कांकेर: चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की जीत-हार के फैसले को ईवीएम में कैद करने वाले मतदानकर्मियों से ईटीवी भारत ने बात की. नक्सल प्रभावित और दुर्गम इलाकों में जाने वाले मतदानकर्मियों ने अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभाई. प्रत्यशियों के भाग्य का फैसला EVM में कैद किया था.
मतदानकर्मियों का सम्मान: समस्या का सामना कर मतदान संपन्न कराने वाले मतदानकर्मियों को जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. मतदान अधिकारी नंबर 1 ने बताया कि, वे लोग मतदान केंद्र डोभीरपानी 1 में थे, जहां दो दिन पहले उन लोगों को हेलीकॉप्टर से ले जाया गया था. इससे पहले भी वे हेलीकॉप्टर से गया थे. 2018 के चुनाव में तो वापस आते वक्त नक्सल से भी सामना हो गया था. इस बार भी नक्सल समस्या का सामना करते हुए मतदान केंद्र पहुंचे, और शत प्रतिशत मतदान कराया.
"दो दिन पहले हमें हेलीकॉप्टर से मतदान केंद्र ले जाया गया. जहां नक्सल क्षेत्र का मतदान केंद्र कोंगरा को किसकोड़ो शिफ्ट किया गया था. 11 बजे हमारा ईवीएम मशीन खराब हो गया था. सारे मतदाता लाइन में थे, फिर हमने जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचना दिया. 3 बजे नया ईवीएम मशीन आया और 5 बजे तक लोगों ने बढ़ चढ़ कर शत प्रतिशत मतदान किया." महंगूराम मंडावी, पीठासीन अधिकारी
इसी तरह मचपल्ली के मतदान अधिकारी ने बताया कि, उनका बूथ शिफ्टेट बूथ था. पहले माचपल्ली के लोग जाते थे. स्वरूप नगर में इस बार बूथ को वहीं माचपल्ली में बनाया गया था. हेलीकॉप्टर से एक कैम्प में उतारने के बाद तकरीबन 20 किलोमीटर पैदल फोर्स के साथ चलने के बाद वे लोग मतदान केंद्र पहुंचे थे. हालांकि कोई नक्सल घटना नहीं हुई, लेकिन मतदान के एक दिन बाद उस क्षेत्र ने नक्सलियों ने टावर में आग लगा दिया था. इन लोगों के हिम्मत और हौसले के बदौलत ही मतदान शत प्रतिशत हुआ. इसीलिए जिला निर्वाचन आयोग ने इन मतदानकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.