कांकेर : भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनाए जा रहे गौठानों की दो दिन बाद ही पोल खुल गई है. 1 अगस्त को हरेली तिहार के दिन गौठानों का बड़े ही धूम-धाम और लाव-लश्कर के साथ उद्घाटन किया गया था. गौठान में गाय और चारा मौजूद था, लेकिन तीन दिन बाद ही ये गौठान सूने हो चुके हैं. गाय गायब हैं और चारे का एक तिनका भी नहीं दिखाई दे रहा है.
जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर ग्राम गढ़पिछवाड़ी में बने इन गौठानों का जब ETV भारत की टीम ने जायजा लिया तो यहां न तो मवेशी नजर आए और न ही चारे-पानी की कोई व्यवस्था दिखाई दी. ऐसे में ये कहा जाए कि मात्र उद्घाटन के दिन दिखावे के लिए यहां आस पास से मवेशियों को लाकर छोड़ दिया गया था तो शायद गलत नहीं होगा.
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सरकार लगा रही लाखों रुपए, प्रशासन दिखा रहा उदासीनता
नरवा गरुवा घुरवा और बारी सरकार की मुख्य योजनाओं में से एक है, जिसके लिए शासन लाखों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों की उदासीनता के चलते ग्राम पंचायत भी इस योजना को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.
जंगल से सटा है गौठान, जानवरों का रहेगा डर
गढ़ पिछवाड़ी में जो गौठान बनाया गया है, वो घने पहाड़ी जंगलों से सटा हुआ है. ऐसे में यहां जंगली जानवरों का डर भी बना रहता है, गढ़ पिछवाड़ी में कई बार भालू, तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को देखा जा चुका है. ऐसे में यहां अगर मवेशियों को रखा भी जाता है तो उन्हें खतरा हो सकता है.
जिले में 42 गौठानों का हुआ था उद्घाटन
हरेली के दिन जिलेभर में 42 गौठानों का उद्घाटन किया गया था, जिसमे गढ़ पिछवाड़ी का गौठान भी शामिल है. वहीं जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने भी इस दिन नरहरपुर ब्लॉक के मानिकपुर गांव में गौठान का लोकार्पण किया था.