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मिडिल क्लास फैमिली को बड़ी राहत, गाइडलाइन मूल्य पर होगी संपत्ति रजिस्ट्री - BIG RELIEF IN PROPERTY REGISTRY

बढ़ती महंगाई के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने मध्यमवर्गीय परिवार को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है.

Big relief in property registry
मिडिल क्लास फैमिली को बड़ी राहत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 16, 2024, 10:51 PM IST

रायपुर: विष्णु देव साय सरकार ने मिडिल क्लास फैमिली को बड़ी सौगात दी है. अब तय गाइडलाइन मूल्य के आधार पर ही रजिस्ट्री का शुल्क लोगों से लिया जाएगा. संपत्ति रजिस्ट्री कराने वालों को इससे बड़ी राहत मिलेगी. रजिस्ट्री में शुल्क कम लगने से लोगों का पैसा भी बचेगा. इसके साथ ही बैंक लोन भी अब लोगों को वास्तविक मूल्य पर दिया जाएगा. राज्य सरकार का ये फैसला लोगों के जीवन पर बड़ा असर डालेगा.

मिडिल क्लास को संपत्ति रजिस्ट्री में बड़ी राहत: विष्णु देव साय सरकार के इस फैसले से मध्यमवर्गीय परिवार को बड़ी राहत मिलेगी. संपत्ति रजिस्ट्री में काफी खर्च आता था. कई बार तो खर्च के चलते संपत्ति की रजिस्ट्री भी लोग नहीं कराते थे. अब सरकार के इस ऐलान के बाद संपत्ति रजिस्ट्री के कामों में भी तेजी आएगी. तेजी से विकास की राह में आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ में संपत्ति खरीदी और बिक्री का काम जोर शोर से चल रहा है. गाइड लाइन मूल्य पर संपत्ति की रजिस्ट्री होने से जमीन और मकान की खरीदी बिक्री में तेजी आएगी. लोग जमीन और मकान की खरीदी के लिए बैंक लोन पर भी निर्भर होते हैं. शासन की ओर से ऐसे लोगों की मदद के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब मिडिल क्लास परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर लोन भी मिल पाएगा.

कैबिनेट की बैठक में लिया गया था फैसला: बीते दिनों सीएम साय कैबिनेट की हुई बैठक में इस बात का फैसला लिया गया. सरकार के इस फैसले से लाखों लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा. नए आदेश से पहले संपत्ति की खरीद और बिक्री में गाइडलाइन दर और सौदे की राशि में काफी ज्यादा हुआ करती थी. उसपर अलग से रजिस्ट्री शुल्क भी देना होता था. मान लें यदि किसी की संपत्ति का गाइडलाइन मूल्य 10 लाख रुपए है और उसका सौदा 15 लाख में तय हुआ. ऐसे में रजिस्ट्री शुल्क 15 लाख पर चार फीसदी के हिसाब से 60 हजार देना होता था. नए नियमों के तहत अब ये रकम साठ हजार की जगह 40 हजार हो जाएगी. सीधे सीधे 20 हजार की बचत होगी.

इस संशोधन से मध्यमवर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी. इसके अलावा यह निर्णय संपत्ति बाजार में ट्रांसपेरेसी और स्पष्टता लाने का काम करेगा. सरकार के इस फैसले से संपत्ति का वास्तविक मूल्य बताने और दिखाने की प्रवृति में भी इजाफा होगा. :ओपी चौधरी, वित्त मंत्री, छत्तीसगढ़

रजिस्ट्री शुल्क में मिलेगी छूट: देश के बाकि राज्यों में जमीन की खरीद और बिक्री की गाइडलाइन कीमत या सौदा मूल्य दोनों में से जो ज्यादा हो उस पर पंजीयन शुल्क लगता है. मध्य प्रदेश केवल ऐसा राज्य है जहां गाइडलाइन कीमत से अधिक सौदा मूल्य दिखाने पर पंजीयन शुल्क में छूट दी गई है. इसके चलते मध्य प्रदेश के लोगों में वास्तविक सौदा मूल्य को रजिस्ट्री पेपर में लिखने की प्रवृत्ति बढ़ी है.

वर्तमान में क्या स्थिति है: अभी तक गाइडलाइन कीमत या फिर उसके आस पास का सौदा लोग खरीदी बिक्री के दौरान दिखाते रहे हैं. लोगों की मानसिकता थी कि खरीदी गई जमीन, मकान या दुकान की कीमत ज्यादा दिखाएंगे तो उसी हिसाब से रजिस्ट्री का शुल्क भी देना पड़ेगा. रजिस्ट्री शुल्क ज्यादा देने से बचने के लिए संपत्ति की कीमत कम दिखाने का चलान चलता आ रहा था. नए ऐलान के बाद से अब इस तरह की चीजें बंद होंगी और कम भी होंगी.

फैसले का दिखेगा असर: विष्णु देव साय सरकार के इस फैसले से लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधा फायदा होने वाला है. जिन लोगों ने आने वाले भविष्य में मकान, दुकान और जमीन लेने का सपना देखा है, उनके सपनों को सच करने का काम अब सरकार ने किया है. अक्सर संपत्ति की कीमत कम दिखाने से बैंक भी लोन कम दिया करता है. इस फैसले के बाद से बैंक का लोन भी आपको आपकी जरुरत के मुताबिक मिल पाएगा. धोखाधड़ी से भी मध्यमवर्गीय परिवार बचा रहेगा. कागजों में संपत्ति की सही कीमत दर्ज होने पर किसी हादसे के बाद मुआवजा राशि भी सही से मिल पाएगी.

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रायपुर: विष्णु देव साय सरकार ने मिडिल क्लास फैमिली को बड़ी सौगात दी है. अब तय गाइडलाइन मूल्य के आधार पर ही रजिस्ट्री का शुल्क लोगों से लिया जाएगा. संपत्ति रजिस्ट्री कराने वालों को इससे बड़ी राहत मिलेगी. रजिस्ट्री में शुल्क कम लगने से लोगों का पैसा भी बचेगा. इसके साथ ही बैंक लोन भी अब लोगों को वास्तविक मूल्य पर दिया जाएगा. राज्य सरकार का ये फैसला लोगों के जीवन पर बड़ा असर डालेगा.

मिडिल क्लास को संपत्ति रजिस्ट्री में बड़ी राहत: विष्णु देव साय सरकार के इस फैसले से मध्यमवर्गीय परिवार को बड़ी राहत मिलेगी. संपत्ति रजिस्ट्री में काफी खर्च आता था. कई बार तो खर्च के चलते संपत्ति की रजिस्ट्री भी लोग नहीं कराते थे. अब सरकार के इस ऐलान के बाद संपत्ति रजिस्ट्री के कामों में भी तेजी आएगी. तेजी से विकास की राह में आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ में संपत्ति खरीदी और बिक्री का काम जोर शोर से चल रहा है. गाइड लाइन मूल्य पर संपत्ति की रजिस्ट्री होने से जमीन और मकान की खरीदी बिक्री में तेजी आएगी. लोग जमीन और मकान की खरीदी के लिए बैंक लोन पर भी निर्भर होते हैं. शासन की ओर से ऐसे लोगों की मदद के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब मिडिल क्लास परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर लोन भी मिल पाएगा.

कैबिनेट की बैठक में लिया गया था फैसला: बीते दिनों सीएम साय कैबिनेट की हुई बैठक में इस बात का फैसला लिया गया. सरकार के इस फैसले से लाखों लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा. नए आदेश से पहले संपत्ति की खरीद और बिक्री में गाइडलाइन दर और सौदे की राशि में काफी ज्यादा हुआ करती थी. उसपर अलग से रजिस्ट्री शुल्क भी देना होता था. मान लें यदि किसी की संपत्ति का गाइडलाइन मूल्य 10 लाख रुपए है और उसका सौदा 15 लाख में तय हुआ. ऐसे में रजिस्ट्री शुल्क 15 लाख पर चार फीसदी के हिसाब से 60 हजार देना होता था. नए नियमों के तहत अब ये रकम साठ हजार की जगह 40 हजार हो जाएगी. सीधे सीधे 20 हजार की बचत होगी.

इस संशोधन से मध्यमवर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी. इसके अलावा यह निर्णय संपत्ति बाजार में ट्रांसपेरेसी और स्पष्टता लाने का काम करेगा. सरकार के इस फैसले से संपत्ति का वास्तविक मूल्य बताने और दिखाने की प्रवृति में भी इजाफा होगा. :ओपी चौधरी, वित्त मंत्री, छत्तीसगढ़

रजिस्ट्री शुल्क में मिलेगी छूट: देश के बाकि राज्यों में जमीन की खरीद और बिक्री की गाइडलाइन कीमत या सौदा मूल्य दोनों में से जो ज्यादा हो उस पर पंजीयन शुल्क लगता है. मध्य प्रदेश केवल ऐसा राज्य है जहां गाइडलाइन कीमत से अधिक सौदा मूल्य दिखाने पर पंजीयन शुल्क में छूट दी गई है. इसके चलते मध्य प्रदेश के लोगों में वास्तविक सौदा मूल्य को रजिस्ट्री पेपर में लिखने की प्रवृत्ति बढ़ी है.

वर्तमान में क्या स्थिति है: अभी तक गाइडलाइन कीमत या फिर उसके आस पास का सौदा लोग खरीदी बिक्री के दौरान दिखाते रहे हैं. लोगों की मानसिकता थी कि खरीदी गई जमीन, मकान या दुकान की कीमत ज्यादा दिखाएंगे तो उसी हिसाब से रजिस्ट्री का शुल्क भी देना पड़ेगा. रजिस्ट्री शुल्क ज्यादा देने से बचने के लिए संपत्ति की कीमत कम दिखाने का चलान चलता आ रहा था. नए ऐलान के बाद से अब इस तरह की चीजें बंद होंगी और कम भी होंगी.

फैसले का दिखेगा असर: विष्णु देव साय सरकार के इस फैसले से लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधा फायदा होने वाला है. जिन लोगों ने आने वाले भविष्य में मकान, दुकान और जमीन लेने का सपना देखा है, उनके सपनों को सच करने का काम अब सरकार ने किया है. अक्सर संपत्ति की कीमत कम दिखाने से बैंक भी लोन कम दिया करता है. इस फैसले के बाद से बैंक का लोन भी आपको आपकी जरुरत के मुताबिक मिल पाएगा. धोखाधड़ी से भी मध्यमवर्गीय परिवार बचा रहेगा. कागजों में संपत्ति की सही कीमत दर्ज होने पर किसी हादसे के बाद मुआवजा राशि भी सही से मिल पाएगी.

सुगम एप से घर बैठे रजिस्ट्री, ऑनलाइन प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन आसान
कवर्धा में अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारी कामकाज प्रभावित
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