कोंडागांव\रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सली आए दिन किसी ना किसी घटना को अंजाम देकर जवानों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस और यहां तैनात जवान नक्सलियों से दो कदम आगे बढ़कर उनके नापाक मंसूबों पर पानी फेर देते हैं. जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली आए दिन IED प्लांट ( IED Planted By Naxals) करते हैं, ताकि जवान उसकी चपेट में आकर अपनी जान गवां बैठें. बीते दिनों के आंकड़ों पर नजर डाले तो जवानों की सक्रियता की वजह से कई घरों के चिराग बुझने से बच गए हैं.
आइए नजर डालते हैं बीते दिनों जवानों ने कहां-कहां IED डिफ्यूज किया ( Incidents of IED Diffuse in Chhattisgarh)
15 DEC-
कोंडागांव जिले के केशकाल थाना क्षेत्र के होनहेड़ में जवानों ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर सर्चिंग की. इस दौरान जवानों ने 15 और 20 किलो के दो IED बरामद कर उन्हें डिफ्यूज किया. नक्सलियों ने डामर रोड के लगभग 10 फीट नीचे सुरंग बनाकर IED लगाया था. जिसे सावधानीपूर्वक डिफ्यूज किया गया. घटनास्थल से 15 किलोग्राम और 20 किलोग्राम के 2 टिफिन बम के साथ 2 डेटोनेटर, 100 मीटर कार्डेक्स वायर और 10 मीटर सामान्य वायर बरामद किया गया.
9 DEC-
कांकेर के बैहासालेभाट SSB कैम्प के (Naxalites IED blast near SSB camp) पास नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया था. एक के बाद एक दो सीरियल IED ब्लास्ट हुए थे. पहला ब्लास्ट सेंदरी बाहर नाला और दूसरा सूखा नाला के पास हुआ था. ब्लास्ट में सभी जवान सुरक्षित थे.
15 NOV-
कांकेर के ही दुर्गूकोंदल के बीएसएफ कैंप में आईईडी मिला (IED found in BSF camp) था . सुरक्षाबलों के जवानों ने IED को डिफ्यूज कर दिया था.
30 SEP-
बीजापुर के कोड़ेपाल में आईईडी ब्लास्ट (IED blast bijapur) हुआ. इस घटना में सीआरपीएफ के दो जवानों को मामूली चोटें आई थी.
27 SEP-
राजनांदगांव जिले के बकरकट्टा के हाथीझोला में पुलिस ने नक्सलियों की बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए 10 किलो के IED को डिफ्यूज किया था.
19 SEP-
धमतरी में जवानों ने 5 किलो के IED को डिफ्यूज किया था.
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IED नक्सलियों का बड़ा हथियार
सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नक्सली IED की मदद ले रहे हैं. कई मामलों में नक्सली कामयाब भी हो रहे हैं. साल 2020 में पुलिस जवानों ने 200 से भी ज्यादा IED बरामद कर निष्क्रिय किया था. हाल के दिनों में कई जवान IED की चपेट में आकर घायल भी हुए हैं. नाराणयपुर में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट के जरिए जवानों से भरी बस को उड़ा दिया था. जिसमें 5 जवानों की मौत भी हुई थी.
जोखिम भरा है बस्तर में बम डिफ्यूज करना
जवानों के लिए कई बार बम डिफ्यूज करना बेहद जोखिम भरा भी रहता है. नक्सली अधिकतर प्रेशर और आईडी बम में तांबे की तार का इस्तेमाल करते हैं. तार काफी बारीक होती है. अगर इस तार में धोखे से भी हाथ लग जाए तो बम तुरंत ब्लास्ट हो जाता है. इस वजह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बम निकालना काफी जोखिम भरा होता है. हालांकि BDS की टीम को अकसर सफलता मिलती है.
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हाल ही में नक्सलियों ने मनाया था PLGA की 21 वीं वर्षगांठ
बीते कुछ सालों से बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ा है. नक्सलियों की सबसे जरूरी सप्लाई चेन (naxalites supply chain weak in bastar ) को भी तोड़ने में बस्तर पुलिस को सफलता हासिल हो रही है. अब बस्तर के नक्सली छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और ओडिशा राज्य के नक्सलियों के भरोसे हैं. इसी बीच 2 दिसम्बर से 8 दिसम्बर तक नक्सलियों ने PLGA की 21वी वर्षगांठ मनाई थी. इस सप्ताह के ठीक बाद नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं. इसी वजह से आए दिन वे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.