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कोरबा: 100 फीसदी जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन करवाने कलेक्टर ने दिए अधिकारियों को निर्देश

कोरबा कलेक्टर किरण कौशल ने अधिकारियों की बैठक लेकर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की उपयोगिता को बताया. साथ ही सभी अधिकारियों से उनके क्षेत्र में हुए जन्म और मृत्यु का शत-प्रतिशत ऑनलाइन पंजीयन करवाने के भी निर्देश दिए.

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जन्म-मृत्यु पंजीयन पर प्रशासन सख्त
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Published : Jan 18, 2021, 12:41 PM IST

कोरबा : कलेक्टर किरण कौशल ने अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक ली. इसमें अधिकारियों की बैठक लेकर उनके कार्यक्षेत्र में जन्म और मृत्यु का शत-प्रतिशत ऑनलाइन पंजीयन करवाने के निर्देश दिए गए. ऑनलाइन पंजीयन के बाद तैयार प्रमाण पत्र को मुफ्त में वितरण करने के निर्देश भी दिए.


कलेक्टर किरण कौशल ने चेतावनी देते हुए जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई के निर्देश भी दिए. उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पंचायत सचिवों, शासकीय और निजी चिकित्सालयों के प्रभारी अधिकारियों, नगरीय निकायों के स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में होने वाले जन्म एवं मृत्यु का डाटा ऑनलाइन साॅफ्टवेयर में अपडेट कराने के निर्देश दिए. बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार, सिविल सर्जन डाॅ अरुण तिवारी, सीएमएचओ डाॅ बीबी बोडे, जिला योजना और सांख्यिकी अधिकारी एमएस कंवर, जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद किस्पोट्टा सहित सभी अनुभागों के एसडीएम और जन्म-मृत्यु पंजीयन करने वाले रजिस्ट्रार भी शामिल हुए.

पढ़ें : पीएम मोदी की मसाज कर चुके महमूद हसन ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिया दान

जन्म प्रमाण पत्र बच्चे का पहला वैधानिक अधिकार

कलेक्टर ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र बच्चे का पहला कानूनी अधिकार और उसकी पहचान है. जन्म तिथि, जन्म स्थान का प्रामाणिक दस्तावेज, पैतृक सम्पत्ति, उत्तराधिकार के निराकरण के लिए भी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी है. स्कूल में दाखिला, ड्राइविंग लाइसेंस, मताधिकार, पासपोर्ट, बीमा, मुआवजा प्राप्ति के लिए भी ये जरूरी है. इसके आलावा राशन कार्ड में नाम जुड़वाने में भी इन प्रमाणपत्रों की अहम भूमिका है.

कोरबा : कलेक्टर किरण कौशल ने अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक ली. इसमें अधिकारियों की बैठक लेकर उनके कार्यक्षेत्र में जन्म और मृत्यु का शत-प्रतिशत ऑनलाइन पंजीयन करवाने के निर्देश दिए गए. ऑनलाइन पंजीयन के बाद तैयार प्रमाण पत्र को मुफ्त में वितरण करने के निर्देश भी दिए.


कलेक्टर किरण कौशल ने चेतावनी देते हुए जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई के निर्देश भी दिए. उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पंचायत सचिवों, शासकीय और निजी चिकित्सालयों के प्रभारी अधिकारियों, नगरीय निकायों के स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में होने वाले जन्म एवं मृत्यु का डाटा ऑनलाइन साॅफ्टवेयर में अपडेट कराने के निर्देश दिए. बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार, सिविल सर्जन डाॅ अरुण तिवारी, सीएमएचओ डाॅ बीबी बोडे, जिला योजना और सांख्यिकी अधिकारी एमएस कंवर, जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद किस्पोट्टा सहित सभी अनुभागों के एसडीएम और जन्म-मृत्यु पंजीयन करने वाले रजिस्ट्रार भी शामिल हुए.

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जन्म प्रमाण पत्र बच्चे का पहला वैधानिक अधिकार

कलेक्टर ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र बच्चे का पहला कानूनी अधिकार और उसकी पहचान है. जन्म तिथि, जन्म स्थान का प्रामाणिक दस्तावेज, पैतृक सम्पत्ति, उत्तराधिकार के निराकरण के लिए भी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी है. स्कूल में दाखिला, ड्राइविंग लाइसेंस, मताधिकार, पासपोर्ट, बीमा, मुआवजा प्राप्ति के लिए भी ये जरूरी है. इसके आलावा राशन कार्ड में नाम जुड़वाने में भी इन प्रमाणपत्रों की अहम भूमिका है.

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