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कांकेर : दिखावे के लिए गौठान का उद्घाटन, 3 दिन बाद ही गायब थीं गाय और न दिखा चारा

गढ़पिछवाड़ी में बने गौठानों का हरेली तिहार त्योहार पर धूम-धाम से उद्घाटन किया गया. जब ETV भारत की टीम ने जायजा लिया तो यहां न तो मवेशी नजर आए और न ही चारे-पानी की कोई व्यवस्था दिखाई दी

खाली पड़ा गौठान
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Published : Aug 4, 2019, 11:44 PM IST

कांकेर : भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनाए जा रहे गौठानों की दो दिन बाद ही पोल खुल गई है. 1 अगस्त को हरेली तिहार के दिन गौठानों का बड़े ही धूम-धाम और लाव-लश्कर के साथ उद्घाटन किया गया था. गौठान में गाय और चारा मौजूद था, लेकिन तीन दिन बाद ही ये गौठान सूने हो चुके हैं. गाय गायब हैं और चारे का एक तिनका भी नहीं दिखाई दे रहा है.

उद्घाटन के दो दिन बाद ही गौठान पड़ा खाली

जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर ग्राम गढ़पिछवाड़ी में बने इन गौठानों का जब ETV भारत की टीम ने जायजा लिया तो यहां न तो मवेशी नजर आए और न ही चारे-पानी की कोई व्यवस्था दिखाई दी. ऐसे में ये कहा जाए कि मात्र उद्घाटन के दिन दिखावे के लिए यहां आस पास से मवेशियों को लाकर छोड़ दिया गया था तो शायद गलत नहीं होगा.

पढ़ें : गौठान योजना को बीजेपी ने बताया असफल, कांग्रेस पर साधा निशाना

सरकार लगा रही लाखों रुपए, प्रशासन दिखा रहा उदासीनता
नरवा गरुवा घुरवा और बारी सरकार की मुख्य योजनाओं में से एक है, जिसके लिए शासन लाखों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों की उदासीनता के चलते ग्राम पंचायत भी इस योजना को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.

जंगल से सटा है गौठान, जानवरों का रहेगा डर
गढ़ पिछवाड़ी में जो गौठान बनाया गया है, वो घने पहाड़ी जंगलों से सटा हुआ है. ऐसे में यहां जंगली जानवरों का डर भी बना रहता है, गढ़ पिछवाड़ी में कई बार भालू, तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को देखा जा चुका है. ऐसे में यहां अगर मवेशियों को रखा भी जाता है तो उन्हें खतरा हो सकता है.

जिले में 42 गौठानों का हुआ था उद्घाटन
हरेली के दिन जिलेभर में 42 गौठानों का उद्घाटन किया गया था, जिसमे गढ़ पिछवाड़ी का गौठान भी शामिल है. वहीं जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने भी इस दिन नरहरपुर ब्लॉक के मानिकपुर गांव में गौठान का लोकार्पण किया था.

कांकेर : भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनाए जा रहे गौठानों की दो दिन बाद ही पोल खुल गई है. 1 अगस्त को हरेली तिहार के दिन गौठानों का बड़े ही धूम-धाम और लाव-लश्कर के साथ उद्घाटन किया गया था. गौठान में गाय और चारा मौजूद था, लेकिन तीन दिन बाद ही ये गौठान सूने हो चुके हैं. गाय गायब हैं और चारे का एक तिनका भी नहीं दिखाई दे रहा है.

उद्घाटन के दो दिन बाद ही गौठान पड़ा खाली

जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर ग्राम गढ़पिछवाड़ी में बने इन गौठानों का जब ETV भारत की टीम ने जायजा लिया तो यहां न तो मवेशी नजर आए और न ही चारे-पानी की कोई व्यवस्था दिखाई दी. ऐसे में ये कहा जाए कि मात्र उद्घाटन के दिन दिखावे के लिए यहां आस पास से मवेशियों को लाकर छोड़ दिया गया था तो शायद गलत नहीं होगा.

पढ़ें : गौठान योजना को बीजेपी ने बताया असफल, कांग्रेस पर साधा निशाना

सरकार लगा रही लाखों रुपए, प्रशासन दिखा रहा उदासीनता
नरवा गरुवा घुरवा और बारी सरकार की मुख्य योजनाओं में से एक है, जिसके लिए शासन लाखों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों की उदासीनता के चलते ग्राम पंचायत भी इस योजना को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.

जंगल से सटा है गौठान, जानवरों का रहेगा डर
गढ़ पिछवाड़ी में जो गौठान बनाया गया है, वो घने पहाड़ी जंगलों से सटा हुआ है. ऐसे में यहां जंगली जानवरों का डर भी बना रहता है, गढ़ पिछवाड़ी में कई बार भालू, तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को देखा जा चुका है. ऐसे में यहां अगर मवेशियों को रखा भी जाता है तो उन्हें खतरा हो सकता है.

जिले में 42 गौठानों का हुआ था उद्घाटन
हरेली के दिन जिलेभर में 42 गौठानों का उद्घाटन किया गया था, जिसमे गढ़ पिछवाड़ी का गौठान भी शामिल है. वहीं जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने भी इस दिन नरहरपुर ब्लॉक के मानिकपुर गांव में गौठान का लोकार्पण किया था.

Intro:कांकेर - इस महीने की पहली तारीख को हरेली त्यौहार के दिन नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी के तहत गौठानो का लोकार्पण किया गया था , लेकिन महज दो दिन बाद ही इस गौठान की तस्वीर सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर प्रशासन और संबंधित पंचायत की उदासीनता की कहानी बयां कर रहा है । हम बात कर रहे है जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर ग्राम गढ़पिछवाड़ी में बने गौठान की ।


Body:1 अगस्त को कांकेर विधायक शिशुपाल शोरी ने गढ़ पिछवाड़ी गांव में बनाये गए आदर्श गौठान का लोकापर्ण किया था , इस दौरान यहां काफी संख्या में गाय- बैल थे और उनके लिए चारा पानी की व्यवस्था भी की गई थी , जिसे देख सच मे यह गौठान आदर्श नज़र आ रहा था , लेकिन लोकापर्ण के महज दो दिन बाद ईटीवी भारत की टीम ने इस गौठान का जायजा लिया तो यहां ना तो मवेशी नज़र आये और ना ही यहां चारा पानी की कोई व्यवस्था नज़र आई। ऐसे में यह कहा जाए कि मात्र उदघाटन के दिन दिखावे के लिए यहां आस पास से मवेशियों को लाकर छोड़ दिया गया था तो ये गलत नही होगा ।

सरकार लगा रहा लाखो रुपये , प्रशासन दिख उदासीन
नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी सरकार के प्रमुख कार्यो में शामिल है जिसके लिए शासन लाखो रुपये लगा रही है लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते ग्राम पंचायत भी इस योजना को लेकर गम्भीर नज़र नही आ रही है ।

जंगल से सटा है गौठान , जानवरो का डर
गढ़ पिछवाड़ी के जो गौठान बनाया गया है ,वो घने पहाड़ी जंगलों से सटा हुआ है ऐसे में यहां जंगली जानवरों का डर भी है, गढ़ पिछवाड़ी में कई बार भालू , तेंदुआ जैसे जंगली जानवरों को देखा जा चुका है ऐसे में यहां अगर मवेशियों को रखा भी जाता है तो उन्हें खतरा हो सकता है।


Conclusion:जिले में 42 गौठानो का हुआ था लोकापर्ण
हरेली के दिन जिले भर में 42 गौठानो का लोकापर्ण किया गया था जिसमे गढ़ पिछवाड़ी का गौठान भी शामिल है । वही जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने भी इस दिन नरहरपुर ब्लॉक के मानिकपुर गांव में गौठान का लोकार्पण किया था।
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