नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि लोगों के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकसित भारत का सपना साकार हो. पीएम मोदी गुजरात के वडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर की 200वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
पीएम मोदी ने सभा को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे और आपको, हम सभी को विकसित भारत के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए. हमें लोगों, विशेषकर युवा दिमागों को विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. हमें इसे साकार करने के लिए हर पल जीना होगा. हमें इस विचार (विकसित भारत) से जुड़े रहना होगा. इसके लिए सभी को जहां कहीं भी हैं, वहां से भाग लेना और योगदान देना शुरू कर देना चाहिए.'
#WATCH | Addressing a programme marking the 200th-anniversary celebrations of Shree Swaminarayan Mandir in Vadtal, PM Modi says " swaminarayan community has always worked very hard on de-addiction. our saints and mahatmas can make a huge contribution to keeping the youth away from… pic.twitter.com/dJug4IpbDy
— ANI (@ANI) November 11, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए पहली शर्त देश को आत्मनिर्भर बनाना है. उन्होंने कहा कि जाति और लिंग के आधार पर देश को बांटने वाले लोगों की हरकतों को परास्त करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'हम अक्सर कहते हैं कि विकसित भारत के सपने को साकार करने की पहली शर्त भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए कोई बाहर से नहीं आएगा, बल्कि हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाना होगा.'
#WATCH | Addressing a programme marking the 200th-anniversary celebrations of Shree Swaminarayan Mandir in Vadtal, PM Modi says " this time, the kumbh mela is being held in prayagraj. this kumbh mela takes place after 12 years. the world has also accepted this heritage. 40-50… pic.twitter.com/QOkb9cwFss
— ANI (@ANI) November 11, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देकर इसकी शुरुआत कर सकते हैं. इसके लिए हमें एकजुटता सुनिश्चित करनी होगी. दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने निजी लाभ और रूढ़िवादी सोच के लिए देश को जाति, लिंग और अन्य चीजों के संबंध में विभाजित करना चाहते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि हम इसकी गंभीरता को समझें. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की हरकतें विफल हों.'