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VIDEO: सफल रहा ऑपरेशन वानर, दुधावा डैम के टापू से बाहर आया बंदरों का झुंड - टापू में फंसे बंदरों का दल

दुधावा डैम के टापू में फंसे बंदरों का दल बाहर आने लगा है. डैम से पानी छोड़ने के बाद बंदरों ने बाहर आना शुरू कर दिया है.

सफल रहा ऑपरेशन वानर
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Published : Nov 21, 2019, 1:09 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 3:19 PM IST

कांकेर: आखिरकार वन विभाग की मेहनत रंग लाई और दुधावा डैम के टापू पर फंसे बंदर धीरे-धीरे ही सही टापू से बाहर आ रहे हैं. वन विभाग की ओर से 15 से ज्यादा बंदरों के पुल के जरिए टापू से बाहर आने की जानकारी मिली है. बता दें कि दुधावा डैम का जलस्तर बढ़ने की वजह से बंदरों का एक झुंड करीब 2 महीने से टापू पर फंसा थ. वन विभाग को जैसे ही इस बात की जनकारी लगी, अमला हरकत में आया.

सफल रहा ऑपरेशन वानर

पहले तो बंदरों के लिए पहाड़ी पर फल और सब्जियां भिजवाई गईं, ताकि वानरों को कोई तकलीफ न हो. इसके बाद बंदरों को सुरक्षित बाहर निकलाने के लिए 'ऑपरेशन वानर' शुरू किया गया.
19 नवंबर को बनकर तैयार हुआ पुल

पहले तो वन विभाग के कर्मचारियों ने नाव के जरिए इलाके का मुआयना किया गया, इसके बाद डैम में लकड़ी का अस्थाई पुल बनाने का फैसला लिया गया. पुल बनाने का काम शुरू हुआ और तीन दिन की मशक्कत के बाद आखिरकार 19 नवंबर को पुल बनकर तैयार हुआ.

डैम से छोड़ा गया पानी
सेतु के बन जाने के बाद सरकार को उम्मीद थी कि बंदर इसी रास्ते से बाहर निकलेंगे लेकिन 20 नवंबर तक वानरों ने कोई हलचल नहीं की, इसके बाद डैम से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अभी सब सोच ही रहे थे कि यह प्रयोग सफल हो पाएगा कि नहीं, तभी 21 नवंबर की सुबह आई एक तस्वीर ने सभी के चेहरों पर मुस्कान ला दी.

टापू से बाहर आ रहे बंदर
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता था कि बंदरों का एक झुंड अस्थाई पुल के जरिए टापू से बाहर आ रहा था. अब उम्मीद है कि जल्द ही पहाड़ी पर मौजूद बाकी बंदर भी इसी रास्ते से सुरक्षित डैम से बाहर आ जाएंगे.

कांकेर: आखिरकार वन विभाग की मेहनत रंग लाई और दुधावा डैम के टापू पर फंसे बंदर धीरे-धीरे ही सही टापू से बाहर आ रहे हैं. वन विभाग की ओर से 15 से ज्यादा बंदरों के पुल के जरिए टापू से बाहर आने की जानकारी मिली है. बता दें कि दुधावा डैम का जलस्तर बढ़ने की वजह से बंदरों का एक झुंड करीब 2 महीने से टापू पर फंसा थ. वन विभाग को जैसे ही इस बात की जनकारी लगी, अमला हरकत में आया.

सफल रहा ऑपरेशन वानर

पहले तो बंदरों के लिए पहाड़ी पर फल और सब्जियां भिजवाई गईं, ताकि वानरों को कोई तकलीफ न हो. इसके बाद बंदरों को सुरक्षित बाहर निकलाने के लिए 'ऑपरेशन वानर' शुरू किया गया.
19 नवंबर को बनकर तैयार हुआ पुल

पहले तो वन विभाग के कर्मचारियों ने नाव के जरिए इलाके का मुआयना किया गया, इसके बाद डैम में लकड़ी का अस्थाई पुल बनाने का फैसला लिया गया. पुल बनाने का काम शुरू हुआ और तीन दिन की मशक्कत के बाद आखिरकार 19 नवंबर को पुल बनकर तैयार हुआ.

डैम से छोड़ा गया पानी
सेतु के बन जाने के बाद सरकार को उम्मीद थी कि बंदर इसी रास्ते से बाहर निकलेंगे लेकिन 20 नवंबर तक वानरों ने कोई हलचल नहीं की, इसके बाद डैम से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अभी सब सोच ही रहे थे कि यह प्रयोग सफल हो पाएगा कि नहीं, तभी 21 नवंबर की सुबह आई एक तस्वीर ने सभी के चेहरों पर मुस्कान ला दी.

टापू से बाहर आ रहे बंदर
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता था कि बंदरों का एक झुंड अस्थाई पुल के जरिए टापू से बाहर आ रहा था. अब उम्मीद है कि जल्द ही पहाड़ी पर मौजूद बाकी बंदर भी इसी रास्ते से सुरक्षित डैम से बाहर आ जाएंगे.

Intro:कांकेर- टापू में फंसे बन्दरो का एक झुंड अस्थाई पूल के माध्यम से बाहर निकल आया है, आज सुबह बाहर बन्दरो का एक झुंड बाहर आया है ,1 5 से 20 बन्दरो के बाहर आने की जानकारी वन विभाग की टीम ने दी है ।Body:टापू में और बन्दर फंसे है या नही इसकी जांच की जा रही है । डीएफओ अरविंद पीएम ने इसकी जानकारी दी है ।
टापू में फंसे बन्दरो के झुंड को बाहर निकालने अस्थाई पूल बनाया गया था ,जिससे बन्दर बाहर नही आ रहे थे, जिसके बाद डेम से पानी छोड़ा गया था, पानी छोड़े जाने के बाद आज सुबह बन्दरो का एक झुंड बाहर आया है । Conclusion:पिछले 6 दिनों से वन विभाग की टीम रेस्कयू ऑपरेशन चला रही थी, जिसमे अब कामयाबी हाथ लगी है । टापू में और बन्दर है या नही, इसकी जांच के लिए वन विभाग की टीम टापू पर जा रही है ।
Last Updated : Nov 21, 2019, 3:19 PM IST
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