कोरबा: शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों में अल्कोहल की मात्रा जांचने के लिए यातायात पुलिस अल्कोमीटर का उपयोग करती है. एक ही एल्कोमीटर को बार-बार बिना सैनिटाइज किए उपयोग किए जाने पर भाजपा नेता व पूर्व मेयर जोगेश लांबा ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि विभिन्न लोगों का एक ही समय में एक ही एल्कोमीटर से जांच करना सीधे तौर पर कोरोना वायरस को आमंत्रण है, इस पर रोक लगाई जानी चाहिए.
इस तरह होती है जांच
ब्रीथ एनालाइजर नामक इस यंत्र के जरिए यह पता लगाया जाता है कि संबंधित वाहन चालक ने कितनी मात्रा में शराब का सेवन किया हुआ है. इसके लिए यंत्र में लगे पाइप को वाहन चालक के मुंह में डाला जाता है. और उसके द्वारा फूंक मारने पर पता चलता है कि चालक ने निर्धारित मात्रा में शराब पी है, या ओवरडोज है. इसके आधार पर वाहन चालक के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई होती है.
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'एल्कोमीटर से जांच खतरा'
वर्तमान में जारी कोरोना संकट के दौर में जहां लोगों से दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ एक ही एल्कोमीटर से कई वाहन चालकों से फूंक लगवा कर अल्कोहल की मात्रा जांचने की प्रक्रिया से कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा है. इसे देखते हुए नगर पालिक निगम के पूर्व महापौर और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जोगेश लांबा ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा को पत्र लिखकर कोई और विकल्प तलाशने का आग्रह किया है.
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होली और इसके आसपास ड्रंक एन ड्राइव की शिकायतें ज्यादा
होली का पर्व नजदीक आते ही लोग शराब सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं. इस दौरान ड्रंक एंड ड्राइव की शिकायतें बढ़ जाती है. इसे नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस चेकिंग अभियान चला रही है. सड़क से गुजरने वाले वाहन चालकों को रोककर ब्रीथ एनालाइजर के माध्यम से शराब सेवन की जांच की जाती है. इसके आधार पर भी उन पर कार्रवाई होती है.