ETV Bharat / state

दो गुटों में बंटे ग्रामीण, जामगांव में अतिक्रमण हटाने के लिए घेरा कलेक्ट्रेट

जामगांव में अतिक्रमण हटाने को लेकर ग्रामीण दो पक्षों में बंट गए हैं. हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवारों की याचिका पर मकान तोड़े जाने पर रोक लगा दी है. वहीं दूसरे पक्ष ने अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया.

ग्रामीणों ने की अतिक्रमण हटवाने की मांग
author img

By

Published : Nov 11, 2019, 6:05 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 9:24 PM IST

कांकेर : नरहरपुर ब्लॉक के जामगांव में अतिक्रमण विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गांव में दशकों से काबिज लोगों के मकानों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया था. पीड़ित परिवारों ने रविवार की रात कलेक्टर बंगले का घेराव किया था, लेकिन अब गांव की सरपंच और दूसरे पक्ष ने अतिक्रमण कर मकान बनाने पर कलेक्ट्रेट का घेराव किया और मकानों को तोड़ने की मांग की.

जामगांव में अतिक्रमण हटाने के लिए घेरा कलेक्ट्रेट

परिवार हुए बेघर

बीते महीने नरहरपुर तहसीलदार ने जामगांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए कई मकानों को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया था. इससे वहां 30 साल से काबिज परिवार बेघर हो गए थे, जिन्होंने न्याय की मांग करते हुए कलेक्टर बंगले का घेराव किया.

हाईकोर्ट में लगाई गुहार

पीड़ित पक्ष ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिसके बाद बाकी मकानों को तोड़े जाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, लेकिन गांव में सरपंच और दूसरा पक्ष इस फैसले का विरोध कर रहा है.

पढ़ें :कांकेर : सरपंच-सचिव के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

सरपंच का कहना है

सरपंच अहिल्या नेताम का कहना है कि 'जमीन गांव के बाजार के लिए है. उस जमीन को गांव के बुजुर्ग लोगों को व्यापार के लिए दी थी, लेकिन उन्होंने वहां अवैध रूप से मकानों का निर्माण कर लिया. वे कब्जा बढ़ाते जा रहे हैं, जिससे बाजार की जगह कम हो गई है'.

पढ़ें :कांकेर: कोषाध्यक्ष को गुमराह कर 8 साल तक निकाली RMSA की राशि

माहौल तनावपूर्ण

अतिक्रमण बताकर मकानों को तोड़े जाने के बाद से जामगांव में माहौल तनावपूर्ण है. गांव के लोग दो पक्षों में बंट गए हैं. एक दूसरे के खिलाफ शिकायतों का दौर जारी है.

कांकेर : नरहरपुर ब्लॉक के जामगांव में अतिक्रमण विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गांव में दशकों से काबिज लोगों के मकानों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया था. पीड़ित परिवारों ने रविवार की रात कलेक्टर बंगले का घेराव किया था, लेकिन अब गांव की सरपंच और दूसरे पक्ष ने अतिक्रमण कर मकान बनाने पर कलेक्ट्रेट का घेराव किया और मकानों को तोड़ने की मांग की.

जामगांव में अतिक्रमण हटाने के लिए घेरा कलेक्ट्रेट

परिवार हुए बेघर

बीते महीने नरहरपुर तहसीलदार ने जामगांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए कई मकानों को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया था. इससे वहां 30 साल से काबिज परिवार बेघर हो गए थे, जिन्होंने न्याय की मांग करते हुए कलेक्टर बंगले का घेराव किया.

हाईकोर्ट में लगाई गुहार

पीड़ित पक्ष ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिसके बाद बाकी मकानों को तोड़े जाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, लेकिन गांव में सरपंच और दूसरा पक्ष इस फैसले का विरोध कर रहा है.

पढ़ें :कांकेर : सरपंच-सचिव के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

सरपंच का कहना है

सरपंच अहिल्या नेताम का कहना है कि 'जमीन गांव के बाजार के लिए है. उस जमीन को गांव के बुजुर्ग लोगों को व्यापार के लिए दी थी, लेकिन उन्होंने वहां अवैध रूप से मकानों का निर्माण कर लिया. वे कब्जा बढ़ाते जा रहे हैं, जिससे बाजार की जगह कम हो गई है'.

पढ़ें :कांकेर: कोषाध्यक्ष को गुमराह कर 8 साल तक निकाली RMSA की राशि

माहौल तनावपूर्ण

अतिक्रमण बताकर मकानों को तोड़े जाने के बाद से जामगांव में माहौल तनावपूर्ण है. गांव के लोग दो पक्षों में बंट गए हैं. एक दूसरे के खिलाफ शिकायतों का दौर जारी है.

Intro:कांकेर - नरहरपुर ब्लॉक के जामगांव में अतिक्रमण विवाद थमने का नाम नही ले रहा है , गांव में बीते माह सालो से काबिज लोगो के मकानों को अतिक्रमण बता कर तोड़ दिया गया था जिसके बाद पीड़ित लोगों ने रात में कलेक्टर बंगले का घेराव कर दिया था, अब गांव की सरपंच के साथ दूसरे पक्ष ने और भी कई मकानों को अतिक्रमण बताते हुए उन्हें तोड़े जाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया । ग्रामीणों ने उक्त जगह को बाज़ार स्थल की जगह बताते हुए शेष मकानों को तोड जाने की बात कही है ।


Body:जामगांव में बीते माह नरहरपुर तहसीलदार के द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए कई मकानों को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया गया था, जिससे उस जगह में 30 सालो से काबिज परिवार बेघर हो गए थे, जिन्होंने रात में न्याय की मांग को लेकर कलेक्टर बंगले का घेराव कर दिया था ,पीड़ित पक्ष ने उनके सालो पुराने घरों को अतिक्रमण बताकर तोड़े जाने को लेकर हाई कोर्ट में केस लगाया है, जिसके बाद शेष मकानों को तोड़े जाने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है, लेकिन गांव का दूसरा पक्ष सरपंच के साथ कलेक्ट्रेट का घेराव करते हुए अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटाने की मांग करने लगे , जिस पर प्रशासन के द्वारा उन्हें समजाइश दी गई है ।

गांव में माह भर से माहौल तनावपूर्ण
जामगांव में अतिक्रमण बताकर सालो पुराने मकानों को तोड़े जाने के बाद से गांव में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है, गांव के लोग दो हिस्से में बंट गए है, और लग़ातर एक दूसरे के खिलाफ शिकायतों का दौर जारी है ।




Conclusion:गांव की सरपंच अहिल्या नेताम का कहना है कि वो जमीन गांव के बाज़ार स्थल के लिए है, उसे गांव के बुजुर्ग लोगो ने जिन्हें व्यपार के लिए दी थी, उन्होंने वहां अवैध रूप से मकानों का निर्माण कर लिया और कब्जे बढ़ाते जा रहे है जिससे बाज़ार स्थल काफी छोटा हो गया है ।जिससे गांव का बाज़ार नही लग पा रहा है, जिसके लिए अतिक्रमण हटाने की मांग की जा रही है ।

अचानक भारी संख्या में पहुचे ग्रामीण, पुलिस ने बंद किया गेट
कलेक्ट्रेट में अचानक भारी संख्या में ग्रामीणों के पहुचने से पुलिस में हड़कंप मच गया था , भारी संख्या में ग्रामीणों को कलेक्ट्रेट की ओर आता देख पुलिस ने आननफानन में कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट बंद किया, जिसके बाद ग्रामीणों के प्रतिनधि मंडल को हो अंदर प्रवेश दिया गया ।

बाइट - अहिल्या नेताम सरपंच जामगांव

कवलसिंह ग्रामीण
Last Updated : Nov 11, 2019, 9:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.