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Elephant terror in Charama डेढ़कोहका गांव में हाथी का आतंक, फसलों को पहुंचा रहा नुकसान

Elephant terror in Dedhkohka village of Charama कांकेर के चारामा में हाथियों ने आमद दर्ज की है.जिसके बाद ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे हैं.चारामा ब्लॉक के देड़कोहका में हाथियों ने ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाया है.

डेढ़कोहका गांव में हाथी का आतंक
डेढ़कोहका गांव में हाथी का आतंक
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Published : Oct 14, 2022, 1:55 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 6:40 PM IST

कांकेर : जिले अंतर्गत चारामा ब्लॉक (Charama of Kanker) में हाथियों का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाथियों के इस आंतक के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ लोग चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं. चारामा के ढेड़कोहका में घरों और बाड़ी में लगे फसलों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

डेढ़कोहका गांव में हाथी का आतंक

ग्राम डेढ़कोहका के जंगल में अभी भी हाथी मौजूद है. गांव से महज आधा किमी की दूरी में हाथी डेरा जमाए हुए हैं. जो गांव की ओर रुख कर रहा है. हाथी कभी भी गांव में प्रवेश कर सकता है. जिसके चलते ग्रामीण दहशत में हैं वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दे दी (Elephant terror in Dedhkohka village of Charama ) है.

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गौरतलब है कि कांकेर के चारामा वन परिक्षेत्र में अपने दल से बिछड़ कर एक हाथी धमतरी गरियाबंद से होते चारामा से आगे बालोद की ओर बीते एक साल से विचरण कर रहा है. इस संबंध में वन परीक्षेत्र अधिकारी एसआर सिंह ने बताया कि '' 20 से 23 हाथी है जंगल में रहते हैं.चंदा हाथी के दल ने पिछले करीब 2 सालों से जिलों में कुछ क्षेत्रों को अपना अस्थाई अड्डा बना लिया है. यह क्षेत्र जंगल पहाड़ से आच्छादित होने के साथ ही गंगरेल डैम का डूबा क्षेत्र भी है. ऐसे में हाथियों के लिए पसंदीदा जगह बन गया. साथ ही वन विभाग द्वारा हाथियों के दल को अपनी निगरानी में रखा है. Charama of Kanker

कांकेर : जिले अंतर्गत चारामा ब्लॉक (Charama of Kanker) में हाथियों का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाथियों के इस आंतक के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ लोग चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं. चारामा के ढेड़कोहका में घरों और बाड़ी में लगे फसलों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

डेढ़कोहका गांव में हाथी का आतंक

ग्राम डेढ़कोहका के जंगल में अभी भी हाथी मौजूद है. गांव से महज आधा किमी की दूरी में हाथी डेरा जमाए हुए हैं. जो गांव की ओर रुख कर रहा है. हाथी कभी भी गांव में प्रवेश कर सकता है. जिसके चलते ग्रामीण दहशत में हैं वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दे दी (Elephant terror in Dedhkohka village of Charama ) है.

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गौरतलब है कि कांकेर के चारामा वन परिक्षेत्र में अपने दल से बिछड़ कर एक हाथी धमतरी गरियाबंद से होते चारामा से आगे बालोद की ओर बीते एक साल से विचरण कर रहा है. इस संबंध में वन परीक्षेत्र अधिकारी एसआर सिंह ने बताया कि '' 20 से 23 हाथी है जंगल में रहते हैं.चंदा हाथी के दल ने पिछले करीब 2 सालों से जिलों में कुछ क्षेत्रों को अपना अस्थाई अड्डा बना लिया है. यह क्षेत्र जंगल पहाड़ से आच्छादित होने के साथ ही गंगरेल डैम का डूबा क्षेत्र भी है. ऐसे में हाथियों के लिए पसंदीदा जगह बन गया. साथ ही वन विभाग द्वारा हाथियों के दल को अपनी निगरानी में रखा है. Charama of Kanker

Last Updated : Oct 14, 2022, 6:40 PM IST
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