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नारायणपुर नक्सल हमला: शहीद सेवक सलाम के गांव में पसरा मातम

नारायणपुर में हुए नक्सली हमले में चंवड़ गांव के रहने वाले जवान सेवक सलाम भी शहीद हुए हैं. गांव में सेवक सलाम के शहीद होने की खबर फैलते ही पूरे गांव में मातम पसर गया है. परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है.

mourning in house of martyred soldiers ,
शहीद के घर में मातम
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Published : Mar 23, 2021, 10:37 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों ने एक बार फिर खूनी खेल खेला है. नक्सलियों ने सर्चिंग से लौट रहे जवानों के एक बस को बम से उड़ा दिया है. जिसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं. हमले में करीब 19 जवान घायल हैं. शहीदों में कांकेर के चंवड़ गांव के रहने वाले जवान सेवक सलाम भी शामिल हैं. सेवक सलाम के शहीद होने की खबर गांव में फैलते ही पूरे गांव में मातम पसर गया है.

शहीद के घर में मातम

ठीक एक साल पहले भी नक्सलियों ने खेली थी खून की 'होली'

बड़ी संख्या में ग्रामीण शहीद के घर परिजनों को हौसला देने पहुंच रहे हैं. वहीं शहीद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. बता दें शहीद सेवक सलाम की 1 साल की बेटी है. जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है. नक्सलियों की इस कायराना करतूत से ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है.

नक्सल हमले से दहला नारायणपुर, 5 जवान शहीद, 19 घायल

परिवार के लिए दुख की घड़ी

बता दें चंवड़ गांव से 41 जवान फौज और पुलिस में सेवा दे रहे है. ग्रामीणों में सेवक की शहादत को लेकर दुख तो है, लेकिन ग्रामीणों में इस बात का गर्व भी है कि उनके गांव का बेटा देश सेवा में शहीद हुआ है. शहीद के परिवार के लिए समय काफी दुख का है. फिलहाल शहीद सेवक सलाम के शव के गांव पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. संभव है कि सुबह 11 बजे तक शहीद का शव घर पहुंचेगा.

कांकेर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों ने एक बार फिर खूनी खेल खेला है. नक्सलियों ने सर्चिंग से लौट रहे जवानों के एक बस को बम से उड़ा दिया है. जिसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं. हमले में करीब 19 जवान घायल हैं. शहीदों में कांकेर के चंवड़ गांव के रहने वाले जवान सेवक सलाम भी शामिल हैं. सेवक सलाम के शहीद होने की खबर गांव में फैलते ही पूरे गांव में मातम पसर गया है.

शहीद के घर में मातम

ठीक एक साल पहले भी नक्सलियों ने खेली थी खून की 'होली'

बड़ी संख्या में ग्रामीण शहीद के घर परिजनों को हौसला देने पहुंच रहे हैं. वहीं शहीद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. बता दें शहीद सेवक सलाम की 1 साल की बेटी है. जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है. नक्सलियों की इस कायराना करतूत से ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है.

नक्सल हमले से दहला नारायणपुर, 5 जवान शहीद, 19 घायल

परिवार के लिए दुख की घड़ी

बता दें चंवड़ गांव से 41 जवान फौज और पुलिस में सेवा दे रहे है. ग्रामीणों में सेवक की शहादत को लेकर दुख तो है, लेकिन ग्रामीणों में इस बात का गर्व भी है कि उनके गांव का बेटा देश सेवा में शहीद हुआ है. शहीद के परिवार के लिए समय काफी दुख का है. फिलहाल शहीद सेवक सलाम के शव के गांव पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. संभव है कि सुबह 11 बजे तक शहीद का शव घर पहुंचेगा.

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