हैदराबादः भारत में रेलवे यात्रा का महत्वपूर्ण मार्ग है. रेलवे की ओर से यात्रा को सुरक्षित व सुखद बनाने के लिए सभी वर्गों विशेषकर महिलाओं, दिव्यांगों व बीमार लोगों के लिए कई प्रावधान किए गये हैं. इसमें महिलाओं को के स्पेशल कोच, गर्भवती महिलाओं के लिए लोअर बर्थ के अलावा भी कई प्रावधान किये गये हैं. इनमें सबसे प्रमुख पैसे के आभाव में रात में यात्रा कर रही किसी महिला को कई अधिकार हैं.
महिला यात्रियों के लिए रेलवे में विशेष सुविधाएंः
- रेल अधिनियम की धारा 58 के तहत यात्री गाड़ियों में द्वितीय श्रेणी का एक कोच (यान) महिला यात्रियों के लिए आरक्षित रखा जाता है. महिला कोच में महिलाएं और 12 साल से कम उम्र के बच्चे यात्रा कर सकते हैं.
- प्रमुख स्टेशनों पर महिला यात्रियों के लिए अलग से वेटिंग रूम उपलब्ध होते हैं.
- आरक्षण में महिला यात्रियों के लिए अलग से कोटा रखा गया है.
- 45 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाओं को लोअर बर्थ आवंटित किया जाता है.
- गर्भवती महिलाओं की ओर से चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने पर आरक्षण में लोअर बर्थ के लिए प्राथमिकता देने का प्रावधान है.
- मुंबई उपनगरी इलाके में महिला यात्रियों के लिए अलग से उपनगरीय गाड़ियां चलायी जाती है. इसके अलाव प्रत्येक गाड़ी में महिलाओं के अलग से कोच होता है.
- रेल अधिनियम की धारा 139 के अनुसार यदि कोई महिला यात्री बिना टिकट या अनियमित यात्रा करते हुए पायी जाती है. इस दौरान महिला फाइन/प्रभार भुगतान करने में असमर्थ है या वो मना करती है तो उसे सिर्फ दिन के समय में प्रस्थान स्टेशन, गंतव्य स्टेशन, जिला मुख्यालय स्थित स्टेशन पर ही उतारा जा सकता है. रात के समय में किसी भी स्टेशन पर नहीं उतार जायेगा.
( नोटः IRCA Coaching Tariff No 26 Part-1 Vol-1, Rule NO 241 के ये प्रावधान हैं.)