कांकेर: आखिरकार वन विभाग की मेहनत रंग लाई और दुधावा डैम के टापू पर फंसे बंदर धीरे-धीरे ही सही टापू से बाहर आ रहे हैं. वन विभाग की ओर से 15 से ज्यादा बंदरों के पुल के जरिए टापू से बाहर आने की जानकारी मिली है. बता दें कि दुधावा डैम का जलस्तर बढ़ने की वजह से बंदरों का एक झुंड करीब 2 महीने से टापू पर फंसा थ. वन विभाग को जैसे ही इस बात की जनकारी लगी, अमला हरकत में आया.
पहले तो बंदरों के लिए पहाड़ी पर फल और सब्जियां भिजवाई गईं, ताकि वानरों को कोई तकलीफ न हो. इसके बाद बंदरों को सुरक्षित बाहर निकलाने के लिए 'ऑपरेशन वानर' शुरू किया गया.
19 नवंबर को बनकर तैयार हुआ पुल
पहले तो वन विभाग के कर्मचारियों ने नाव के जरिए इलाके का मुआयना किया गया, इसके बाद डैम में लकड़ी का अस्थाई पुल बनाने का फैसला लिया गया. पुल बनाने का काम शुरू हुआ और तीन दिन की मशक्कत के बाद आखिरकार 19 नवंबर को पुल बनकर तैयार हुआ.
डैम से छोड़ा गया पानी
सेतु के बन जाने के बाद सरकार को उम्मीद थी कि बंदर इसी रास्ते से बाहर निकलेंगे लेकिन 20 नवंबर तक वानरों ने कोई हलचल नहीं की, इसके बाद डैम से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अभी सब सोच ही रहे थे कि यह प्रयोग सफल हो पाएगा कि नहीं, तभी 21 नवंबर की सुबह आई एक तस्वीर ने सभी के चेहरों पर मुस्कान ला दी.
टापू से बाहर आ रहे बंदर
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता था कि बंदरों का एक झुंड अस्थाई पुल के जरिए टापू से बाहर आ रहा था. अब उम्मीद है कि जल्द ही पहाड़ी पर मौजूद बाकी बंदर भी इसी रास्ते से सुरक्षित डैम से बाहर आ जाएंगे.