ETV Bharat / state

कोरबा: 'बच्चे देश के भविष्य हैं, उनके हाथों में मजदूरी के औजार नहीं किताबें दीजिए' - बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान

बाल मजदूरी के खिलाफ आज पूरी दुनिया संघर्ष का संकल्प ले रही है. कई लोग अपनी पूरी जिंदगी बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए समर्पित कर रहे हैं. इसी बीच कोरबा में भी चाइल्ड हेल्प लाइन की संयुक्त टीम ने जागरूकता अभियान चलाया. अभियान में टीम ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों की तलाश कर उनको मजदूरी न करने की समझाइश दी.

child-help-line-team-launched-public-awareness-campaign-in-korba
जन जागरूकता अभियान चलाया
author img

By

Published : Jun 12, 2020, 11:03 PM IST

कोरबा: देश में बाल मजदूरी गंभीर समस्याओं में से एक है, जो देश के भविष्य और तरक्की की नींव को गिराने के लिए जिम्मेदार है. बचपन खेलने-कूदने, पढ़ने और नई-नई चीजों को जानने के लिए होता है, जिसका हक कई बच्चे मजबूरीवश खो देते हैं. इसमें गलती बच्चों के परिजनों की भी होती है, जो मजबूरी में मजदूरी करने से मना करने के बजाय उलटा बच्चों को उसी रास्ते में धकेल देते हैं.

चाइल्ड हेल्प लाइन की संयुक्त टीम ने जागरूकता अभियान चलाया

इस क्रम में चाइल्ड लाइन टीम मेंबर की मधुमालती ने बताया कि बच्चे देश के भविष्य हैं, जिनको बाल मजदूरी करने से रोकने की जरूरत है. इसे देखते हुए चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चों के साथ लोगों को भी जागरूक करते नजर आए. इस दौरान उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी गंभीर एक गंभीर समस्या है. हमारे समाज को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है, जिससे जिन हांथों में मजदूरी करने वाले औजार हैं, उनकी जगह किताबें नजर आए. समाज में उन सभी सामाजिक संगठन, स्वंय सेवी संगठन, सहित तमाम लोगों का उत्साह वर्धन करना चाहिए, जो गरीब बच्चों के लिए आगे आकर उनकी जीवन सुधार रहें है.

कोरबा पुलिस की सकारात्मक पहल, लौटाए जा रहे जब्त वाहन

चाइल्ड हेल्प लाइन की संयुक्त टीम ने जागरूकता अभियान चलाया

मधुमालती ने बताया विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर चाइल्ड हेल्प लाइन की संयुक्त टीम ने जागरूकता अभियान चलाया. साथ ही टीम ने शहर में होटल, बाजार, वाहन गैरेज में जाकर 14 साल से कम उम्र के बच्चों की तलाश की गई, जहां उन सभी बच्चों को मजदूरी न की समझाइश दी गई. मधुमालती ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि किसी बच्चे से काम करवाना कानून अपराध है. बच्चों से बाल मजदूरी नहीं, उनको स्कूल की जरूरत है.

अच्छी खबर: कोविड हॉस्पिटल से पहली बार कोरोना को हराकर तीन मरीज हुए डिस्चार्ज

बच्चों से मजदूरी कराना अपराध

बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से बाल श्रम के विरोध में जागरुकता फैलाने के लिए साल 2002 में पहली बार 'अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस' मनाया गया था. तब से हर साल बाल श्रम के विरोध में 12 जून को यह दिवस मनाया जाता है.

कोरबा: देश में बाल मजदूरी गंभीर समस्याओं में से एक है, जो देश के भविष्य और तरक्की की नींव को गिराने के लिए जिम्मेदार है. बचपन खेलने-कूदने, पढ़ने और नई-नई चीजों को जानने के लिए होता है, जिसका हक कई बच्चे मजबूरीवश खो देते हैं. इसमें गलती बच्चों के परिजनों की भी होती है, जो मजबूरी में मजदूरी करने से मना करने के बजाय उलटा बच्चों को उसी रास्ते में धकेल देते हैं.

चाइल्ड हेल्प लाइन की संयुक्त टीम ने जागरूकता अभियान चलाया

इस क्रम में चाइल्ड लाइन टीम मेंबर की मधुमालती ने बताया कि बच्चे देश के भविष्य हैं, जिनको बाल मजदूरी करने से रोकने की जरूरत है. इसे देखते हुए चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चों के साथ लोगों को भी जागरूक करते नजर आए. इस दौरान उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी गंभीर एक गंभीर समस्या है. हमारे समाज को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है, जिससे जिन हांथों में मजदूरी करने वाले औजार हैं, उनकी जगह किताबें नजर आए. समाज में उन सभी सामाजिक संगठन, स्वंय सेवी संगठन, सहित तमाम लोगों का उत्साह वर्धन करना चाहिए, जो गरीब बच्चों के लिए आगे आकर उनकी जीवन सुधार रहें है.

कोरबा पुलिस की सकारात्मक पहल, लौटाए जा रहे जब्त वाहन

चाइल्ड हेल्प लाइन की संयुक्त टीम ने जागरूकता अभियान चलाया

मधुमालती ने बताया विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर चाइल्ड हेल्प लाइन की संयुक्त टीम ने जागरूकता अभियान चलाया. साथ ही टीम ने शहर में होटल, बाजार, वाहन गैरेज में जाकर 14 साल से कम उम्र के बच्चों की तलाश की गई, जहां उन सभी बच्चों को मजदूरी न की समझाइश दी गई. मधुमालती ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि किसी बच्चे से काम करवाना कानून अपराध है. बच्चों से बाल मजदूरी नहीं, उनको स्कूल की जरूरत है.

अच्छी खबर: कोविड हॉस्पिटल से पहली बार कोरोना को हराकर तीन मरीज हुए डिस्चार्ज

बच्चों से मजदूरी कराना अपराध

बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से बाल श्रम के विरोध में जागरुकता फैलाने के लिए साल 2002 में पहली बार 'अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस' मनाया गया था. तब से हर साल बाल श्रम के विरोध में 12 जून को यह दिवस मनाया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.