कोंडागांव: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी राम वन गमन पर्यटन रथयात्रा का आदिवासी समाज की ओर से विरोध किया जा रहा है. मंगलवार को भी कोंडागांव पहुंची यात्रा का सर्व आदिवासी समाज ने विरोध किया. विरोध की स्थिति को देखते हुए देर शाम पर्यटन रथ बिना रुके ही आगे निकल गया.
सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के जिलाध्यक्ष जगत मरकाम और विधि सलाहकार रमेश नेताम ने बताया कि राज्य सरकार ने राम वन गमन पथ के नाम पर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कुछ महत्वपूर्ण स्थानों को चिन्हित किया है. इसके तहत खालेमुर्वेंड, ऊपरमुर्वेंड, बेड़मामारी, बुढ़ावा, कुंएमारी, चेरबेड़ा, ऊपरबेदी, बड़े डोंगर, बोरगांव और फरसगांव के बीच कोर्रा जटायुशिला, बयानार सहित अन्य जगहों को चिन्हित किया गया है, जिसका सर्व आदिवासी समाज पुरजोर विरोध करता है. जगत मरकाम ने कहा कि उन्हें यह भी पता चला है कि इन चिन्हांकित जगहों से मिट्टी ले जाने की तैयारी की जा रही है, जो हमारे आदिवासी परंपराओं और व्यवस्थाओं के खिलाफ है.
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सरकार ने नहीं ली ग्रामसभा की अनुमति
जगत मरकाम ने बताया कि ये क्षेत्र 5वीं अनुसूची क्षेत्र में आता है. इसमें पारंपरिक ग्रामसभा की अनुमति के बिना कोई भी काम नहीं किया जा सकता. सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि राज्य सरकार जबरन अन्य धर्मों की संस्कृति का प्रचार कर रही है, साथ ही सरकार ने इसके लिए पारंपरिक ग्रामसभा की अनुमति भी नहीं ली है, जो कि असंवैधानिक है, इसलिए राम वन गमन पथ रथयात्रा का सर्व आदिवासी समाज विरोध कर रहा है.
नेशनल हाईवे पर बनी जाम की स्थिति
विरोध के दौरान नेशनल हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई है. पुलिस-प्रशासन ने विरोध कर रहे लोगों से रोड पर जाम नहीं करने की अपील की, जिसके बाद सड़क पर खड़े लोग यहां से हटे.