस्त की गई है. उसमें यदि जानबूझकर किसी को लाभ देने के लिए नियमों से छेड़छाड़ की गई है. तो संबंधितों पर कार्रवाई भी की जाएगी. राज्य शासन के नियमों के अनुरूप ही रिक्त पदों पर पदोन्नति दी जानी है."

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सार्वजनिक करने होंगे सभी पद: सूची निरस्त होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था. कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को एक आदेश भी जारी कर दिया है. जिसमें विकास खंडवार दिव्यांग, महिला और 50 वर्ष से अधिक उम्र के उम्मीदवारों की सूची तैयार कर मांगी गयी है.

जिले में सहायक शिक्षक से प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक बनने वाले कुल 1145 पद रिक्त हैं. जिन्हें पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना है. मनपसंद स्थान पर पदस्थापना के लिए ही आपसी सांठगांठ कर खेल किया जाता है. हाल ही में जारी की गई सूची में इसी तरह की अनियमितता की संभावना के मद्देनजर कलेक्टर ने सूची को निरस्त किया था. लेकिन अब जब ओपन काउंसिलिंग होगी, तब सभी 1145 रिक्त स्थानों को सार्वजनिक करना होगा. जिससे प्रक्रिया पारदर्शी होगी.

शिक्षक संघ ने भी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन: काउंसलिंग की प्रक्रिया के ठीक पहले शिक्षक संघों ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. अलग अलग शिक्षक संगठनों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सुझाव दिए हैं. कहा है कि शासन स्तर पर जारी नियमों के तहत ही काउंसलिंग की जानी चाहिए. जिस शिक्षक को पदोन्नति दी जानी है, यदि उसके वर्तमान संस्था में पद रिक्त है. तो उसे वहीं पदस्थ किए जाने का सुझाव भी शिक्षक संगठनों ने कलेक्टर को दिया है.

वरिष्ठता सूची में 2 हजार से अधिक शिक्षक: शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में सहायक शिक्षक कार्यरत हैं. जिला स्तर से जारी वरिष्ठता सूची में 2000 से अधिक शिक्षक पदोन्नति के लिए पात्रता रखते हैं. लेकिन पद प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के लिए सिर्फ 1145 पद ही रिक्त हैं. मनपसंद स्थान नहीं मिलने पर कई शिक्षक पदोन्नति भी नहीं लेते और अपने वर्तमान संस्था में ही काम करते रहते हैं. ऐसे में वरिष्ठता सूची में से कितनी तादाद में शिक्षकों को काउंसिलिंग में बुलाया जाएगा? प्रक्रिया क्या होगी? इसे लेकर अब भी असमंजस बरकरार है. पदोन्नति के लिए पात्र शिक्षक को क्रमोन्नति और यूडीटी के पद पर पदोन्नति कब मिलेगी, फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं है. इसे लेकर भी पदोन्नति के लिए पात्रता रखने वाले शिक्षकों में असंतोष है.

Last Updated : Oct 27, 2022, 8:16 PM IST
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