कांकेर : नरहरपुर ब्लॉक के जामगांव में अतिक्रमण विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गांव में दशकों से काबिज लोगों के मकानों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया था. पीड़ित परिवारों ने रविवार की रात कलेक्टर बंगले का घेराव किया था, लेकिन अब गांव की सरपंच और दूसरे पक्ष ने अतिक्रमण कर मकान बनाने पर कलेक्ट्रेट का घेराव किया और मकानों को तोड़ने की मांग की.
परिवार हुए बेघर
बीते महीने नरहरपुर तहसीलदार ने जामगांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए कई मकानों को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया था. इससे वहां 30 साल से काबिज परिवार बेघर हो गए थे, जिन्होंने न्याय की मांग करते हुए कलेक्टर बंगले का घेराव किया.
हाईकोर्ट में लगाई गुहार
पीड़ित पक्ष ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिसके बाद बाकी मकानों को तोड़े जाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, लेकिन गांव में सरपंच और दूसरा पक्ष इस फैसले का विरोध कर रहा है.
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सरपंच का कहना है
सरपंच अहिल्या नेताम का कहना है कि 'जमीन गांव के बाजार के लिए है. उस जमीन को गांव के बुजुर्ग लोगों को व्यापार के लिए दी थी, लेकिन उन्होंने वहां अवैध रूप से मकानों का निर्माण कर लिया. वे कब्जा बढ़ाते जा रहे हैं, जिससे बाजार की जगह कम हो गई है'.
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माहौल तनावपूर्ण
अतिक्रमण बताकर मकानों को तोड़े जाने के बाद से जामगांव में माहौल तनावपूर्ण है. गांव के लोग दो पक्षों में बंट गए हैं. एक दूसरे के खिलाफ शिकायतों का दौर जारी है.